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इंश्योरेंस प्रीमियम पर अब Zero GST, जानिए पुरानी पॉलिसी वालों को फायदा मिलेगा या नहीं?

News GST Rates: एक्सपर्ट्स का मानना है कि जीएसटी हटने के बाद प्रीमियम 15-18% तक सस्ता होगा. हालांकि, यह भी देखा जाएगा कि बीमा कंपनियां बेस प्रीमियम में कोई बदलाव करती हैं या नहीं.

इंश्योरेंस प्रीमियम पर अब Zero GST, जानिए पुरानी पॉलिसी वालों को फायदा मिलेगा या नहीं?
GST Rate Cut On Health and Life Insurance: पहले महंगा होने की वजह से कई लोग हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस से दूर रहते थे. अब टैक्स हटने के बाद ज्यादा लोग पॉलिसी लेंगे.
नई दिल्ली:

त्योहारों से पहले सरकार ने लोगों को बड़ा तोहफा दिया है. आज यानी 22 सितंबर से GST 2.0 लागू हो गया है. इसके साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance)और लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance )पर लगने वाला पूरा 18% GST खत्म कर दिया गया है. इसका मतलब है कि अब इंडिविजुअल हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना पहले से सस्ता हो गया है.

अब कितना बदला प्रीमियम

पहले जब कोई भी व्यक्ति इंश्योरेंस पॉलिसी लेता था तो प्रीमियम पर 18% GST जुड़ जाता था. उदाहरण के लिए, अगर आपका सालाना प्रीमियम 20,000 रुपये था तो आपको 23,600 रुपये चुकाने पड़ते थे. अब यह घटकर सीधा 20,000 रुपये ही रह जाएगा. यानी प्रीमियम पर टैक्स का बोझ पूरी तरह खत्म हो गया है.

किसे मिलेगा फायदा

नया नियम सिर्फ 22 सितंबर से लागू हुआ है. इसका फायदा उन लोगों को मिलेगा जिनकी पॉलिसी आज या उसके बाद रिन्यू हो रही है या जो नई पॉलिसी लेंगे. इंडिविजुअल हेल्थ पॉलिसी, फैमिली फ्लोटर, सीनियर सिटीजन पॉलिसी, टर्म लाइफ इंश्योरेंस, ULIP और एंडॉवमेंट जैसी पॉलिसियों पर यह राहत लागू है.

किसे नहीं मिलेगा फायदा

जिन लोगों ने पहले ही पॉलिसी खरीद ली है और प्रीमियम भर दिया है, उन्हें इस राहत का फायदा नहीं मिलेगा. क्योंकि उन्होंने 22 सितंबर से पहले ही 18% GST चुका दिया है. इसी तरह, ग्रुप इंश्योरेंस या कॉर्पोरेट पॉलिसी पर यह छूट लागू नहीं होगी.

20 सितंबर को एक्सपायर हुई पॉलिसी तो क्या करें?

अगर आपकी हेल्थ पॉलिसी 20 सितंबर को एक्सपायर हो गई है तो चिंता की बात नहीं है. IRDAI के नियमों के मुताबिक, आपको 30 दिन का ग्रेस पीरियड मिलता है. यानी आप 21 अक्टूबर तक अपनी पॉलिसी रिन्यू कर सकते हैं. अगर आप इसे 22 सितंबर या उसके बाद रिन्यू करते हैं तो आपको जीएसटी कटौती का सीधा फायदा मिलेगा. आपके नो-क्लेम बोनस और वेटिंग पीरियड पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा.

क्या कंपनियां बेस प्रीमियम बदलेंगी?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि जीएसटी हटने के बाद प्रीमियम 15-18% तक सस्ता होगा. हालांकि, यह भी देखा जाएगा कि बीमा कंपनियां बेस प्रीमियम में कोई बदलाव करती हैं या नहीं. टर्म इंश्योरेंस जैसी पॉलिसी में कंपनियां ज्यादा बदलाव नहीं कर पाएंगी क्योंकि वहां कड़ी प्रतिस्पर्धा है. लेकिन एंडॉवमेंट और ULIP जैसी पॉलिसी में आपका फायदा सिर्फ प्रीमियम सस्ता होने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि अब पूरा पैसा निवेश में जाएगा और उस पर ज्यादा रिटर्न मिलेगा.

क्यों बढ़ेगा इंश्योरेंस मार्केट?

पहले महंगा होने की वजह से कई लोग हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस से दूर रहते थे. अब टैक्स हटने के बाद ज्यादा लोग पॉलिसी लेंगे. इससे बीमा कंपनियों को नए ग्राहक मिलेंगे और रिस्क पूल मजबूत होगा. कम उम्र और स्वस्थ लोग भी सस्ती पॉलिसी लेंगे, जिससे कंपनियों पर क्लेम का दबाव घटेगा और बाजार तेजी से बढ़ेगा.

आम लोगों को सीधा फायदा 

सरकार का कहना है कि इस फैसले से बीमा पॉलिसी आम आदमी की पहुंच में आ जाएगी. अब किसी को भी सिर्फ प्रीमियम भरना होगा, उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. यह कदम बीमा सेक्टर और ग्राहकों दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा.
 

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