साल 2025 खत्म होने में अब सिर्फ कुछ ही दिन बचे हैं, लेकिन अभी भी लाखों टैक्सपेयर्स ऐसे हैं जिनका ITR रिफंड अब तक खाते में नहीं आया है. अगर आप भी बार बार रिफंड स्टेटस चेक कर रहे हैं और परेशान हो रहे हैं, तो आपके लिए यह खबर राहत देने वाली है. दरअसल, रिफंड में देरी होने का मतलब हमेशा नुकसान नहीं होता. कई मामलों में देरी से टैक्सपेयर्स को ज्यादा पैसा भी मिलता है.
रिफंड नहीं आया तो घबराने की जरूरत नहीं
अगर आपने सही तरीके से ITR फाइल किया है और किसी तरह की गलती नहीं की है, तो रिफंड न आने पर घबराने की जरूरत नहीं है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर यानी CPC तय नियमों के तहत ही रिफंड जारी करता है. अगर CPC तय समय के अंदर आपका रिटर्न प्रोसेस नहीं करता, तो कानून आपके पक्ष में काम करता है.
इनकम टैक्स का नियम क्या कहता है ?
इनकम टैक्स के नियम के मुताबिक, जिस वित्त वर्ष में आपने ITR फाइल किया है, उसके खत्म होने के 9 महीने के अंदर CPC को आपका रिटर्न प्रोसेस करना होता है. अगर आपने समय पर या फिर 31 दिसंबर 2025 तक लेट फाइलिंग की डेडलाइन के अंदर रिटर्न भरा है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास इसे प्रोसेस करने के लिए 31 दिसंबर 2026 तक का समय होता है.
31 दिसंबर तक रिफंड नहीं आया तो क्या होगा?
अगर 31 दिसंबर 2026 तक भी आपका रिफंड जारी नहीं होता है, ऐसे कंडीशन में आप रिफंड पर ब्याज पाने के हकदार होते है. यानी जितनी देर होगी, उतना फायदा टैक्सपेयर्स को मिलेगा. यह ब्याज इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से दिया जाता है.
रिफंड के साथ ब्याज भी मिलेगा
डेडलाइन के बाद भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी रहती है कि अगर आपके खाते में रिफंड बनता है, तो वह आपको पूरा पैसा लौटाए. इसके साथ ही रिफंड में देरी होने पर आपको ब्याज भी दिया जाता है, जिससे आपकी जेब में आने वाला अमाउंट बढ़ जाता है.
अगर आपने ITR सही तरीके से फाइल किया है और कोई नोटिस या गलती नहीं है, तो रिफंड में देरी से डरने की जरूरत नहीं है. कई मामलों में इंतजार करने का फायदा भी मिलता है, क्योंकि रिफंड के साथ ब्याज जुड़ जाता है.
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