जस्टिस दीपक गुप्ता
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रिटायरमेंट समारोह में SC के जज जस्टिस दीपक गुप्ता बोले- कानूनी सिस्टम अमीरों की मदद करता है, उसे गरीबों की भी सुननी चाहिए
- Thursday May 7, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को रिटायर हुए जज जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि ''सिस्टम का काम करना अमीरों और शक्तिशाली लोगों के पक्ष में अधिक लगता है. यदि एक अमीर व्यक्ति सलाखों के पीछे है, तो सिस्टम तेजी से काम करता है. जब कोई किसी गरीब की आवाज उठाता है तो सुप्रीम कोर्ट को उसे सुनना चाहिए और जो भी गरीबों के लिए किया जा सकता है वो करना चाहिए. किसी भी परिस्थिति में संस्थान की अखंडता ( ईमानदारी) को दांव पर नहीं लगाया जा सकता है. न्यायपालिका को हर अवसर पर उठना चाहिए. मुझे यकीन है कि मेरे भाई जजों के चलते यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लोगों को अदालत से जो चाहिए वह मिल जाए.''
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा- नागरिक अदालती फैसलों की आलोचना कर सकते हैं, लेकिन न्यायाधीशों की मंशा पर सवाल खड़ा करना गलत
- Tuesday April 28, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव
शीर्ष अदालत ने इस बात पर भी जोर दिया कि न्यायाधीशों को धमकाने की कोशिशों से सख्ती से निपटना होगा. न्यायालय ने अपने दो वर्तमान न्यायाधीशों के खिलाफ अपमानजनक आरोप लगाने के लिए दो वकीलों समेत तीन लोगों को अवमानना का दोषी ठहराया और कहा कि न्यायाधीशों को धमकाने की कोशिश करने वाले वकीलों के लिए बेबुनियाद सहानुभूति नहीं हो सकती.
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दिल्ली सिविल लाइंस मर्सिडीज कांड: आरोपी पर नाबालिग की तर्ज पर चलेगा केस, SC ने HC के फैसले से सही बताया
- Thursday January 9, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: Samarjeet Singh
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपक गुप्ता की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, हम एक पहेली को हल नहीं कर रहे हैं. हम एक कानून में शब्द को जोड़ या बदलाव नहीं कर सकते हैं. जब दो व्याख्याएं संभव हैं, तो किशोरों के लाभ में से एक को अपनाना होगा. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जब कानूनी प्रावधान स्पष्ट है, तो अन्यथा इसकी व्याख्या करना संभव नहीं है. हम कानून से बंधे हैं.
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प्रधानमंत्री को खत लिखना कब गुनाह हो गया?
- Saturday October 5, 2019
- रवीश कुमार
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में एक आरोपी गौतम नवलखा के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई. जस्टिस अरुण मिश्र और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच में सुनवाई हुई. गौतम नवलखा के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जनवरी 2018 में जब एफआईआर हुई थी उसमें गौतम नवलखा का नाम नहीं है. अगस्त 2018 से उनकी गिरफ्तारी पर अदालत की तरफ से रोक लगी है मगर तब से लेकर अब तक पुलिस ने उनसे कोई पूछताछ नहीं की है. गौतम नवलखा हिंसा के ख़िलाफ हैं. वे सीपीआई माओइस्ट के सदस्य नहीं हैं. सिर्फ कुछ ज़ब्त काग़ज़ात के आधार पर कार्रवाई की गई है. सिंघवी ने कोर्ट से मांग की कि गौतम नवलखा को अदालत से मिला संरक्षण बढ़ाया जाना चाहिए तिस पर अदालत ने आदेश दिया है कि जब तक इस मामले की सुनवाई चल रही है, गिरफ्तारी नहीं हो.
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CBI vs कोलकाता पुलिस: दूसरे दिन धरना स्थल से चली ममता की सरकार, दीदी को मिला विपक्ष का भरपूर समर्थन, 10 खास बातें
- Tuesday February 5, 2019
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और केंद्र सरकार (Central Government) के बीच सोमवार को भी दिन भर पूर्ण राजनीतिक गतिरोध जारी रहा. सीबीआई बनाम कोलकाता पुलिस (CBI vs Kolkata Police) के मुद्दे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार से लोहा ले रही ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को इस दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों का जबरदस्त समर्थन मिला. विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश कर रही है. वहीं, भाजपा ने पलटवार करते हुए इस समर्थन को भ्रष्टों का गठबंधन करार दिया है. पश्चिम बंगाल में चल रहे घटनाक्रम की गूंज संसद में भी सुनाई दी, जहां कार्यवाही बार-बार बाधित हुई. इस मामले में सीबीआई की दो अर्जियों पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस रंजन गोगाई की तीन जजों की बेंच जिसमें जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल हैं, ये सुनवाई करेगी.
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अब 31 मई तक नहीं हुआ ईस्टन एक्सप्रेस वे का उद्घाटन, तो 1 जून से खुलेगा आम जनता के लिए: SC
- Thursday May 10, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
कोर्ट ने कहा कि ईस्टन एक्सप्रेस वे को शुरू करने के लिए PM से शुभारंभ करने का इंतजार क्यों हो रहा है? इसे जनता के लिए शुरू किया जाए. जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा कि हमें भरोसा दिलाया गया था कि अप्रैल में PM इसका शुभारंभ करेंगे, लेकिन मीडिया रिपोर्ट कहती है कि PM आज या कल में यहां उपलब्ध नहीं है.
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सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक मतभेद : तीन जजों की बेंच ने अन्य तीन जजों की पीठ के फैसले से असहमति जताई
- Wednesday February 21, 2018
- Reported by: आशीष कुमार भार्गव
सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर से न्यायिक मतभेद का मामला सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट ने तीन जजों की बेंच द्वारा तीन जजों के बेंच के ही आदेश को ओवररूल करने पर चिंता जताई. बेंच ने इशारा किया कि जमीन अधिग्रहण के इस मामले को संविधान पीठ के पास भेजा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने देश के सभी हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि फिलहाल वो जमीन अधिग्रहण मामले में उचित मुआवजे को लेकर कोई भी फैसला ना सुनाए. सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की बेंच के सामने लगे मामलों की सुनवाई भी टाली गई.
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पारसी अंजुमन ट्रस्ट कठोर न बने, दूसरे धर्म में विवाहित महिला को टावर ऑफ साइलेंस जाने दे : सुप्रीम कोर्ट
- Thursday December 7, 2017
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सुप्रीम कोर्ट ने वलसाड पारसी अंजुमन ट्रस्ट से कहा है कि वे कठोर न बनें और पारसी धर्म से बाहर शादी करने करने वाली पारसी महिला को पिता की मृत्यु पर प्रार्थना के लिए टावर ऑफ साइलेंस जाने की इजाजत देने पर विचार करें. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने ट्रस्ट से कहा कि कठोरता धर्म के सिद्धांत को समझने के लिए हमेशा सही नहीं होती.
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अस्थाना को सीबीआई का विशेष निदेशक बनाने का मामला : जस्टिस दीपक गुप्ता ने सुनवाई से खुद को किया अलग
- Monday November 13, 2017
- Reported by: आशीष भार्गव
IPS अफसर राकेश अस्थाना को सीबीआई के विशेष निदेशक बनाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपक गुप्ता ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है.
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छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष को हाईकोर्ट से राहत, जस्टिस दीपक गुप्ता ने खुद को सुनवाई से अलग किया
- Friday August 4, 2017
- आशीष भार्गव
शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपक गुप्ता ने खुद को सुनवाई से अलग किया. अब इस मामले की सुनवाई कोई दूसरी बेंच करेगी.
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सुप्रीम कोर्ट में की गई पांच जजों की नियुक्ति, राष्ट्रपति ने मुहर लगाई
- Wednesday February 15, 2017
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की नियुक्ति के फैसले पर मुहर लगा दी है. मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय किशन कौल, राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नवीन सिन्हा, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक गुप्ता, केरल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहन एम शांतनागोदर और कर्नाटक हाईकोर्ट के जज एस अब्दुल नजीर सुप्रीम कोर्ट के नए जज होंगे. पांचों जज 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में शपथ ले सकते हैं.
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रिटायरमेंट समारोह में SC के जज जस्टिस दीपक गुप्ता बोले- कानूनी सिस्टम अमीरों की मदद करता है, उसे गरीबों की भी सुननी चाहिए
- Thursday May 7, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को रिटायर हुए जज जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि ''सिस्टम का काम करना अमीरों और शक्तिशाली लोगों के पक्ष में अधिक लगता है. यदि एक अमीर व्यक्ति सलाखों के पीछे है, तो सिस्टम तेजी से काम करता है. जब कोई किसी गरीब की आवाज उठाता है तो सुप्रीम कोर्ट को उसे सुनना चाहिए और जो भी गरीबों के लिए किया जा सकता है वो करना चाहिए. किसी भी परिस्थिति में संस्थान की अखंडता ( ईमानदारी) को दांव पर नहीं लगाया जा सकता है. न्यायपालिका को हर अवसर पर उठना चाहिए. मुझे यकीन है कि मेरे भाई जजों के चलते यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लोगों को अदालत से जो चाहिए वह मिल जाए.''
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा- नागरिक अदालती फैसलों की आलोचना कर सकते हैं, लेकिन न्यायाधीशों की मंशा पर सवाल खड़ा करना गलत
- Tuesday April 28, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव
शीर्ष अदालत ने इस बात पर भी जोर दिया कि न्यायाधीशों को धमकाने की कोशिशों से सख्ती से निपटना होगा. न्यायालय ने अपने दो वर्तमान न्यायाधीशों के खिलाफ अपमानजनक आरोप लगाने के लिए दो वकीलों समेत तीन लोगों को अवमानना का दोषी ठहराया और कहा कि न्यायाधीशों को धमकाने की कोशिश करने वाले वकीलों के लिए बेबुनियाद सहानुभूति नहीं हो सकती.
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दिल्ली सिविल लाइंस मर्सिडीज कांड: आरोपी पर नाबालिग की तर्ज पर चलेगा केस, SC ने HC के फैसले से सही बताया
- Thursday January 9, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: Samarjeet Singh
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपक गुप्ता की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, हम एक पहेली को हल नहीं कर रहे हैं. हम एक कानून में शब्द को जोड़ या बदलाव नहीं कर सकते हैं. जब दो व्याख्याएं संभव हैं, तो किशोरों के लाभ में से एक को अपनाना होगा. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जब कानूनी प्रावधान स्पष्ट है, तो अन्यथा इसकी व्याख्या करना संभव नहीं है. हम कानून से बंधे हैं.
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प्रधानमंत्री को खत लिखना कब गुनाह हो गया?
- Saturday October 5, 2019
- रवीश कुमार
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में एक आरोपी गौतम नवलखा के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई. जस्टिस अरुण मिश्र और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच में सुनवाई हुई. गौतम नवलखा के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जनवरी 2018 में जब एफआईआर हुई थी उसमें गौतम नवलखा का नाम नहीं है. अगस्त 2018 से उनकी गिरफ्तारी पर अदालत की तरफ से रोक लगी है मगर तब से लेकर अब तक पुलिस ने उनसे कोई पूछताछ नहीं की है. गौतम नवलखा हिंसा के ख़िलाफ हैं. वे सीपीआई माओइस्ट के सदस्य नहीं हैं. सिर्फ कुछ ज़ब्त काग़ज़ात के आधार पर कार्रवाई की गई है. सिंघवी ने कोर्ट से मांग की कि गौतम नवलखा को अदालत से मिला संरक्षण बढ़ाया जाना चाहिए तिस पर अदालत ने आदेश दिया है कि जब तक इस मामले की सुनवाई चल रही है, गिरफ्तारी नहीं हो.
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CBI vs कोलकाता पुलिस: दूसरे दिन धरना स्थल से चली ममता की सरकार, दीदी को मिला विपक्ष का भरपूर समर्थन, 10 खास बातें
- Tuesday February 5, 2019
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और केंद्र सरकार (Central Government) के बीच सोमवार को भी दिन भर पूर्ण राजनीतिक गतिरोध जारी रहा. सीबीआई बनाम कोलकाता पुलिस (CBI vs Kolkata Police) के मुद्दे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार से लोहा ले रही ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को इस दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों का जबरदस्त समर्थन मिला. विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश कर रही है. वहीं, भाजपा ने पलटवार करते हुए इस समर्थन को भ्रष्टों का गठबंधन करार दिया है. पश्चिम बंगाल में चल रहे घटनाक्रम की गूंज संसद में भी सुनाई दी, जहां कार्यवाही बार-बार बाधित हुई. इस मामले में सीबीआई की दो अर्जियों पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस रंजन गोगाई की तीन जजों की बेंच जिसमें जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल हैं, ये सुनवाई करेगी.
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अब 31 मई तक नहीं हुआ ईस्टन एक्सप्रेस वे का उद्घाटन, तो 1 जून से खुलेगा आम जनता के लिए: SC
- Thursday May 10, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
कोर्ट ने कहा कि ईस्टन एक्सप्रेस वे को शुरू करने के लिए PM से शुभारंभ करने का इंतजार क्यों हो रहा है? इसे जनता के लिए शुरू किया जाए. जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा कि हमें भरोसा दिलाया गया था कि अप्रैल में PM इसका शुभारंभ करेंगे, लेकिन मीडिया रिपोर्ट कहती है कि PM आज या कल में यहां उपलब्ध नहीं है.
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सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक मतभेद : तीन जजों की बेंच ने अन्य तीन जजों की पीठ के फैसले से असहमति जताई
- Wednesday February 21, 2018
- Reported by: आशीष कुमार भार्गव
सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर से न्यायिक मतभेद का मामला सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट ने तीन जजों की बेंच द्वारा तीन जजों के बेंच के ही आदेश को ओवररूल करने पर चिंता जताई. बेंच ने इशारा किया कि जमीन अधिग्रहण के इस मामले को संविधान पीठ के पास भेजा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने देश के सभी हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि फिलहाल वो जमीन अधिग्रहण मामले में उचित मुआवजे को लेकर कोई भी फैसला ना सुनाए. सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की बेंच के सामने लगे मामलों की सुनवाई भी टाली गई.
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पारसी अंजुमन ट्रस्ट कठोर न बने, दूसरे धर्म में विवाहित महिला को टावर ऑफ साइलेंस जाने दे : सुप्रीम कोर्ट
- Thursday December 7, 2017
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सुप्रीम कोर्ट ने वलसाड पारसी अंजुमन ट्रस्ट से कहा है कि वे कठोर न बनें और पारसी धर्म से बाहर शादी करने करने वाली पारसी महिला को पिता की मृत्यु पर प्रार्थना के लिए टावर ऑफ साइलेंस जाने की इजाजत देने पर विचार करें. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने ट्रस्ट से कहा कि कठोरता धर्म के सिद्धांत को समझने के लिए हमेशा सही नहीं होती.
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अस्थाना को सीबीआई का विशेष निदेशक बनाने का मामला : जस्टिस दीपक गुप्ता ने सुनवाई से खुद को किया अलग
- Monday November 13, 2017
- Reported by: आशीष भार्गव
IPS अफसर राकेश अस्थाना को सीबीआई के विशेष निदेशक बनाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपक गुप्ता ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है.
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छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष को हाईकोर्ट से राहत, जस्टिस दीपक गुप्ता ने खुद को सुनवाई से अलग किया
- Friday August 4, 2017
- आशीष भार्गव
शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपक गुप्ता ने खुद को सुनवाई से अलग किया. अब इस मामले की सुनवाई कोई दूसरी बेंच करेगी.
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सुप्रीम कोर्ट में की गई पांच जजों की नियुक्ति, राष्ट्रपति ने मुहर लगाई
- Wednesday February 15, 2017
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की नियुक्ति के फैसले पर मुहर लगा दी है. मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय किशन कौल, राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नवीन सिन्हा, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक गुप्ता, केरल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहन एम शांतनागोदर और कर्नाटक हाईकोर्ट के जज एस अब्दुल नजीर सुप्रीम कोर्ट के नए जज होंगे. पांचों जज 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में शपथ ले सकते हैं.
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