जब बात सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश की आती है, तो ज्यादातर लोग पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को ही सबसे बेहतर मानते हैं. दोनों योजनाएं आपकी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखती हैं और उस पर अच्छा ब्याज यानी रिटर्न देती हैं. फर्क बस इतना है कि PPF लंबी अवधि (long-term) योजना है जो टैक्स बेनिफिट के साथ आती है, जबकि FD कम समय के लिए फ्लैक्सिबल और तुरंत जरूरत पर पैसे निकालने की सुविधा देती है.
ऐसे में यह समझना जरूरी है कि आपकी बचत और जरूरत के हिसाब से कौन-सा विकल्प बेहतर रहेगा.
1. अवधि और पैसे निकालने की सुविधा (Tenure and Liquidity)
PPF और FD में सबसे बड़ा फर्क उनकी अवधि में है यानी पैसे कितने समय तक निवेशित रखने पड़ते है. PPF की अवधि 15 साल की होती है. इसमें से कुछ पैसा आप केवल सातवें साल के बाद ही निकाल सकते हैं. इसलिए यह योजना उन लोगों के लिए अच्छी है जो लंबे समय के लक्ष्य, जैसे रिटायरमेंट या बच्चों की पढ़ाई, के लिए पैसा बचाना चाहते हैं.
वहीं FD (Fixed Deposit) की अवधि कहीं ज्यादा फ्लेक्सिबल होती है. यह 7 दिन से लेकर 10 साल तक हो सकती है. अगर आपको कभी अचानक पैसे की जरूरत पड़ जाए, तो आप FD तोड़ सकते हैं. हालांकि, समय से पहले तोड़ने पर कुछ ब्याज का नुकसान यानी पेनल्टी देनी पड़ती है.
2. ब्याज दर और रिटर्न (Interest Rate and Return)
PPF की ब्याज दर सरकार हर तीन महीने (तिमाही) में तय करती है. फिलहाल यह करीब 7.1% सालाना है और इस पर हर साल ब्याज पर ब्याज (कंपाउंड इंटरेस्ट) मिलता है. इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि इस पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्स-फ्री होता है. यानी जो ब्याज आपको मिलता है, उस पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता. इसलिए जिन लोगों की इनकम ज्यादा है और जो ऊंचे टैक्स स्लैब में आते हैं, उनके लिए ये काफी फायदेमंद है.
वहीं FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) की ब्याज दर अलग-अलग बैंकों और जमा अवधि के हिसाब से बदलती रहती है. आम तौर पर यह 6% से 7.5% के बीच होती है. FD का फायदा यह है कि आपको शुरू में ही पता होता है कि मैच्योरिटी (Maturity) पर आपको कितनी रकम मिलेगी. लेकिन इसका नुकसान यह है कि FD पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्स के दायरे में आता है.
इसलिए अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं और टैक्स से बचत भी चाहते हैं, तो PPF बेहतर विकल्प है. लेकिन अगर आपकी जरूरत कम समय की है या आप पैसा आसानी से निकालने की सुविधा चाहते हैं, तो FD ज्यादा सही रहेगी.
3. टैक्स ट्रीटमेंट (Tax Treatment)
PPF में निवेश करने पर आपको तीन तरह से टैक्स छूट मिलती है, इसलिए इसे “EEE” (Exempt-Exempt-Exempt) कैटेगरी में रखा गया है.इसका मतलब है, जो रकम आप PPF में जमा करते हैं, वह सेक्शन 80C के तहत टैक्स फ्री होती है.इस पर हर साल मिलने वाला ब्याज टैक्स-फ्री होता है.जब PPF मैच्योर हो जाता है, तब मिलने वाली पूरी रकम भी टैक्स-फ्री होती है.
वहीं, FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) में टैक्स छूट सिर्फ तब मिलती है जब आप 5 साल की टैक्स-सेविंग FD करवाते हैं. लेकिन इस FD पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्सेबल होता है, यानी उस पर टैक्स देना पड़ता है. इसलिए टैक्स के नजरिए से PPF कहीं अधिक फायदेमंद है, खासकर नौकरीपेशा लोगों के लिए.
4. सेफ्टी और रिस्क (Safety and Risk)
PPF और FD दोनों ही निवेश के बहुत सुरक्षित तरीके माने जाते हैं. PPF में आपका पैसा पूरी तरह सरकार की गारंटी के तहत होता है, यानी इसमें किसी तरह का नुकसान होने का रिस्क नहीं रहता.
FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) भी सुरक्षित है क्योंकि बैंकों में जमा रकम पर ₹5 लाख तक की बीमा सुरक्षा (Deposit Insurance) मिलती है. यानी अगर किसी वजह से बैंक पर असर पड़ता है, तो ₹5 लाख तक की आपकी जमा रकम सुरक्षित रहती है. अगर आपकी जमा राशि इससे ज्यादा है, तो समझदारी यही है कि उसे कई बैंकों में रखें.
दोनों ही योजनाएं उन लोगों के लिए सही हैं जो रिस्क नहीं लेना चाहते और सुरक्षित निवेश चाहते हैं. हालांकि, PPF में ब्याज पर भी ब्याज मिलता है, जो इसे और भी मजबूत बनाता है, क्योंकि इससे आपका पैसा लंबे समय में महंगाई से भी सुरक्षा देता है.
कौन-सा विकल्प आपके लिए बेहतर है?
अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं और साथ ही टैक्स बचत भी करना चाहते हैं, तो PPF आपके लिए अच्छा ऑप्शन है. इसका 15 साल का लॉक इन पीरियड आपमें नियमित बचत करने की आदत डालता है और इस पर मिलने वाला टैक्स-फ्री ब्याज इसे एक बेहतरीन रिटायरमेंट स्कीम बनाता है.
वहीं, अगर आपको अक्सर कम समय में पैसे की जरूरत पड़ती है या आप ऐसा निवेश चाहते हैं जिसमें रिटर्न तय और तुरंत उपलब्ध हो, तो FD आपके लिए बेहतर है.
ज्यादातर निवेशकों के लिए सबसे अच्छा तरीका ये है कि दोनों योजनाओं में निवेश करें. PPF को अपने लंबे समय के लक्ष्यों जैसे रिटायरमेंट या बच्चों की पढ़ाई के लिए रखें. वहीं FD को किसी इमरजेंसी या दूसरी जरूरतों के लिए इस्तेमाल करें.
वरिष्ठ नागरिकों के लिए कौन सा विकल्प बेहतर ?
सीनियर सिटीजन के लिए FD ज्यादा फायदेमंद रहती है क्योंकि इसमें उन्हें हर महीने या तीन महीने में ब्याज के तौर पर नियमित इनकम मिलती रहती है. वहीं, PPF उन लोगों के लिए अच्छा है जो लंबे समय के लिए पैसा बचाना चाहते हैं.
अगर FD समय से पहले तोड़ें तो क्या होगा?
FD का समय से पहले तोड़ना संभव है, लेकिन इस पर आमतौर पर पेनल्टी (Penalty) लगती है जिससे इस पर मिलने वाला रिटर्न कम हो जाता है. वहीं, PPF में आंशिक निकासी (Partial withdrawal) केवल सातवें साल के बाद और सीमित राशि तक ही की जा सकती है.
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