Home Loan EMI: आपको होम लोन का बोझ नहीं करेगा परेशान, अपनाएं ये 5 स्मार्ट तरीका

BQ Prime Hindi से बातचीत के दौरान, HDFC Bank से जुड़ीं अधिकारी नाव्या चौधरी ने 5 स्मार्ट तरीके बताए हैं, जिसके  जरिये आप अपने होम लोन (Home Loan) का बोझ कम कर सकते हैं.

Home Loan EMI: आपको होम लोन का बोझ नहीं करेगा परेशान, अपनाएं ये 5 स्मार्ट तरीका

Home Loan: आम तौर पर होम लोन की अधिकतम अवधि 25 से 30 साल होती है

नई दिल्ली:

Home Loan: आजकल बढ़ती महंगाई के इस दौर में आदमी के लिए उनकी मूलभूत जरूरतें जैसे  रोटी, कपड़ा और मकान का खर्चा उठाना भी आसान नहीं है. अगर खासकर लोअर और मिडिल क्लास फैमिली की बात करें तो आमतौर पर ये रोटी-कपड़े का जुगाड़ तो कर ही लेते हैं, हालांकि इनके लिए घर खरीदने का सपना पूरा करना कोई आसान काम नहीं है. इनके लिए घर खरीदना भले ही जरुरत में शामिल क्यों न हो लेकिन नौकरी या अपना बिजनेस करते हुए इतनी सेविंग नहीं होती कि एक झटके में घर खरीदा जा सके. ऐसे में उनके पास विकल्प होता है- 'होम लोन' का. आजकल देश के कई बड़े शहरों में घर खरीदना इतना महंगा हो गया है कि ज्यादातर लोगों को इसके लिए होम लोन (Home Loan) लेना पड़ता है.

अगर होम लोन (Home Loan) आसानी से मिल जाए, तो भी भारी ब्याज (Home Loan Interest Rates)  चुकानी पड़ती है. आम तौर पर होम लोन की अधिकतम अवधि 25 से 30 साल होती है, लेकिन बहुत सारे लोगों के लिए इतना लंबा टेन्योर एक बोझ की तरह हो जाता है.

BQ Prime Hindi से बातचीत के दौरान, HDFC Bank से जुड़ीं अधिकारी नाव्या चौधरी ने 5 स्मार्ट तरीके बताए हैं. ऐसे में अगर आप भी होम लोन लेने लेकर घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो इसके जरिये आप अपने होम लोन का बोझ कम कर सकते हैं.

1. प्री-पेमेंट करने के लिए तैयार करें स्पेशल फंड 

होम लोन का प्री-पेमेंट करने के लिए आपको किसी जैकपॉट की जरूरत नहीं है. अगर आपने 20 से 30 साल की उम्र में होम लोन लिया है तो आप अपनी बचत में से कुछ अतिरिक्त पैसों का एक फंड बना सकते हैं. इस फंड में सैलरी में हुए इंक्रीमेंट का हिस्सा, बोनस, एक्सट्रा इनकम को शामिल कर सकते हैं. फिर इस फंड में जमा राशि को एकमुश्त होम लोन के प्री-पेमेंट के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. कुछ-कुछ साल की अवधि में ऐसा करने से लोन अमाउंट और उस पर लगने वाला ब्याज भी कम होता जाएगा. ये ब्याज में कटौती के साथ लोन की अवधि कम करने में भी मदद करता है.

2. हर महीने EMI पेमेंट की राशि बढ़ा दें

आपके लोन के टाइप को देखते हुए आप ये पता कर सकते हैं कि आप अपने महीने की किस्त बढ़ा सकते हैं या नहीं. अगर आपका फिक्स्ड रेट लोन है तो इससे आपको मदद मिलेगी. रीफाइनेंस न करा पाने की स्थिति में आप मंथली पेमेंट को बढ़ाकर लोन जल्दी जमा कर सकते हैं. इससे आप ब्याज को बढ़ने का मौका ही नहीं देते हैं और प्रिंसिपल अमाउंट भी घटता रहता है. आप हर महीने एक किस्त बढ़ा कर भी दे सकते हैं.

3. होम लोन ट्रांसफर कराने पर कर सकते हैं विचार

कई लोगों को सैलरी कम होने और क्रेडिट स्कोर अच्छा न होने के चलते हाई इंटरेस्ट रेट पर होम लोन लेना पड़ता है. लेकिन समय के साथ प्रोमोशन और इंक्रीमेंट होने या जॉब स्विच करने के बाद अगर आपकी मंथली सैलरी अच्छी हो गई है तो आप अपने होम लोन की बैलेंस राशि को किसी अन्य बैंक में ट्रांसफर कराने पर विचार कर सकते हैं. ऐसे बैंक, जिनका इंटरेस्ट रेट कम हो. कई बैंक ऐसी सुविधा देते हैं, कुछ इसके लिए प्रोसेसिंग फी चार्ज करते हैं. दूसरे बैंक में लोन को तेजी से चुकाने के लिए EMI बढ़वाकर आप लोन टेन्योर को कम भी करवा सकते हैं. अगर आपके होम लोन की अ​वधि 20 वर्ष है तो शुरुआती 2 से 5 वर्ष के बीच लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर करा लेना बेहतर रहेगा.

4. म्यूचुअल फंड SIP में निवेश करने से होगा फायदा

SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर आपको एक तय समय के बाद अच्छा खासा रिटर्न मिल सकता है. नाव्या एक उदाहरण के जरिये बताती हैं, 'जैसे आपने 25 लाख का होम लोन लिया है, जिसकी अवधि 25 साल है. वहीं दूसरी ओर आप हर महीने 5,000 रुपये की अतिरिक्त कमाई या सेविंग SIP की किसी ऐसी स्कीम में लगाते हैं, जहां 15 वर्ष के बाद आपको 20 से 22 लाख तक का रिटर्न मिल जाए.'  ऐसे में आप इस मोटी राशि का इस्तेमाल होम लोन को प्री-पेमेंट करने में कर सकते हैं. इससे आपके होम लोन की अवधि सीधे 10 साल कम हो जाएगी. म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आपको टैक्स बचाने (Tax Saving) में भी मदद मिलेगी. और 10 साल पहले कर्ज से मुक्त हो जाने पर आप टेंशन फ्री होकर दूसरी वित्तीय जिम्मेदारियां पूरी कर पाएंगे.

5. इस तरीके का भी कर सकते हैं इस्तेमाल

आप एक लंपसम अमाउंट भरकर भी अपना होम लोन टर्म कम करा सकते हैं. अगर आपके पास अचानक एक्स्ट्रा कैश की व्यवस्था हो जाए. जैसे, किसी पुश्तैनी संपत्ति के बंटवारे से, किसी पुराने इन्वेस्टमेंट की मैच्योरिटी से, पिता या मां अपनी रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त राशि में से कुछ हिस्सा स्वेच्छा से दे दें या फिर अन्य किसी संयोग से आपके पास एक्सट्रा कैश उपलब्ध हो जाए, जिसकी आपको लंबे समय तक जरूरत नहीं पड़ने वाली, तो आप अपने बैंक से बात करके एडिशनल पेमेंट कर सकते हैं.

आप एक्स्ट्रा लंपसम अमाउंट भरकर अपना लोन जल्दी बंद करवा सकते हैं. लंपसम अमाउंट पे मतलब वन टाइम पेमेंट, जिसमें आप एक बड़ा अमाउंट बैंक को दे देते हैं और इससे आपका प्रिंसिपल अमाउंट कवर हो जाता है और ब्याज भी कम हो जाता है. बहुत सारे लोग इस तरीके का इस्तेमाल करते हैं.

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