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This Article is From Nov 25, 2021

EPFO Alert! जॉब चेंज किया तो खुद से ट्रांसफर हो जाएगा EPF अकाउंट, खत्म हो जाएगी टेंशन, जानें कैसे

EPF Account Merger :एक बड़ा सिरदर्द होता है अपना ईपीएफ अकाउंट ट्रांसफर कराना. नौकरी बदलने से हमारे कई ईपीएफ अकाउंट बन जाते हैं, जिनका मर्जर भी लंबा प्रोसेस होता है. EPFO एक एम्पलॉई-फ्रेंडली सिस्टम पर काम कर रही है, जो जल्द ही कर्मचारियों के सारे ईपीएफ अकाउंट के मर्जर और ट्रांसफर को ऑटोमेटिक कर देगा.

EPFO Alert! जॉब चेंज किया तो खुद से ट्रांसफर हो जाएगा EPF अकाउंट, खत्म हो जाएगी टेंशन, जानें कैसे
EPFO, EPF Accounts के मर्जर के लिए नया सिस्टम लाएगा. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

हम जब भी जॉब बदलते हैं तो पचास तरीके की कागजी कार्रवाई होती है. हमेशा कुछ न कुछ बाकी ही रह जाता है, खासकर, बात जब दोनों कंपनियों के बीच में कागजी लेन-देन की हो. नौकरी बदलने के बाद ऐसा ही एक बड़ा सिरदर्द होता है अपना ईपीएफ अकाउंट यानी एम्पलॉई प्रॉविडेंट फंड (EPF Account) को ट्रांसफर कराना. नौकरी बदलने से हमारे कई ईपीएफ अकाउंट बन जाते हैं, जिनका मर्जर भी लंबा प्रोसेस होता है. लेकिन जल्द ही आपको इस सारे झंझट से मुक्ति मिल जाती है. कर्मचारी भविष्य निधि को मैनेज करने वाली संस्था EPFO (employees' provident fund organization) एक एम्पलॉई-फ्रेंडली सिस्टम पर काम कर रही है, जो जल्द ही कर्मचारियों के सारे ईपीएफ अकाउंट के मर्जर और ट्रांसफर को ऑटोमेटिक कर देगा.

क्या होगा नया बदलाव?

EPFO ने  C-DAC के जरिए एक केंद्रीकृत IT-इनेबल्ड सिस्टम को विकसित करने की मंजूरी दी है. इस सिस्टम के तहत ईपीएफओ सदस्यों के सभी अकाउंट अपने आप मर्ज हो जाएंगे, उन्हें नौकरी बदलने की स्थिति में खुद इसके ट्रांसफर की प्रक्रिया को पूरा करने की जरूरत नहीं होगी.

यानी कि अब आपने नौकरी बदली तो आपको इस बात की टेंशन नहीं लेनी होगी कि आपको अपना ईपीएफ अकाउंट नए संस्था के पास ट्रांसफर कराना है. इस केंद्रीकृत सिस्टम के जरिए ईपीएफओ सदस्यों के सभी पीएफ अकाउंट का मर्जर और डी-डुप्लीकेशन होगा, इससे ट्रांसफर वाली प्रकिया के लिए उन्हें जहमत नहीं उठानी होगी.

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EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ ने पिछले 20 नवंबर को हुई अपनी बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया था. 

अभी क्या हैं नियम?

वर्तमान के नियमों के मुताबिक, अगर कोई भी सैलरीड व्यक्ति नौकरी बदलता है तो नई संस्था के साथ उसका एक नया ईपीएफ अकाउंट खुलता है. UAN (Universal Account Number) नंबर वही रहता है, लेकिन संस्था एक नया ईपीएफ अकाउंट खोलती है. ऐसे में उसे अपना पुराना ईपीएफ अकाउंट पुरानी संस्था के पास से नई संस्था के पास ट्रांसफर कराना पड़ता है क्योंकि पुराने ऑफिस के दौरान उसकी सैलरी से कटने वाला पीएफ उसी अकाउंट में जमा हो रहा था. तो पीएफ का जितना पैसा जमा हुआ है, उसे वो अपने नए अकाउंट में ट्रांसफर करवाना ही पड़ेगा.

यह काम EPFO के मेंबर सेवा पोर्टल पर ऑनलाइन करना पड़ता है. अगर सदस्य का यूएन नंबर उसके आधार से लिंक है तो ऑनलाइन यह प्रक्रिया हो जाती है, लेकिन अगर यूएन आधार से लिंक नहीं है तो पुराने अकाउंट से पैसा ट्रांसफर कराने के लिए उसे अपने नई कंपनी में एक फॉर्म सबमिट करना होगा. यूएन आधार से कैसे लिंक होता है, जानने के लिए यहां क्लिक करें.

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