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लिमिट से ज्यादा कैश ट्रांजैक्शन पर Income Tax डिपार्टमेंट 100% तक लगा सकता है जुर्माना, हो जाएं सावधान

Income tax on cash transactions: इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत कैश ट्रांजैक्शन Cash Transaction के लिए एक लिमिट तय की गई है. यह एक्ट कैश में दिए जाने वाले कटौतियों, भत्ते, खर्चों आदि पर भी रोक लगाता है.

लिमिट से ज्यादा कैश ट्रांजैक्शन पर Income Tax डिपार्टमेंट 100% तक लगा सकता है जुर्माना, हो जाएं सावधान
Income tax rules: आपको बता दें कि इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत कैश ट्रांजैक्शन (Cash Transaction) के लिए एक लिमिट तय की गई है.
नई दिल्ली:

सरकार डिजिटल ट्रांजैक्शन (Digital transaction) को बढ़ावा देना चाहती है. इसलिए एक तय लिमिट से ज्यादा कैश में पेमेंट करने से रोकने को लेकर नियम बनाए गए हैं. कई बार लोगों को नियमों के बारे में पता नहीं होता और अपना नुकसान कर बैठते हैं, क्योंकि नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जाता है. याद रखें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट बड़े कैश ट्रांजैक्शन पर अपनी पेनी नजर रखता है.

लिमिट से ज्यादा कैश ट्रांजैक्शन पर कितना लगेगा जुर्माना?

आपको बता दें कि इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत कैश ट्रांजैक्शन (Cash Transaction) के लिए एक लिमिट तय की गई है. यह एक्ट कैश में दिए जाने वाले कटौतियों, भत्ते, खर्चों आदि पर भी रोक लगाता है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने चेतावनी देते हुए कहा, अगर एक लिमिट से ऊपर के ट्रांजैक्शन कैश के जरिए सैटल किए जाते हैं, तो पकड़े जाने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax department) कैश में दी की गई रकम के बराबर जुर्माना लगाएगा.

कैश ट्रांजैक्शन पर टैक्स नियमों के बारे में जानना जरूरी

कई बार लोग अनजाने में लिमिट से ज्यादा के कैश ट्रांजैक्शन कर बैठते हैं और फिर बाद में उन्हें  भारी जुर्माना चुकाना पड़ता है. इसलिए नियमों के बारे में पता होना चाहिए, ताकि ऐसी गलती करने से बच सकें.

आयकर विभाग ने 2 जनवरी, 2025 को जारी एक ब्रोशर में कहा, ''कैश ट्रांजैक्शन को "ना" कहें. ब्रोशर में कैश ट्रांजैक्शन से जुड़ी कई जानकारी शेयर की गई हैं. उसमें बताया गया है कि कैश ट्रांजैक्शन की सीमा यानी लिमिट ट्रांजैक्शन के नेचर और इसे कौन एग्जीक्यूट कर रहा है.

ब्रोशर (brochure) में, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कैश से जुड़े कौन-कौन से नियम दिए हैं, चलिए जानते हैं:

1. सेक्शन 269SS: लोन, डिपॉजिट और निर्दिष्ट रकम नकद में लेना/स्वीकार करना

कोई भी व्यक्ति कैश में कोई लोन या डिपॉजिट या अन्य निर्दिष्ट रकम (Specified sum) स्वीकार नहीं कर सकता यदि रकम (या रकम का कुल योग) 20,000 रुपये या उससे ज्यादा हो. निर्दिष्ट राशि (Specified sum) का मतलब अचल संपत्ति के ट्रांसफर के संबंध में एडवांस या कोई राशि लेना है.

यह नियम इन लोगों पर लागू नहीं होता:

  • सरकार बैंकिंग कंपनी, पोस्ट ऑफिस सेविंग बैंक  या को-ऑपरेटिव बैंक (लेकिन सभी सहकारी समितियां नहीं, चाहे वे बैंकिंग या संबंधित गतिविधियों में शामिल हों या नहीं).
  • केंद्रीय, राज्य या प्रांतीय अधिनियम द्वारा स्थापित एक निगम.
  • कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2(45) में आने वाली कोई सरकारी कंपनी;
  • एक अधिसूचित संस्था, संघ या निकाय (या संस्थानों, संघों या निकायों का वर्ग).


उपरोक्त आदेश तब भी लागू नहीं होता है यदि कैश देने वाला और लेने वाला दोनों कृषि आय अर्जित कर रहे हों और उनमें से किसी की भी आय इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत टैक्सेबल न हो.

उल्लंघन करने पर जुर्माना (Penalty for violation)

इस नियम का उल्लंघन करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 271D के तहत, जितनी रकम कैश में ली गई है, उतनी ही रकम जुर्माने के तौर पर देनी होगी.

2. सेक्शन 269 ST: रकम कैश में रिसीव करना

आयकर अधिनियम की धारा 269ST के तहत, किसी व्यक्ति को एक दिन में 2 लाख रुपये या उससे अधिक की रकम नकद में प्राप्त करने पर रोक है.यह नियम चाहे वह व्यक्ति टैक्सपेयर हो या नहीं, सभी पर लागू होता है.

इस नियम के तहत निम्नलिखित स्थितियों में 2 लाख रुपये से अधिक की रकम नकद में नहीं ली जा सकती:

  • एक दिन में एक व्यक्ति से कुल मिलाकर इतनी रकम: एक दिन में एक ही व्यक्ति से 2 लाख रुपये से अधिक की रकम नकद में नहीं ली जा सकती.
  • किसी एक घटना या अवसर के लिए: जैसे शादी, जन्मदिन आदि किसी भी एक घटना या अवसर के लिए एक व्यक्ति से 2 लाख रुपये से अधिक की रकम नकद में नहीं ली जा सकती.

यह नियम किन पर लागू होता है?

एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन और अस्पतालों द्वारा ली गई फीस पर, धार्मिक संस्थाओं द्वारा दिए दान पर और दो संबंधित व्यक्तियों के बीच ट्रांजैक्शन पर या जिसमें पैसे लेने वाला और देने वाला दोनों को टैक्स से छूट प्राप्त है.

यह नियम इन पर लागू नहीं होता

सरकार या किसी बैंकिंग कंपनी, पोस्ट ऑफिस सेविंग बैंक या कोई को-ऑपरेटिव बैंक (लेकिन सभी सहकारी समितियां नहीं, चाहे वे बैंकिंग या संबंधित गतिविधियों में शामिल हों या नहीं).

उल्लंघन करने पर जुर्माना (Penalty for violation)

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा, "उपरोक्त आदेश का उल्लंघन करने पर जिसने कैश लिया है, उस पर सेक्शन 271DA के तहत कैश में ली गई रकम के बराबर जुर्माना लगाया जाएगा."

3. सेक्शन 269T: लोन या डिपॉजिट का रीपेमेंट

कोई व्यक्ति कैश में 20,000 रुपये या उससे ज्यादा की रकम का पेमेंट नहीं कर सकता. इस नियम से सरकार, बैंक, पोस्ट ऑफिस सेविंग्स बैंक को छूट दी गई है.

उल्लंघन करने पर जुर्माना (Penalty for violation)

सेक्शन 271E के तहत, जितनी रकम कैश में चुकाई गई है, उतनी ही रकम जुर्माने के तौर पर देनी होगी.

सेक्शन 269SU: इलेक्ट्रॉनिक मोड के जरिए पेमेंट स्वीकार करना

जिनका सालाना टर्नओवर 50 करोड़ रुपये से ज्यादा है, उन्हें निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से भुगतान स्वीकार करने की सुविधा प्रदान करनी होगी.

उल्लंघन करने पर जुर्माना (Penalty for violation)
नियम का उल्लंघन करने पर सेक्शन 271DB के तहत हर दिन के लिए 5,000 रुपये का जुर्माना लगेगा.दरअसल यह ब्रोशर कैश ट्रांजेक्शन से जुड़े प्रावधानों का संकलन यानी कंपायलेशन (Compilation) है. इसके जरिए सरकार कैश ट्रांजैक्शन पर लगने वाले जुर्माने के बारे में लोगों को जागरूक करना चाहती है.  सरकार की कोशिश यही है कि लोग छोटे ट्रांजैक्शन के लिए भी कैश में भुगतान करने से बचें ताकि डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दिया जा सके. 

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