
देश की बेटियों को आत्मनिर्भर और हुनरमंद बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक नई योजना की शुरुआत की है. इस योजना का नाम है 'नव्या'. यह योजना खासतौर पर 16 से 18 साल की उम्र की लड़कियों के लिए लाई गई है. इसका मकसद है उन्हें ऐसे कामों में ट्रेनिंग देना जो अब तक आमतौर पर लड़कों या पुरुषों से जुड़े माने जाते थे.
पायलट प्रोजेक्ट 9 राज्यों के 27 जिलों में लागू
नव्या योजना की शुरुआत 24 जून को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से हुई है. यह एक पायलट प्रोजेक्ट है, जो फिलहाल 9 राज्यों के 27 जिलों में शुरू किया गया है. इन जिलों में वे इलाके भी शामिल हैं जिन्हें 'आकांक्षी जिले' कहा जाता है यानी जहां सामाजिक और आर्थिक रूप से ज्यादा मदद की जरूरत है.
बेटियों को सिखाए जाएंगे नए जमाने के स्किल्स
नव्या योजना के तहत लड़कियों को ऐसे प्रोफेशनल स्किल्स सिखाए जाएंगे जिनकी आज के समय में भारी मांग है. जैसे ग्राफिक्स डिजाइनिंग, ड्रोन असेंबलिंग, मोबाइल रिपेयरिंग, सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, CCTV लगाना, स्मार्टफोन टेक्निशियन का काम और प्रोफेशनल मेकअप आर्टिस्ट जैसे मॉडर्न स्किल्स की ट्रेनिंग दी जाएगी.
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत शुरू
नव्या योजना को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने मिलकर शुरू किया है. यह विकसित भारत 2047 के विजन से जुड़ा एक खास प्रयास है. इसके तहत लड़कियों को कमर्शियल ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और भविष्य में रोजगार के बेहतर मौके पा सकें.
किन लड़कियों को मिलेगा इस योजना का फायदा?
इस योजना का लाभ उन्हीं लड़कियों को मिलेगा जो कम से कम 10वीं पास हों और जिनकी उम्र 16 से 18 साल के बीच हो. यानी स्कूल के बाद करियर बनाने की दिशा में पहला कदम बढ़ाने वाली बच्चियों को इस योजना से बड़ा फायदा हो सकता है.
7 घंटे का खास ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार
इस योजना के लिए सरकार ने 7 घंटे का एक स्पेशल ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार किया है. इसमें सिर्फ टेक्निकल ट्रेनिंग ही नहीं, बल्कि कम्युनिकेशन स्किल्स, कमाई-खर्च को समझना, वर्कप्लेस पर व्यवहार कैसे रखें, और POSH एंड POCSO जैसे कानूनी अधिकारों की भी जानकारी दी जाएगी. ताकि लड़कियां प्रोफेशनल लाइफ के लिए पूरी तरह तैयार हो सकें.
फिलहाल आवेदन प्रक्रिया का इंतजार
अभी तक इस योजना के लिए आवेदन की आधिकारिक प्रक्रिया की घोषणा नहीं की गई है. संभावना है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय या कौशल विकास मंत्रालय की वेबसाइट के जरिए या किसी नए पोर्टल से आवेदन मंगवाए जाएं. जैसे ही सरकार इसकी जानकारी साझा करेगी, उस पर आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी.
क्यों खास है ये योजना?
क्योंकि यह सिर्फ ट्रेनिंग देने की योजना नहीं है, बल्कि यह सोच बदलने की कोशिश है. आज भी कई जगह बेटियों को सिर्फ पारंपरिक कामों तक सीमित माना जाता है. नव्या योजना उस सोच को तोड़ने की कोशिश कर रही है, ताकि बेटियां ग्राफिक डिजाइनर से लेकर ड्रोन टेक्निशियन तक बन सकें.
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