Aurangzeb Controversy: रात के अंधेरे में तलवार उठी दारा शिकोह (Dara shikoh) घुटनों के बल बैठा, लेकिन उसने कोई विरोध नहीं किया. एक पल में तलवार चली और दारा का सिर ज़मीन पर गिर पड़ा. सुबह, औरंगज़ेब (Aurangzeb) अपने किले के बाग़ में बैठा था, जब नज़र बेग उसके सामने हाज़िर हुआ. उसने दारा का कटा हुआ सिर पेश किया. औरंगज़ेब ने अपने बड़े भाई के सिर को ध्यान से देखा, पहचाना और हुक्म दिया कि 'सिर को धोकर मेरे सामने लाओ' इसके बाद दारा का सिर दिल्ली के शाहजहानाबा (Shahjanabad) की गलियो में घुमाया गया. तब का शाहजहानाबाद यानी आज की Old Delhi.और फिर औरंगजेब ने आदेश दिया कि दारा के सिर को आगरा के किले (Agraa fort) में कैद उसके पिता शाहजहां के सामने रखा जाए.