
पिछले धनतेरस के बाद से सोने ने रुपये के संदर्भ में लगभग 63 फीसदी और डॉलर के संदर्भ में 53 फीसदी का रिटर्न दिया है. वेंचुरा सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2026 तक पीली धातु के 1.5 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने की संभावना है. कमोडिटी एक्सपर्ट केडिया एडवायजरी के मुताबिक, 17 अक्टूबर को सोने का भाव करीब 3 फीसदी तक गिरा जो कि साल 2021 से एक दिन में सबसे बड़ा ड्रॉप है. एमसीएक्स पर सोने का भाव 1,25,957 पर पहुंच गया. तो सवाल है कि क्या यही सोना लेने का सही समय है?
NDTV वर्ल्ड समिट के पहले दिन वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के रिजनल सीईओ सचिन जैन ने भी सोने में निवेश को हर दौर में सही ठहराया. और उन्होंने भारतीय गृहिणियों को इसीलिए दुनिया का सबसे स्मार्ट इन्वेस्टर बताया, क्योंकि वो थोड़ा-थोड़ा ही सही, गोल्ड में निवेश करती रहती हैं. चाहे वो खुद के लिए ज्वैलरी बनवाने के बहाने या फिर गोल्ड कॉइन्स में इन्वेस्ट करने के बहाने हो.

धनतेरस से अगली तेजी शुरू
वेंचुरा सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व, ईटीएफ प्रवाह और केंद्रीय बैंक की खरीदारी से मिले नरम रुख वाले संकेतों के कारण सोने में तेजी आई है.
मार्च 2025 से सोने की कीमतें आसमान छू रही हैं, जो 3,000 डॉलर प्रति औंस से बढ़कर लगभग 4,254 डॉलर हो गई हैं. भारत में धनतेरस 2024 को सोने की कीमतें 78,840 रुपये प्रति 10 ग्राम से बढ़कर वर्तमान में 128,200 रुपये हो गई हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है, 'धनतेरस 2025 से अगली तेजी की शुरुआत करते हुए, 5000 डॉलर प्रति औंस या 1,50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के अनछुए स्तर 2026 में पहुंच सकता है.'
किधर है एक्सपर्ट का इशारा?
वेंचुरा के कमोडिटीज एवं सीआरएम प्रमुख एनएस रामास्वामी ने अमेरिकी लेबर मार्केट में बढ़ते नकारात्मक जोखिमों पर प्रकाश डाला, जिसके कारण दरों में कटौती जरूरी हो गई है.
रामास्वामी ने कहा, 'आर्थिक आंकड़ों (रोजगार और महंगाई) में देरी के कारण ध्यान फेड अध्यक्ष पॉवेल पर है, जिन्होंने संकेत दिया था कि बढ़ते श्रम बाजार जोखिम एक और दर कटौती को उचित ठहराते हैं.'
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका को अपने ऋण भुगतान की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और उसका राष्ट्रीय ऋण बढ़कर 37 ट्रिलियन डॉलर हो गया है.
सोने में लगातार 8वीं साप्ताहिक बढ़त
चीन और अमेरिका के बीच व्यापार तनाव बढ़ गया है क्योंकि चीन ने रेयर अर्थ मेटल और मैग्नेट पर कड़े निर्यात प्रतिबंधों की घोषणा की है, जो इन महत्वपूर्ण संसाधनों के दुनिया के सबसे बड़े सप्लायर हैं.
इस बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका ने चीनी आयात पर मौजूदा 30 फीसदी के अतिरिक्त 100 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे सोने की मांग में तेजी आई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन अनुकूल परिस्थितियों के चलते सोने में लगातार आठ साप्ताहिक बढ़त दर्ज की गई है. सोने की कीमतों में बढ़ोतरी निवेशकों के विश्वास और फोमो(FOMO) की प्रबल भावना को बढ़ावा दे रही है, क्योंकि हर गिरावट का सामना आक्रामक खरीदारी से हो रहा है.
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