
दीपावली से पहले एक बार फिर बाजारों की रौनक लौट आई है. रौशनी और दीपों के इस त्यौहार को मनाने के लिए लोग तैयारी में जुट गए हैं. मार्केट में खरीदारी भी जबरदस्त तरीके से की जा रही है. मिठाई और दीयों के अलावा और पटाखों की सबसे अधिक डिमांड हैं. हर कोई अपने परिवार के साथ पर्व को उत्सव के साथ मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है.
त्यौहार पर बड़ी संख्या में लोग घर जाते हैं और ज्यादातर लोगों के लिए ट्रेन ही सुविधाजनक साधन है. मौका दीपावली का है तो लोग मिठाई और दीयों के अलावा खरीदे गए पटाखें और फुलझड़ी भी ट्रेन से घर ले जाने की सोच रहे हैं. अगर आप भी अपने सामान के साथ ट्रेन में पटाखा या फुलझड़ी लेकर यात्रा करने की सोच रहे हैं तो आपको रेलवे के नियम के बारें मे जानकारी जरूर होनी चाहिए.
रेलवे का नियम क्या कहता है?
रेलवे के नियम के अनुसार, ट्रेन में यात्रा के दौरान कई सामानों को ले जाना प्रतिबंधित है. उसको अलग-अलग श्रेणी में बांटा गया है, जिसमें पटाखा, रॉकेट, अनार और फुलझड़ी भी शामिल है. ये सामान विस्फोटक और खतरनाक है जो कभी भी किसी भी प्रकार की जनहानि कर सकते हैं. भारतीय रेलवे नियम के मुताबिक, कोई भी यात्री ऐसे सामान के साथ ट्रेन में यात्रा नहीं कर सकता
रेलवे की कड़ी निगरानी , पकड़े जाने पर सजा
रेलवे प्रतिबंधित सामानों को लेकर बहुत सख्त है. ऐसे में समय-समय पर सुरक्षा बलों के द्वारा कई बार ट्रेन में औचक निरीक्षण किया जाता है. खासकर दीपवाली और न्यू ईयर के मौके पर तो रेलवे सुरक्षा विभाग के द्वारा नियम का सख्ती से पालन कराया जाता है ताकि किसी भी प्रकार की घटना से बचा सके. हालांकि, निरीक्षण के दौरान अगर कोई यात्री ऐसे प्रतिबंधित सामान के साथ पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ नियम के तहत कठोर कार्रवाई की जाती है.
हो सकती है 3 साल तक की जेल
रेलवे एक्ट की धारा 164 के तहत यात्री पर 1000 रुपये का जुर्माना या तीन साल की सजा या दोनों की सजा सुनाई जा सकती है. क्योंकि, पटाखे प्रतिबंधित वस्तुओं की श्रेणी में आते हैं, इसलिए इनके साथ ट्रेन में पकड़े जाने पर यात्री सजा का हकदार होगा. इतना ही नहीं, इन वस्तुओं को ले जाने से होने वाले किसी भी नुकसान, चोट या क्षति के लिए भी वो यात्री ही जिम्मेदार ठहराए जा सकता है.
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