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शादी में मिले कीमती गिफ्ट्स और Alimony पर लगेगा Tax या मिलेगी छूट? जान लें इनकम टैक्स के नियम, वरना आ सकता है नोटिस!

Income Tax Rules: शादी में मिलने वाले गिफ्ट, पति-पत्नी के बीच पैसों का लेन-देन, बच्चों की कमाई और तलाक के बाद मिलने वाली एलिमनी, इन सभी पर इनकम टैक्स के अलग-अलग नियम लागू होते हैं.

शादी में मिले कीमती गिफ्ट्स और Alimony पर लगेगा Tax या मिलेगी छूट? जान लें इनकम टैक्स के नियम, वरना आ सकता है नोटिस!
Income tax on Wedding Gifts: कुछ लोग ब्लैक मनी को शादी के गिफ्ट के रूप में दिखाने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह रिस्की हो सकता है.
नई दिल्ली:

शादी और तलाक जिंदगी के बड़े फैसले होते हैं, लेकिन इनका असर सिर्फ रिश्तों पर ही नहीं, आपकी टैक्स प्लानिंग पर भी पड़ता है. शादी में मिलने वाले गिफ्ट, पति-पत्नी के बीच पैसों का लेन-देन, बच्चों की कमाई और तलाक के बाद मिलने वाली एलिमनी, इन सभी पर इनकम टैक्स के अलग-अलग नियम लागू होते हैं. अक्सर लोगों इन नियमों के बारे में ठीक से पता नहीं होता, इसलिए आज हम आपको आसान भाषा में बताएंगे कि क्या टैक्स-फ्री होता है, किस पर टैक्स लगता है और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

क्या शादी में मिले गिफ्ट पर टैक्स लगता है? (Are Wedding Gifts Taxable?)

आमतौर पर अगर किसी व्यक्ति को एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये से ज्यादा के गिफ्ट मिलते हैं, तो उस पर टैक्स लगता है. लेकिन शादी के मौके पर दूल्हा और दुल्हन को मिलने वाले गिफ्ट पूरी तरह टैक्स-फ्री होते हैं, चाहे उनकी कीमत कितनी भी हो.ध्यान देने वाली बात यह है कि यह छूट सिर्फ दूल्हा-दुल्हन के लिए होती है. शादी में आए रिश्तेदारों या मेहमानों को मिले गिफ्ट पर यह छूट लागू नहीं होती.

फर्जी गिफ्ट दिखाना पड़ सकता है भारी (Fake Wedding Gifts)

कुछ लोग ब्लैक मनी को शादी के गिफ्ट के रूप में दिखाने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह रिस्की हो सकता है. टैक्स अधिकारी शादी के सबूत मांग सकते हैं, जैसे फोटो, मेहमानों की जानकारी या खर्च की डिटेल. अगर गिफ्ट फर्जी पाए गए, तो 60% तक टैक्स के साथ जुर्माना और ब्याज भी देना पड़ सकता है.

पति-पत्नी के बीच गिफ्ट पर क्या नियम हैं? (What Is the Clubbing Rule?)

पति और पत्नी एक-दूसरे को पैसा, प्रॉपर्टी या शेयर गिफ्ट कर सकते हैं और उस समय कोई टैक्स नहीं लगता. लेकिन उस गिफ्ट से जो कमाई होती है, जैसे ब्याज, किराया या डिविडेंड उस पर टैक्स लगता है.इस कमाई को उस जीवनसाथी की इनकम में जोड़ दिया जाता है, जिसकी कमाई ज्यादा है. इसे ही क्लबिंग रूल (Clubbing Rule) कहते हैं. तलाक होने या किसी एक की मृत्यु के बाद यह नियम लागू नहीं रहता.

बच्चों की कमाई पर टैक्स कैसे लगता है? (Tax Rules on Minor Children's Income)

नाबालिग बच्चों की कमाई दो तरह की हो सकती है. पहली, ब्याज, किराया या डिविडेंड जैसी इनकम. इस इनकम को माता-पिता में से जो ज्यादा कमाता है उसकी इनकम में जोड़ दिया जाता है. इसमें हर बच्चे पर 1,500 रुपये की छूट मिलती है.दूसरी, जो बच्चा खुद मेहनत करके कमाता है, जैसे एक्टिंग या सिंगिंग के जरिए. इसे माता-पिता की इनकम में नहीं जोड़ा जाता. दिव्यांग बच्चों की कमाई पर भी क्लबिंग नियम लागू नहीं होता है.

एलिमनी पर टैक्स (Is Alimony Taxable After Divorce?)

भारत में एलिमनी पर कोई अलग टैक्स कानून नहीं है. टैक्स इस बात पर निर्भर करता है कि भुगतान कैसे किया गया है. जैसे अगर एकमुश्त रकम दी गई है, तो उसे आमतौर पर टैक्स-फ्री माना जाता है. वहीं हर महीने मिलने वाली एलिमनी को ज्यादातर मामलों में टैक्स योग्य माना जाता है. एलिमनी देने वाले को इस पर कोई टैक्स छूट नहीं मिलती.

शादी और तलाक से जुड़े टैक्स नियम थोड़े जटिल जरूर हैं, लेकिन सही जानकारी से आप अनावश्यक परेशानी से बच सकते हैं. बेहतर है कि किसी भी बड़े फाइनेंशियल डिसीजन से पहले टैक्स नियमों को समझें और जरूरत पड़े तो एक्सपर्ट की सलाह लें.

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