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शादी करना ही नहीं, बल्कि इसे रजिस्टर्ड करना भी जरूरी, जानें मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने का तरीका

Marriage Certificate Registration: अगर आपने भी शादी कर ली है लेकिन अभी तक मैरिज सर्टिफिकेट नहीं बनवाया है तो आगे चलकर कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

शादी करना ही नहीं, बल्कि इसे रजिस्टर्ड करना भी जरूरी, जानें मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने का तरीका
Apply Online for Marriage Registration: कुछ राज्यों में शादी के बाद मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना अनिवार्य कर दिया गया है.
नई दिल्ली:

Marriage Certificate: हर साल हमारे देश में लाखों शादियां होती है. शादी सिर्फ दो लोगों को नहीं, बल्कि दो परिवार को जोड़ती है. कई लोग घरवालों और रिश्तेदारों की मौजूदगी में शादी के बंधन में तो बंध जाते हैं, लेकिन शादी के बाद मैरिज सर्टिफिकेट (Marriage Certificate) बनवाना भूल जाते हैं. जिससे आगे चलकर उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. अगर आपने भी शादी कर ली है लेकिन अभी तक मैरिज सर्टिफिकेट नहीं बनवाया है तो जान लीजिए ये सर्टिफिकेट आपके लिए बनवाना कितना जरूरी है.

जान लें शादी रजिस्टर कराने का पूरा प्रोसेस 

शादी करने के बाद इसे रजिस्टर्ड करना बहुत जरूरी है. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो कई मामलों में आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. शादी का रजिस्ट्रेशन हिंदू मैरिज एक्ट 1955 और स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत किया जाता है. शादी का रजिस्ट्रेशन होने के बाद आपको एक सर्टिफिकेट दिया जाता है जो आपकी शादी को वेरीफाई करता है. इस सर्टिफिकेट को बनावाना क्यों जरूरी है, इसे बनवाने की प्रक्रिया क्या है और इसमें क्या क्या डॉक्यूमेंट लगते हैं, आज हम आपको बताएंगे.

कई मामलों में मैरिज सर्टिफिकेट दिखाने की जरूरत पड़ती है, जैसे

1. अगर आप किसी फॉर्म में मैरिटल स्टेटस में मैरिड ऑप्शन चुन रहे हैं तो शादी का प्रूफ दिखाने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट चाहिए होता है. मैरिज सर्टिफिकेट सरकारी और गैर सरकारी दोनों ही संस्थानों के लिए जरूरी होता है.
2. अगर आप केंद्र या राज्य सरकार की किसी ऐसी स्कीम का लाभ उठाना चाहते हैं जो पति-पत्नी के लिए है तो इसके लिए मैरिज सर्टिफिकेट का होना आवश्यक है.
3. पति की मृत्यु के बाद विधवा महिलाओं को सरकारी योजनाओं का फायदा मैरिज सर्टिफिकेट के आधार पर ही मिलता है.
4. तलाक लेने के लिए भी आपके पास शादी का प्रमाण यानी मैरिज सर्टिफिकेट होना जरूरी है
5. पति या पत्नी के खिलाफ घरेलू मामलों से जुड़ी FIR करने के लिए भी मैरिज सर्टिफिकेट दिखाना होता है.
6. पति पत्नी बैंक में जॉइंट अकाउंट खुलवाना चाहते हैं तो मैरिज सर्टिफिकेट को प्रूफ के तौर पर दिखाया जा सकता है.
7. किसी दूसरे देश के परमानेंट नागरिक बनना चाहते हैं तो इसके लिए भी दंपत्ति को अपना मैरिज सर्टिफिकेट दिखाना जरूरी होता है.

कब तक करवा सकते हैं अपनी शादी रजिस्टर?

अगर नई-नई शादी हुई है तो 30 दिन के भीतर ही मैरिज सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई कर देना चाहिए. लेट हो गए हैं तो एक्स्ट्रा फी के साथ शादी के पांच साल तक भी शादी रजिस्टर करवाई जा सकती है. आपको बता दें कि शादी को 5 साल से ज्यादा होने पर संबंधित जिला रजिस्ट्रार ही इसमें छूट दे सकता है.

ऑनलाइन मैरिज सर्टिफिकेट कैसे बनवाएं (Apply online for Marriage Registration)

पहले शादी का सर्टिफिकेट बनाने की प्रक्रिया ऑफलाइन हुआ करती थी, लेकिन अब यह ऑनलाइन हो गई है. जिससे अब आप घर बैठे भी यह काम कर सकते हैं. अगर आपको अपना मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना हैं तो आपको अपने राज्य की मैरिज रजिस्टर वेबसाइट (marriage Registration Website) पर जाना होगा. यहां आपको मैरिज सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई करने का ऑप्शन नजर आ जाएगा. इस पर क्लिक करते ही आपके सामने एक नया पेज ओपन होगा. वहां आपको मैरिज सर्टिफिकेट के लिए एक एप्लीकेशन फॉर्म नजर आएगा. उसे भरने के बाद आपको इससे रिलेडेट डॉक्यूमेंट्स को अपलोड करना होगा. इसके बाद आखिर में सबमिट पर क्लिक कर दें. अपॉइंटमेंट मिलने पर तय दिन पर दो गवाहों और डॉक्यूमेंट्स के साथ ऑफिस विजिट होगा. ये पूरी प्रक्रिया होने के कुछ ही दिनों में आपको मैरिज सर्टिफिकेट मिल जाएगा.
 

मैरिज सर्टिफिकेट के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट (Documents Required for Marriage Certificate)

  • एप्लिकेशन फॉर्म (Application form)
  • एड्रेस प्रूफ (Address proof)
  • जन्म प्रमाण के लिए 10th की मार्कशीट (10th mark sheet for birth proof)
  • कपल का आईडी कार्ड (Couple's ID card)
  • आधार कार्ड (Aadhar card)
  • दो-दो पासपोर्ट साइज फोटो (Two passport size photographs)
  • शादी की जॉइंट फोटो (Joint wedding photo)
  • शादी का कार्ड (Wedding card)
  • मंदिर, गुरुद्वारा, चर्च में शादी करने पर वहां से मिला सर्टिफिकेट (Certificate obtained from temple, Gurudwara or church in case of marriage)
  • कोर्ट मैरिज करने पर कोर्ट के डॉक्यूमेंट्स (Court documents in case of court marriage)
  • दूसरी शादी के मामले में पहली शादी का तलाक सर्टिफिकेट (Divorce certificate of first marriage in case of second marriage)
  • पहले पति की मौत होने पर उसका डेथ सर्टिफिकेट (Death certificate of first husband)

इन सभी डॉक्यूमेंट्स के साथ कपल को रजिस्ट्रार के पास जाना होगा. जहां रजिस्ट्रार की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां ग्राम विकास अधिकारी के ऑफिस जाकर आप इन डॉक्यूमेंट्स को जमा करवा सकते हैं.

कुछ राज्यों में मैरिज सर्टिफिकेट अनिवार्य 

आपको बता दें कि कुछ राज्यों में शादी के बाद मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना अनिवार्य कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश में भी योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मैरिज रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य कर दिया है. सभी धर्मों के लिए विवाह पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. जो ऐसा नहीं करेगा, उसे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मैरिज रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करने का निर्देश दिया है.

शादी रजिस्टर करने  की उम्र (Age of the couple to register marriage)

आपको बता दें कि मैरिज सर्टिफिकेट पाने के लिए जरूरी है कि शादी की तारीख तक महिला की उम्र कम से कम 18 साल और पुरुष की उम्र कम से कम 21 साल होना जरूरी है.

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