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This Article is From Dec 07, 2021

इस बैंक के ग्राहक अकाउंट से निकाल सकेंगे बस 10,000 रुपये, RBI ने लगा दिए प्रतिबंध

RBI ने नगर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर कई अंकुश लगा दिए हैं. इन अंकुशों के तहत बैंक के ग्राहकों के लिए अपने खातों से निकासी की सीमा 10,000 रुपये तय की गई है. बैंक की खराब होती वित्तीय स्थिति के मद्देनजर केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है.

इस बैंक के ग्राहक अकाउंट से निकाल सकेंगे बस 10,000 रुपये, RBI ने लगा दिए प्रतिबंध
RBI ने नगर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर लगाए प्रतिबंध. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुंबई:

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित नगर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर कई अंकुश लगा दिए हैं. इन अंकुशों के तहत बैंक के ग्राहकों के लिए अपने खातों से निकासी की सीमा 10,000 रुपये तय की गई है. बैंक की खराब होती वित्तीय स्थिति के मद्देनजर केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है. बैंकिंग नियमन अधिनियम (सहकारी समितियों के लिए लागू), 1949 के तहत ये अंकुश छह दिसंबर, 2021 को कारोबार के घंटों की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए लागू रहेंगे और इनकी समीक्षा की जाएगी.

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि बैंक उसकी अनुमति के बिना न तो कोई ऋण या अग्रिम देगा और न ही किसी कर्ज का नवीकरण करेगा. साथ ही बैंक के किसी तरह का निवेश करने, किसी तरह की देनदारी लेने, भुगतान और संपत्तियों के हस्तांतरण या बिक्री पर भी रोक रहेगी.

रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक के ग्राहक अपने बचत बैंक या चालू खातों से 10,000 रुपये से अधिक की राशि नहीं निकाल सकेंगे. रिजर्व बैंक के आदेश की प्रति बैंक परिसर में लगाई गई है जिससे ग्राहकों को इसकी जानकारी मिल सके. हालांकि, केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया है कि इन अंकुशों का मतलब बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने से नहीं लिया जाना चाहिए.

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वसई सहकारी बैंक पर आरबीआई ने लगाया था जुर्माना

रिजर्व बैंक ने इसके पहले अक्टूबर में महाराष्ट्र के एक और बैंक वसई विकास सहकारी बैंक पर कुछ निर्देशों का पालन नहीं करने पर 90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. इनमें ऋणों का डूबे कर्ज (एनपीए) के रूप में वर्गीकरण करना और अन्य निर्देश शामिल हैं. केंद्रीय बैंक ने बयान में बताया था कि बैंक ने उधार खातों में धन का अंतिम उपयोग सुनिश्चित करने और गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों के रूप में ऋण के वर्गीकरण के उसके निर्देशों का पालन नहीं किया है. बैंक ने आरबीआई के उस विशेष निर्देश का भी पालन नहीं किया जिसमें यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि बैंक के बही-खाते और लाभ-हानि खाते पर उसके कम से कम तीन निदेशकों द्वारा हस्ताक्षर किए जाएं.

केंद्रीय बैंक ने कहा कि 31 मार्च, 2019 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक के वैधानिक निरीक्षण, उससे संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट और सभी संबंधित पत्राचार की जांच के बाद यह खुलासा हुआ.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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