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EPFO मेंबर्स को मिलती है कई तरह की पेंशन, जानें EPF पेंशन में से आपके लिए कौन सबसे बेहतर?

EPFO Pension Rules: EPFO एक सरकारी संस्था है, जो भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के दायरे में आता है. संगठित क्षेत्र में काम कर रहे हर एम्पलाई का EPFO में अकाउंट होता है.

EPFO मेंबर्स को मिलती है कई तरह की पेंशन, जानें EPF पेंशन में से आपके लिए कौन सबसे बेहतर?
Pension Under EPS-95: EPF अकाउंट रखने वालों को EPFO कर्मचारी पेंशन योजना का फायदा देता है.
नई दिल्ली:

Pension for EPF Members: भारत में ऑर्गेनाइज्‍ड सेक्‍टर (Organised Sector) में नौकरी करने वालों को EPFO यानी एम्पलाइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन सामाजिक सुरक्षा देती है. इसके तहत प्रोविडेंट फंड, इंश्योरेंस और पेंशन जैसे बेनिफिट दिए जाते हैं. EPFO एक सरकारी संस्था है, जो भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के दायरे में आता है.

EPF पेंशन के बारे में जान लें सबकुछ 

संगठित क्षेत्र में काम कर रहे हर एम्पलाई का EPFO में अकाउंट होता है. जिसमें बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12% हिस्सा हर महीने जमा होता है और इतना ही कॉन्ट्रीब्यूशन कंपनी के ओर से हर महीने किया जाता है.

कंपनी हर महीने जो कॉन्ट्रीब्यूशन करती है, उसमें 8.33 फीसदी हिस्सा एम्पलाइज पेंशन स्कीम जिसे पेंशन फंड कहते हैं उसमें जमा होता है और 3.67 फीसदी हिस्सा एम्पलाइज प्रोविडेंट फंड यानी EPF में जाता है. नौकरी  छोड़ने के बाद रिटायरमेंट के वक्त कर्मचारियों को EPFO पेंशन देता है.

कर्मचारी पेंशन योजना (Employees Pension Scheme)

EPF अकाउंट रखने वालों को EPFO कर्मचारी पेंशन योजना (Employees' Pension Scheme) का फायदा देता है. इस योजना के तहत, संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को 58 वर्ष की उम्र में रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलनी शुरू होती है.

किसे मिलेगा Employees' Pension Scheme का लाभ?

कर्मचारी पेंशन योजना (Employees' Pension Scheme - EPS) के तहत लाभ लेने के लिए, किसी व्यक्ति को निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना होता है:

  • वह EPFO का मेंबर होना चाहिए
  • उसने 10 साल की सर्विस पूरी की हो.
  • उसकी उम्र 58 साल हो गई हो
  • वह 50 साल की आयु पूरी करने के बाद भी कम दर (reduced rate) पर अपना EPS निकाल सकता है
  • वह अपनी पेंशन को दो साल (60 वर्ष की आयु तक) के लिए स्थगित भी कर सकता है जिसके बाद उसे हर साल के लिए 4% की अतिरिक्त दर पर पेंशन मिलेगी.
  • जिन सदस्यों ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में योगदान दिया होता है, उन्हें पेंशन के माध्यम से लगातार आय मिलेगी.

EPS 95 के तहत पेंशन के प्रकार ( EPFO Pension Scheme Types)

EPFO ने पेंशन को कई कैटेगरी में बांटा है. अगर आप भी प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते हैं और EPFO Member हैं तो आपके लिए ये जानकारी बहुत जरूरी है.

रिटायरमेंट पेंशन (Superannuation Pension)

अगर कोई कर्मचारी 10 साल या उससे ज्यादा समय तक ऑर्गनाइज्ड सेक्टर में नौकरी करता है और वह 58 साल की उम्र होने के बाद रिटायर हो जाता है. तो उसे सुपरन्युएशन पेंशन यानी रिटायरमेंट पेंशन (Retirement Pension) का बेनिफिट मिलता है. पेंशन कितनी बनेगी ये उसके पेंशन फंड में किए कुल योगदान पर निर्भर करता है.

अर्ली पेंशन (Early Pension)

आमतौर पर EPFO 58 साल की उम्र से पेंशन देता है, लेकिन अगर कोई मेंबर पेंशन का हकदार है और वह 58 की उम्र से पहले रिटायरमेंट ले लेता है तो 50 साल की उम्र के बाद अर्ली पेंशन क्लेम कर सकता है. हालांकि अर्ली पेंशन में EPFO मेंबर्स को हर साल 4 फीसदी के हिसाब से पेंशन घटाकर दी जाती है.

विकलांग पेंशन (Disablement Pension)

EPS 95 के तहत विकलांग पेंशन उन सदस्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है जो अपनी सर्विस के दौरान स्थाई तौर पर या फिर पूरी तरह से विकलांग हो जाते हैं. ऐसे सदस्यों के लिए उम्र और 10 साल तक पेंशन फंड में कॉन्ट्रीब्यूशन की शर्त लागू नहीं होती. अगर किसी मेंबर ने दो साल भी EPS में योगदान दिया है तो वह इस पेंशन का हकदार होता है.

विधवा या बाल पेंशन (Widow and Children Pension)

यदि किसी EPFO मेंबर की असमय मृत्यु हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में EPFO उसके पार्टनर को वित्तीय सहायता प्रदान करती है. EPFO मेंबर के जीवन साथी को हर महीने पेंशन देती है. इसके अलावा EPS 95 के तहत उसके दो बच्चे भी 25 साल की उम्र तक मंथली पेंशन पाने के हकदार होते हैं. ताकि बच्चों की पढ़ाई और परवरिश बेहतर तरह से हो सके.

अनाथ पेंशन (Orphan Pension)

अगर किसी EPFO मेंबर की मृत्यु हो जाती है और उसके जीवन साथी की भी मृत्यु हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में 25 साल से कम उम्र के दो बच्चे अनाथ पेंशन के हकदार होते हैं.  लेकिन ये पेंशन बच्‍चों को 25 साल की उम्र का होने तक ही मिलती है.

नॉमिनी पेंशन (Nominee Pension)

अगर किसी EPFO मेंबर की पत्नी या बच्चे नहीं होते हैं. तो फिर ऐसी स्थिति में EPFO मेंबर की मृत्यु होने पर वह जिसे नॉमिनी बनाकर जाता है उसे पेंशन दी जाती है. जैसे अगर उसने अपने माता-पिता को नॉमिनी बनाया है. तो उसकी मृत्यु के बाद दोनों को आधी आधी पेंशन दी जाती है. अगर उसने किसी एक को ही नॉमिनी बनाया है तो पूरी पेंशन उस नॉमिनी को दी जाती है.

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