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बहराइच में कैसे पॉपुलर हुआ सालार मसूद गाजी? जानिए कौन था और कहां से आया?
- Monday March 31, 2025
- Edited by: श्वेता गुप्ता
नेजा मेले को लेकर चल रहे विवाद के बीच जामिया के प्रोफेसर ने कहा कि इतिहासकारों के लिए परेशानी भरी बात ये है कि फारसी में महमूद गजनबी से संबंधित जितने भी प्रामाणिक सोर्स हैं, उनमें कहीं भी सलार मसूद गाजी का नाम नहीं हैं.
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162 साल पहले इसी दिन दर्ज की गई थी दिल्ली की पहली FIR : कौन सा थाना था, क्या था मामला?
- Wednesday October 18, 2023
- Reported by: भाषा
प्राथमिकी का कुछ हिस्सा उर्दू में, कुछ फारसी में लिखा गया था. इसे सब्जी मंडी थाने के अधिकार क्षेत्र में कटरा शीश महल के निवासी मोहम्मद ए.आर. खान के बेटे मैउद्दीन ने पंजीकृत कराया था.
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जटिल उर्दू और फारसी शब्दों का प्रयोग न करें, दिल्ली के पुलिस आयुक्त ने अफसरों को दिलाया याद
- Friday April 14, 2023
- Reported by: मुकेश सिंह सेंगर, Edited by: सूर्यकांत पाठक
शब्द "अहम" को छोड़ो, "विशेष" या "स्पेशल" का उपयोग करो. "मुजरिम" शब्द पर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन "अपराधी" या "कलप्रिट" शब्द के प्रयोग को हरी झंडी दे दी गई है. यह दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने पुलिस कर्मचारियों को याद दिलाया है. उनसे कहा गया है कि एफआईआर, डायरी या चार्जशीट दाखिल करते समय जटिल उर्दू या फारसी शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
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Hindi Diwas 2022: फारसी शब्द हिंद से मिला हिंदी को अपना नाम, जानें हिंदी दिवस से जुड़ी दिलचस्प बातें
- Wednesday September 14, 2022
- Written by: पूनम मिश्रा
Hindi Diwas 2022: अपने देश में कहीं मराठी बोली जाती है, तो कहीं तमिल तो कहीं मलयालम तो कहीं पंजाबी. भारत में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है.आइये जानते हैं इस दिन से जुड़े दिलचस्प बातों को-
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वेदों के उपदेश सार्वकालिक, इनके प्रचार में मैक्समूलर का महत्वपूर्ण अवदान : प्रो राधावल्लभ त्रिपाठी
- Monday March 21, 2022
- Written by: सूर्यकांत पाठक
मैक्समूलर के बारे में कहा जाता रहा है कि वह भारत से भगवत गीता को चुराकर ले गया था. यह कहना गलत है. जो कभी भारत आया ही नहीं, वह गीता को यहां से कैसे ले गया? मैक्समूलर का तो वेदों के प्रचार में महत्वपूर्ण अवदान है. पश्चिमी दुनिया में इसी विद्वान के कारण वेदों को लोग समझ पाए. इसी तरह दारा शिकोह ने वेदों का फारसी में अनुवाद किया जिससे बाद यह बाकी भाषाओं में दुनिया में पहुंचे. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के पूर्व कुलपति प्रो राधावल्लभ त्रिपाठी ने यह बात मध्यप्रदेश के सागर के डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में यह बात कही. वे विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग की ओऔर से आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे.
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बिना गूगल की मदद लिए बताइये कि 'रेलवे स्टेशन' का हिंदी नाम क्या है? कोई नहीं बता पाया है!
- Friday February 18, 2022
- Written by: बिक्रम कुमार सिंह
भारत में हिन्दी का प्रयोग सबसे अधिक होता है. देश के ज्यादातर लोग हिन्दी को समझते हैं. हालांकि, हिन्दी में कई शब्दों का मिश्रण भी है. जैसे अंग्रेज़ी, फारसी और अरबी. हिन्दी के कई ऐसे शब्द ऐसे हैं, जो हिन्दी के नहीं हैं.
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HC ने दिल्ली दंगों के आरोपी स्टूडेंट को परीक्षा में बैठने के लिए दी Interim custody bail
- Tuesday June 8, 2021
- Reported by: भाषा
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अनूप जयराम भम्भानी की पीठ ने कहा कि तन्हा के लिए बीए (ऑनर्स) (फारसी) पूरा करने के लिए तीन पूरक परीक्षाओं में बैठना आवश्यक है, अत: उसे 13 जून की सुबह हिरासत-जमानत पर छोड़ा जाए तथा 26 जून की शाम को जेल में वापस लाया जाए.
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कौन था औरंगजेब का भाई दारा शिकोह, जिसकी दिल्ली में कब्र खोज रही है मोदी सरकार?
- Monday February 17, 2020
- Edited by: राहुल सिंह
दारा शिकोह मुगल बादशाह शाहजहां और मुमताज महल के सबसे बड़े बेटे थे. शाहजहां अपनी संतानों में सबसे ज्यादा दारा को पसंद करते थे. दारा अपने माता-पिता की हर आज्ञा का सम्मान करते और उसे पूरा करते थे. सबसे पहले दारा को पंजाब का सूबेदार बनाया गया था. वह राजधानी में रहकर अपने प्रतिनिधियों के जरिए पंजाब पर नजर रखते थे. वह बेहद बहादुर इंसान थे.
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औरंगजेब के भाई दारा शिकोह की कब्र खोजने में जुटी मोदी सरकार, साबित करेगी हिन्दुस्तान का 'सच्चा मुसलमान'
- Monday February 17, 2020
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: राहुल सिंह
हुमायूं के मकबरे के पास मुगल शासकों की पहली कब्रगाह है. यहां 140 कब्रें हैं लेकिन इन कब्रों में दारा शिकोह की कब्र खोजना आसान नहीं है. दारा शिकोह ने गीता का फारसी में अनुवाद किया था. उन्होंने 52 उपनिषदों का भी अनुवाद किया था. अब सरकार दारा शिकोह की कब्र और उनका इतिहास बताकर उसे हिन्दुस्तान का 'सच्चा मुसलमान' साबित करना चाहती है, जो भारतीय संस्कृति से बहुत प्रभावित थे.
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दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, सरल भाषा में लिखी जाए FIR, न हो उर्दू के कठिन शब्दों का इस्तेमाल
- Wednesday December 11, 2019
- Reported by: भाषा
अदालत ने एक याचिका का निपटारा करते समय यह स्पष्टीकरण दिया. याचिका में पुलिस थानों को भेजे गए पुलिस के एक परिपत्र को चुनौती दी गई थी, जिसमें प्राथमिकी दर्ज करते समय उर्दू या फारसी के 383 शब्दों का इस्तेमाल बंद करने का निर्देश दिया गया था.
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संडे स्पेशलः 'चिराग़-ए-दैर' हिंदुस्तान के 'काबा' में मिर्ज़ा ग़ालिब
- Sunday September 22, 2019
- Reported by: शहादत
सआदत हसन मंटो ने जब फिल्म ‘मिर्ज़ा ग़ालिब’ की कहानी लिखी थी तो फिल्मी ज़रूरत के लिए एक गाने वाली का किरदार उसमें शामिल कर दिया था, जिसने हिरोइन की कमी पूरी की. मंटो ने मिर्ज़ा ग़ालिब के एक ख़त में लिखे दो-तीन जुमलों की बुनियाद पर ये किरदार गढ़ा था. यही वो राई थी जिसे पर्वत बना दिया गया.
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Omar Khayyam 971st Birthday: फारसी कवि, फिलोसोफर, गणितज्ञ और ज्योतिर्विद थे उमर खय्याम, गूगल ने डूडल से बनाया 971वां जन्मदिवस
- Saturday May 18, 2019
- Written by: रेणु चौहान
Omar Khayyam 971st Birthday: गूगल ने आज उमर खय्याम का डूडल बनाया. उमर खय्याम बहुत ही प्रसिद्ध पारसी कवि, फिलोसोफर, गणितज्ञ और ज्योतिर्विद थे. गूगल आज उमर खय्याम की 971वीं जयंती मना रहा है.
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'हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है', मिर्ज़ा ग़ालिब की 5 मशहूर ग़ज़लें
- Thursday December 27, 2018
- Written by: अर्चित गुप्ता
मिर्ज़ा ग़ालिब का जन्म 27 दिसंबर, 1797 को हुआ था और उनका असली नाम मिर्जा असुद्ल्लाह बेग खान था. मिर्ज़ा ग़ालिब को उर्दू, फारसी और तुर्की समेत कई भाषाओं का ज्ञान था. उन्होंने फारसी और उर्दू रहस्यमय-रोमांटिक अंदाज में अनगिनत गजलें लिखीं. ग़ालिब की शादी बहुत ही कम उम्र में हो गई थी. ग़ालिब की दो कमजोरियां थीं- शराब और जुआं. ये दो बुरी आदतें जिंदगी भर उनका पीछा नहीं छोड़ पाईं.
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Mirza Ghalib: 'दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है', जानिए ग़ालिब के जीवन से जुड़ी बातें
- Thursday December 27, 2018
- Edited by: अर्चित गुप्ता
उर्दू और फारसी भाषा के मशहूर शायर मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) की शायरी के लोग आज भी कायल हैं. मिर्ज़ा ग़ालिब का जन्म (Mirza Ghalib Birthday) 27 दिसंबर 1797 को आगरा में हुआ था. ग़ालिब का पूरा नाम असदुल्ला खां ग़ालिब था. इसीलिए कभी कभी वह उपनाम में 'ग़ालिब' की जगह 'असद' भी लिखते थे.
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बहराइच में कैसे पॉपुलर हुआ सालार मसूद गाजी? जानिए कौन था और कहां से आया?
- Monday March 31, 2025
- Edited by: श्वेता गुप्ता
नेजा मेले को लेकर चल रहे विवाद के बीच जामिया के प्रोफेसर ने कहा कि इतिहासकारों के लिए परेशानी भरी बात ये है कि फारसी में महमूद गजनबी से संबंधित जितने भी प्रामाणिक सोर्स हैं, उनमें कहीं भी सलार मसूद गाजी का नाम नहीं हैं.
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162 साल पहले इसी दिन दर्ज की गई थी दिल्ली की पहली FIR : कौन सा थाना था, क्या था मामला?
- Wednesday October 18, 2023
- Reported by: भाषा
प्राथमिकी का कुछ हिस्सा उर्दू में, कुछ फारसी में लिखा गया था. इसे सब्जी मंडी थाने के अधिकार क्षेत्र में कटरा शीश महल के निवासी मोहम्मद ए.आर. खान के बेटे मैउद्दीन ने पंजीकृत कराया था.
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जटिल उर्दू और फारसी शब्दों का प्रयोग न करें, दिल्ली के पुलिस आयुक्त ने अफसरों को दिलाया याद
- Friday April 14, 2023
- Reported by: मुकेश सिंह सेंगर, Edited by: सूर्यकांत पाठक
शब्द "अहम" को छोड़ो, "विशेष" या "स्पेशल" का उपयोग करो. "मुजरिम" शब्द पर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन "अपराधी" या "कलप्रिट" शब्द के प्रयोग को हरी झंडी दे दी गई है. यह दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने पुलिस कर्मचारियों को याद दिलाया है. उनसे कहा गया है कि एफआईआर, डायरी या चार्जशीट दाखिल करते समय जटिल उर्दू या फारसी शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
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Hindi Diwas 2022: फारसी शब्द हिंद से मिला हिंदी को अपना नाम, जानें हिंदी दिवस से जुड़ी दिलचस्प बातें
- Wednesday September 14, 2022
- Written by: पूनम मिश्रा
Hindi Diwas 2022: अपने देश में कहीं मराठी बोली जाती है, तो कहीं तमिल तो कहीं मलयालम तो कहीं पंजाबी. भारत में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है.आइये जानते हैं इस दिन से जुड़े दिलचस्प बातों को-
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वेदों के उपदेश सार्वकालिक, इनके प्रचार में मैक्समूलर का महत्वपूर्ण अवदान : प्रो राधावल्लभ त्रिपाठी
- Monday March 21, 2022
- Written by: सूर्यकांत पाठक
मैक्समूलर के बारे में कहा जाता रहा है कि वह भारत से भगवत गीता को चुराकर ले गया था. यह कहना गलत है. जो कभी भारत आया ही नहीं, वह गीता को यहां से कैसे ले गया? मैक्समूलर का तो वेदों के प्रचार में महत्वपूर्ण अवदान है. पश्चिमी दुनिया में इसी विद्वान के कारण वेदों को लोग समझ पाए. इसी तरह दारा शिकोह ने वेदों का फारसी में अनुवाद किया जिससे बाद यह बाकी भाषाओं में दुनिया में पहुंचे. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के पूर्व कुलपति प्रो राधावल्लभ त्रिपाठी ने यह बात मध्यप्रदेश के सागर के डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में यह बात कही. वे विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग की ओऔर से आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे.
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- Written by: बिक्रम कुमार सिंह
भारत में हिन्दी का प्रयोग सबसे अधिक होता है. देश के ज्यादातर लोग हिन्दी को समझते हैं. हालांकि, हिन्दी में कई शब्दों का मिश्रण भी है. जैसे अंग्रेज़ी, फारसी और अरबी. हिन्दी के कई ऐसे शब्द ऐसे हैं, जो हिन्दी के नहीं हैं.
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- Tuesday June 8, 2021
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कौन था औरंगजेब का भाई दारा शिकोह, जिसकी दिल्ली में कब्र खोज रही है मोदी सरकार?
- Monday February 17, 2020
- Edited by: राहुल सिंह
दारा शिकोह मुगल बादशाह शाहजहां और मुमताज महल के सबसे बड़े बेटे थे. शाहजहां अपनी संतानों में सबसे ज्यादा दारा को पसंद करते थे. दारा अपने माता-पिता की हर आज्ञा का सम्मान करते और उसे पूरा करते थे. सबसे पहले दारा को पंजाब का सूबेदार बनाया गया था. वह राजधानी में रहकर अपने प्रतिनिधियों के जरिए पंजाब पर नजर रखते थे. वह बेहद बहादुर इंसान थे.
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औरंगजेब के भाई दारा शिकोह की कब्र खोजने में जुटी मोदी सरकार, साबित करेगी हिन्दुस्तान का 'सच्चा मुसलमान'
- Monday February 17, 2020
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: राहुल सिंह
हुमायूं के मकबरे के पास मुगल शासकों की पहली कब्रगाह है. यहां 140 कब्रें हैं लेकिन इन कब्रों में दारा शिकोह की कब्र खोजना आसान नहीं है. दारा शिकोह ने गीता का फारसी में अनुवाद किया था. उन्होंने 52 उपनिषदों का भी अनुवाद किया था. अब सरकार दारा शिकोह की कब्र और उनका इतिहास बताकर उसे हिन्दुस्तान का 'सच्चा मुसलमान' साबित करना चाहती है, जो भारतीय संस्कृति से बहुत प्रभावित थे.
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दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, सरल भाषा में लिखी जाए FIR, न हो उर्दू के कठिन शब्दों का इस्तेमाल
- Wednesday December 11, 2019
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अदालत ने एक याचिका का निपटारा करते समय यह स्पष्टीकरण दिया. याचिका में पुलिस थानों को भेजे गए पुलिस के एक परिपत्र को चुनौती दी गई थी, जिसमें प्राथमिकी दर्ज करते समय उर्दू या फारसी के 383 शब्दों का इस्तेमाल बंद करने का निर्देश दिया गया था.
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संडे स्पेशलः 'चिराग़-ए-दैर' हिंदुस्तान के 'काबा' में मिर्ज़ा ग़ालिब
- Sunday September 22, 2019
- Reported by: शहादत
सआदत हसन मंटो ने जब फिल्म ‘मिर्ज़ा ग़ालिब’ की कहानी लिखी थी तो फिल्मी ज़रूरत के लिए एक गाने वाली का किरदार उसमें शामिल कर दिया था, जिसने हिरोइन की कमी पूरी की. मंटो ने मिर्ज़ा ग़ालिब के एक ख़त में लिखे दो-तीन जुमलों की बुनियाद पर ये किरदार गढ़ा था. यही वो राई थी जिसे पर्वत बना दिया गया.
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Omar Khayyam 971st Birthday: फारसी कवि, फिलोसोफर, गणितज्ञ और ज्योतिर्विद थे उमर खय्याम, गूगल ने डूडल से बनाया 971वां जन्मदिवस
- Saturday May 18, 2019
- Written by: रेणु चौहान
Omar Khayyam 971st Birthday: गूगल ने आज उमर खय्याम का डूडल बनाया. उमर खय्याम बहुत ही प्रसिद्ध पारसी कवि, फिलोसोफर, गणितज्ञ और ज्योतिर्विद थे. गूगल आज उमर खय्याम की 971वीं जयंती मना रहा है.
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'हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है', मिर्ज़ा ग़ालिब की 5 मशहूर ग़ज़लें
- Thursday December 27, 2018
- Written by: अर्चित गुप्ता
मिर्ज़ा ग़ालिब का जन्म 27 दिसंबर, 1797 को हुआ था और उनका असली नाम मिर्जा असुद्ल्लाह बेग खान था. मिर्ज़ा ग़ालिब को उर्दू, फारसी और तुर्की समेत कई भाषाओं का ज्ञान था. उन्होंने फारसी और उर्दू रहस्यमय-रोमांटिक अंदाज में अनगिनत गजलें लिखीं. ग़ालिब की शादी बहुत ही कम उम्र में हो गई थी. ग़ालिब की दो कमजोरियां थीं- शराब और जुआं. ये दो बुरी आदतें जिंदगी भर उनका पीछा नहीं छोड़ पाईं.
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- Thursday December 27, 2018
- Edited by: अर्चित गुप्ता
उर्दू और फारसी भाषा के मशहूर शायर मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) की शायरी के लोग आज भी कायल हैं. मिर्ज़ा ग़ालिब का जन्म (Mirza Ghalib Birthday) 27 दिसंबर 1797 को आगरा में हुआ था. ग़ालिब का पूरा नाम असदुल्ला खां ग़ालिब था. इसीलिए कभी कभी वह उपनाम में 'ग़ालिब' की जगह 'असद' भी लिखते थे.
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