विज्ञापन
Story ProgressBack

EXPLAINER: क्या होता है ग्रीन डायमंड, जिससे PM नरेंद्र मोदी को है तरक्की की उम्मीद

NDTV के एडिटर-इन-चीफ़ संजय पुगलिया को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में PM नरेंद्र मोदी ने कहा, "गुजरात में डायमंड को लेकर मेरा जो अनुभव रहा है, उसके मुताबिक, दुनिया में आज 10 में से 8 डायमंड ऐसे होते हैं, जिन पर किसी न किसी हिन्दुस्तानी का हाथ लगा होता है... अब मैं उसका नेक्स्ट स्टेज देख रहा हूं... ग्रीन डायमंड का स्टेज... लैब-ग्रोन डायमंड का स्टेज... दुनिया में उसका मार्केट बहुत बड़ा हो रहा है... जब मैं गुजरात में था, तो शुरुआत थी, लेकिन अब काफी बढ़ रहा है... आने वाले दिनों में लैब-ग्रोन डायमंड में भी हम काफी प्रगति करेंगे..."

Read Time: 5 mins

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आने वाले दिनों में लैब-ग्रोन डायमंड के क्षेत्र में हम काफी प्रगति करेंगे...

आम चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) के लिए ज़ोर-शोर से जारी प्रचार के दौरान NDTV को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एक बार फिर ग्रीन डायमंड (Green DIamond) का ज़िक्र किया, और दावा किया कि लैब में बनाए जाने वाले ग्रीन डायमंड के क्षेत्र में भारत में शानदार प्रगति होने जा रही है.

NDTV के एडिटर-इन-चीफ़ संजय पुगलिया को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में PM नरेंद्र मोदी ने कहा, "गुजरात में डायमंड को लेकर मेरा जो अनुभव रहा है, उसके मुताबिक, दुनिया में आज 10 में से 8 डायमंड ऐसे होते हैं, जिन पर किसी न किसी हिन्दुस्तानी का हाथ लगा होता है..."

--- ये भी पढ़ें ---
* EXCLUSIVE: PM ने बताई 100 साल की सोच, 1,000 साल का ख्वाब - पढ़ें पूरा इंटरव्यू
* Sensex का 25K से 75K तक का सफर : PM के 10 साल, शेयरों के लिए बेमिसाल

ग्रीन डायमंड को लेकर प्रधानमंत्री आशान्वित
ग्रीन डायमंड को लेकर आशान्वित प्रधानमंत्री ने कहा, "अब मैं उसका नेक्स्ट स्टेज देख रहा हूं... ग्रीन डायमंड का स्टेज... लैब-ग्रोन डायमंड का स्टेज... दुनिया में उसका मार्केट बहुत बड़ा हो रहा है... जब मैं गुजरात में था, तो शुरुआत थी, लेकिन अब काफी बढ़ रहा है... आने वाले दिनों में लैब-ग्रोन डायमंड में भी हम काफी प्रगति करेंगे..."

क्या होता है ग्रीन डायमंड...?
तो आइए, आज जानते हैं - क्या है ग्रीन डायमंड या लैब-ग्रोन डायमंड. ग्रीन डायमंड दरअसल कुदरती हीरा नहीं, लैब में बनाया गया हीरा होता है. देखने में कतई असली कुदरती हीरे जैसा दिखने वाला ग्रीन डायमंड तैयार करने में सिर्फ़ एक से चार सप्ताह का समय लगता है, जबकि कुदरती हीरा बनने में हज़ारों-लाखों वर्ष लग जाते हैं. आज का भारत ग्रीन डायमंड का बड़ा बाज़ार बनता जा रहा है, और बड़े पैमाने पर ग्रीन डायमंड का उत्पादन भी कर रहा है.

कुदरती और लैब-ग्रोन डायमंड में क्या हैं अंतर...?
आइए, सबसे पहले जानते हैं - लैब में बनाए गए ग्रीन डायमंड और कुदरती तरीके से लाखों साल में तैयार हुए हीरे में क्या-क्या अंतर और समानताएं हैं. कुदरती हीरे लाखों साल तक ज़मीन में दबे रहने के बाद खनन, यानी माइनिंग के ज़रिये निकाले जाते हैं, जबकि ग्रीन डायमंड को कुछ ही सप्ताह में लैब में तैयार कर लिया जाता है. इसके अलावा कुदरती हीरों में नाइट्रोजन की मात्रा भी रहती है, जो ग्रीन डायमंड में कतई नहीं होती है. सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि एक कैरेट का कुदरती हीरा लगभग चार लाख रुपये का मिल पाता है, जबकि एक कैरेट का ग्रीन डायमंड, यानी लैब-ग्रोन डायमंड सिर्फ़ डेढ़ लाख रुपये में हासिल हो सकता है.

Latest and Breaking News on NDTV

कैसे बनाया जाता है ग्रीन डायमंड...?
अब यह जान लें कि लैब में बनाया जाने वाला ग्रीन डायमंड आख़िर किस तरह तैयार किया जाता है. मिली जानकारी के मुताबिक, ग्रीन डायमंड के निर्माण के लिए इस्तेमाल की जा रही लैब में कार्बन सीड को माइक्रोवेव चैम्बर में रखकर भारी दबाव और उच्च तापमान पर डेवलप किया जाता है, और बहुत तेज़ गर्म कर चमकदार प्लाज़्मा का निर्माण किया जाता है. इसी प्रक्रिया में कुछ कण बनते हैं, जो डायमंड में तब्दील हो जाते हैं. इसके बाद ग्रीन डायमंड की कटिंग और पॉलिशिंग की जाती है, और इसकी कटिंग के साथ-साथ इसका डिज़ाइन और रंग भी बिल्कुल कुदरती हीरे जैसा होता है.

पर्यावरण के अनुकूल है ग्रीन डायमंड : ग्रीन डायमंड निर्माण का पर्यावरण के लिहाज़ से एक खुशगवार पहलू यह है कि इसके उत्पादन में सौर ऊर्जा या पवन ऊर्जा का प्रयोग किया जाता है. ग्रीन डायमंड निर्माण की समूची प्रक्रिया के दौरान प्रति कैरेट सिर्फ़ 0.028 ग्राम कार्बन ही उत्पन्न होता है, सो, ग्रीन डायमंड पर्यावरण के अनुकूल है.
Latest and Breaking News on NDTV

सरकार भी दे रही है ग्रीन डायमंड को बढ़ावा
ग्रीन डायमंड या लैब-ग्रोन डायमंड के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने भी कई उपाय किए हैं. उदाहरण के तौर पर केंद्र सरकार ने पांच वर्ष के लिए मद्रास स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, यानी IIT, मद्रास को ₹242.96 करोड़ का रिसर्च फंड भी जारी किया है, ताकि ग्रीन डायमंड को बनाने के लिए ज़रूरी तकनीक को बढ़ावा दिया जा सके. गौरतलब है कि ग्रीन डायमंड का इस्तेमाल ज्वेलरी उद्योग के साथ-साथ कम्प्यूटर चिप, रक्षा, उपग्रहों और 5G नेटवर्क में भी किया जाता है.

समाचार एजेंसी PTI के अनुसार, ग्रीन डायमंड का उत्पादन भारत के लिए बाज़ार के लिहाज़ से भी फ़ायदे का सौदा है. ग्रीन डायमंड के वैश्विक बाज़ार में वितवर्ष 2021-22 के दौरान भारत की हिस्सेदारी करीब 25.8 फ़ीसदी रही, और ग्रीन डायमंड ज्वेलरी विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि वर्ष 2025 तक इसका बाज़ार 50 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹4,16,342 करोड़) और वर्ष 2035 तक 150 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹12,49,026 करोड़) का हो जाएगा. भारत के लिहाज़ से देखें, तो वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान कट और चमकीले हीरों के निर्यात का आंकड़ा 14 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹1,16,576 करोड़) रहा, जबकि एक साल पहले तक 2021-22 के दौरान यह 13.5 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹1,12,412 करोड़) रहा था.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
Gold Price Today: आज फिर सोना-चांदी हुआ सस्ता, फटाफट कर लें खरीदारी, जानें ताजा भाव
EXPLAINER: क्या होता है ग्रीन डायमंड, जिससे PM नरेंद्र मोदी को है तरक्की की उम्मीद
Petrol Diesel Price: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हुआ बदलाव, जानें आपके शहर में क्या है ताजा रेट
Next Article
Petrol Diesel Price: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हुआ बदलाव, जानें आपके शहर में क्या है ताजा रेट
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;