Mutual Fund Investment: बीते साल 2023 में औसत प्रदर्शन से उबरते हुए म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री (Mutual Funds Industry) ने पर्याप्त तेजी देखी और इसका एसेट्स बेस लगभग 11 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 50 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया. इस शानदार प्रदर्शन के पीछे शेयर बाजार में तेजी के दौर, स्थिर ब्याज दरों और एक मजबूत आर्थिक वृद्धि की अहम भूमिका रही है.
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) की तरफ से सोमवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2023 में फंड योजनाओं में कुल निवेश (Mutual Fund Investment) में खासी तेजी दर्ज की गई है. इस दौरान म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 2023 में 10.9 लाख करोड़ रुपये यानी 27 प्रतिशत बढ़ गई. यह एक साल पहले 2022 में म्यूचुअल फंड के एयूएम में (MF Industry's AUM) 2.65 लाख करोड़ रुपये यानी 5.7 प्रतिशत की वृद्धि से काफी अधिक है. इसके पहले वर्ष 2021 में एसेट्स बेस सात लाख करोड़ रुपये के साथ लगभग 22 प्रतिशत बढ़ा था.
एम्फी के आंकड़ों से पता चलता है कि एसेट्स बेस 2022 में 39.88 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2023 में 50.78 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया. दिसंबर, 2021 के अंत में एसेट्स बेस 37.72 लाख करोड़ रुपये और दिसंबर, 2020 में 31 लाख करोड़ रुपये था.
इस तरह 2023 में इंडस्ट्री के एसेट्स बेस में लगातार 11वें साल बढ़ोतरी हुई. इस वर्ष उद्योग में वृद्धि को इक्विटी योजनाओं, खासकर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan) या एसआईपी (SIP) के जरिये निवेश से समर्थन मिला. इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने एसेट बेस में भारी वृद्धि का श्रेय बढ़ते हुए इक्विटी बाजार, स्थिर ब्याज दरों और बढ़ती आर्थिक वृद्धि को दिया है.
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में बीते साल 2.7 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश (MF Investment) हुआ जबकि एक साल पहले 71,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हासिल हुआ था.
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