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2024 में बदले गए 10 Income Tax से जुड़े नियम जो 2025 में आपकी ITR फाइलिंग पर डालेंगे असर

Income Tax Rules:आइए आसान भाषा में समझते हैं कि इनकम टैक्स से जुड़े इन बदलावों का मतलब क्या है और यह आपकी ITR फाइलिंग (ITR Filing 2025) पर कैसे असर डालेगा.

2024 में बदले गए 10  Income Tax से जुड़े नियम जो 2025 में आपकी ITR फाइलिंग पर डालेंगे असर
New Income Tax Rules for FY 2024-25: सरकार ने टैक्सपेयर्स को राहत देने और टैक्स प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं.
नई दिल्ली:

इस साल जुलाई में केंद्रीय बजट 2024 में इनकम टैक्स के कई नए नियम पेश किए गए. ये बदलाव वित्तीय वर्ष 2024-25 से लागू हो चुके हैं और इनका असर 2025 में  इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग (ITR Filing ) पर पड़ेगा. सरकार ने टैक्सपेयर्स को राहत देने और टैक्स प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं. इनमें टैक्स स्लैब में बदलाव, छूट और कटौती के नए प्रावधान, और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने वाले नियम शामिल हैं.आइए आसान भाषा में समझते हैं कि इन बदलावों का मतलब क्या है और यह आपकी ITR फाइलिंग (ITR Filing 2025) पर कैसे असर डालेगा.

ये 10 इनकम टैक्स के नियम 2025 में आपकी आईटीआर फाइलिंग पर डालेंगे असर

1. नए इनकम टैक्स स्लैब 

सरकार ने नई टैक्स व्यवस्था (New tax regime) के तहत इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया है. टैक्स स्लैब में किए गए बदलाव से लोगों को फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए ज्यादा इनकम टैक्स बचाने में मदद मिलेगी.नई कर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब (New income tax slabs) में किए गए बदलाव से टैक्सपेयर्स एक फाइनेंशियल ईयर में 17,500 रुपये तक इनकम टैक्स बचा पाएंगे.

2. स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ी

इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव के साथ-साथ सरकार ने नई कर व्यवस्था के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट (Standard deduction limit) भी बढ़ा दी है. यदि कोई व्यक्ति फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए न्यू टैक्स रिजीम का विकल्प चुनता है, तो वह पहले के 50,000 रुपये के बजाय अब 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.नई टैक्स व्यवस्था के तहत फैमिली पेंशनर्स के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दी गई है. पुरानी टैक्स व्यवस्था की स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

3. NPS में एम्प्लॉयर के कॉन्ट्रीब्यूशन पर ज्यादा डिडक्शन 

नई टैक्स व्यवस्था में NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) में कर्मचारी की ओर से किए जाने वाले कॉन्ट्रीब्यूशन की डिडक्शन लिमिट बढ़ा दी गई है. पहले डिडक्शन लिमिट 10% थी जिसे बढ़ाकर अब 14% कर दिया गया है.

4. LTCG और STCG के लिए नई टैक्स दरें 

सरकार ने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 से कैपिटल गेन टैक्सेशन के नियमों में बदलाव किया है. कैपिटल गेन टैक्सेशन रिजीम को सरल बनाने के लिए  LTCG (लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेंस) और STCG (शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स) पर टैक्स दरें बदल दी गई हैं.  इक्विटी और इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड पर शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) पर 20% टैक्स लगाया जाएगा. जबकि पहले यह 15% था यानी इसमें  5% की बढ़ोतरी की गई है.

किसी भी एसेट से होने वाले लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) पर अब 12.5% टैक्स लगेगा. जबकि पहले यह अलग-अलग एसेट के लिए डिफरेंट था. इक्विटी और इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स पर LTCG पर 1.25 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट मिलेगी. जबकि पहले यह 1 लाख रुपये थी.

5. कैपिटल गेन टैक्सेशन के लिए होल्डिंग पीरियड में बदलाव 

सरकार ने कैपिटल गेन को लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (capital gains taxation) के तौर पर कैटिगराइज करने के लिए कैपिटल एसेट के टाइम पीरियड में भी बदलाव किया है.नए नियमों के मुताबिक, कैपिटल एसेट के लिए केवल दो होल्डिंग पीरियड होंगे, जिससे यह निर्धारित किया जा सकेगा कि कैपिटल गेन शॉर्ट टर्म है या लॉन्ग टर्म. सभी लिस्टेड सिक्योरिटीज के लिए, अगर होल्डिंग पीरियड 12 महीने होगा तो होने वाले गेन को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा. दूसरी ओर, सभी नॉन-लिस्टेड सिक्योरिटी के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन का होल्डिंग पीरियड 24 महीने होगा.

6. दूसरे व्यक्ति को TCS क्रेडिट की इजाजत 

मध्यम वर्ग की जरूरतों को समझते हुए, सरकार ने संग्रहणकर्ता यानी कलेक्टी (जिनसे टैक्स कलेक्ट किया जाता है (TCS)) के अलावा दूसरे लोगों को संग्रहणकर्ता (collectee) के स्थान पर TCS क्रेडिट क्लेम करने की इजाजत दी है.इस नए प्रावधान से उन अभिभावकों को मदद मिलेगी जो विदेश में पढ़ रहे बच्चों की ट्यूशन फीस देते हैं लेकिन अपनी ओर से TCS  क्रेडिट क्लेम नहीं कर पाते. यह नया नियम 1 जनवरी 2025 से लागू होगा.

7. RBI फ्लोटिंग रेट बॉन्ड पर टीडीएस 

सरकार ने RBI फ्लोटिंग रेट बॉन्ड को वित्तीय साधनों की लिस्ट में शामिल कर लिया है, जिन पर रिटर्न TDS के अधीन है. यदि आरबीआई फ्लोटिंग रेट बांड पर कमाया ब्याज 10,000 रुपये हर महीने से ज्यादा है तो टीडीएस काटा जाएगा.

8. लग्जरी गुड्स पर TCS 

लग्जरी सामान खरीदने वाले लोगों को अब ज्यादा खर्च करना होगा क्योंकि उन्हें TCS (Tax collected at source) भी भरना होगा. 10 लाख रुपये से ज्यादा कीमत के सामान पर TCS लगाया जाएगा. यह नया कानून 1 जनवरी, 2025 से लागू होगा. हालांकि, सरकार ने अभी तक लग्जरी सामानों की लिस्ट और TCS को कैसे लागू किया जाएगा, इसके बारे में जानकारी नहीं दी है.

9. घर की बिक्री पर TDS में बदलाव 

प्रॉपर्टी की बिक्री पर लगने वाले TDS के नियम में बदलाव किया गया है. संशोधन के मुताबिक, अगर टोटल पेमेंट 50 लाख रुपये से ज्यादा है, तो प्रॉपर्टी की बिक्री पर टीडीएस विक्रेता को किए गए कुल भुगतान से काटा जाना चाहिए, भले ही हर विक्रेता का हिस्सा 50 लाख रुपये से कम हो. नया बदलाव 1 अक्टूबर, 2024 से लागू हो गया है.

10.  विवाद से विश्वास स्कीम 2.0 

सरकार ने टैक्सपेयर्स के पुराने इनकम टैक्स विवादों को समाप्त करने के लिए  'विवाद से विश्वास' स्कीम (Vivad se Vishwas Scheme 2.0) शुरू की है. जिसका मकसद इनकम टैक्स के पुराने मामलों को तेजी से निपटाना है. यह स्कीम 1 अक्टूबर, 2024 से लागू हो गई है. 

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