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Pitru Paksha 2025 Rules

'Pitru Paksha 2025 Rules' - 2 News Result(s)
  • Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष से जुड़ी 5 बड़ी गलतियां, जिनके कारण झेलना पड़ता है पितरों का क्रोध 

    Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष से जुड़ी 5 बड़ी गलतियां, जिनके कारण झेलना पड़ता है पितरों का क्रोध 

    Pitru Paksha 2025: पितरों की पूजा का महापर्व पितृपक्ष इस साल 08 सितंबर 2025 से प्रारंभ होकर आश्विन मास की अमावस्या यानि 21 सितंबर 2025 तक रहेगा. इस दौरान उनके लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान आदि करते समय किन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है, उसे जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख. 

  • Pitru Paksha 2025 Rules: पितृपक्ष से जुड़े 10 जरूरी नियम, जिनकी अनदेखी करने पर पुण्य की जगह लगता है पाप

    Pitru Paksha 2025 Rules: पितृपक्ष से जुड़े 10 जरूरी नियम, जिनकी अनदेखी करने पर पुण्य की जगह लगता है पाप

    Pitru Paksha 2025 Shradh Ke Niyam: सनातन परंपरा में आश्विन मास के कृष्णपक्ष की प्रतिपदा से लेकर सर्वपितृ अमावस्या (sarva pitru amavasya 2025) के समय के बीच पितृपक्ष मनागया जाता है. पितृपक्ष में दिवंगत आत्माओं की मुक्ति (Salvation) के लिए विशेष पूजा जैसे श्राद्ध(Shradh), तर्पण (Tarpan) और पिंडदान (Pind Daan)किया जाता है. पितृपक्ष जिसे महालय भी कहा जाता है, उसमें श्रद्धा के अनुसार श्राद्ध करने पर पितरों का आशीर्वाद और पुण्य फल की प्राप्ति होती है. पौराणिक मान्यता के अनुसार पितृपक्ष में विधि-विधान से श्राद्ध करने पर कुल की वृद्धि होती है और पितरों के आशीर्वाद से व्यक्ति को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है, लेकिन इससे जुड़े कुछ नियम भी हैं, जिनकी अनदेखी करने पर पुण्य (Punya) की जगह पितरों की नाराजगी झेलनी पड़ती है. आइए श्राद्ध से जुड़े महत्वपूर्ण नियमों के बारे में जानते हैं.

'Pitru Paksha 2025 Rules' - 2 News Result(s)
  • Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष से जुड़ी 5 बड़ी गलतियां, जिनके कारण झेलना पड़ता है पितरों का क्रोध 

    Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष से जुड़ी 5 बड़ी गलतियां, जिनके कारण झेलना पड़ता है पितरों का क्रोध 

    Pitru Paksha 2025: पितरों की पूजा का महापर्व पितृपक्ष इस साल 08 सितंबर 2025 से प्रारंभ होकर आश्विन मास की अमावस्या यानि 21 सितंबर 2025 तक रहेगा. इस दौरान उनके लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान आदि करते समय किन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है, उसे जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख. 

  • Pitru Paksha 2025 Rules: पितृपक्ष से जुड़े 10 जरूरी नियम, जिनकी अनदेखी करने पर पुण्य की जगह लगता है पाप

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    Pitru Paksha 2025 Shradh Ke Niyam: सनातन परंपरा में आश्विन मास के कृष्णपक्ष की प्रतिपदा से लेकर सर्वपितृ अमावस्या (sarva pitru amavasya 2025) के समय के बीच पितृपक्ष मनागया जाता है. पितृपक्ष में दिवंगत आत्माओं की मुक्ति (Salvation) के लिए विशेष पूजा जैसे श्राद्ध(Shradh), तर्पण (Tarpan) और पिंडदान (Pind Daan)किया जाता है. पितृपक्ष जिसे महालय भी कहा जाता है, उसमें श्रद्धा के अनुसार श्राद्ध करने पर पितरों का आशीर्वाद और पुण्य फल की प्राप्ति होती है. पौराणिक मान्यता के अनुसार पितृपक्ष में विधि-विधान से श्राद्ध करने पर कुल की वृद्धि होती है और पितरों के आशीर्वाद से व्यक्ति को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है, लेकिन इससे जुड़े कुछ नियम भी हैं, जिनकी अनदेखी करने पर पुण्य (Punya) की जगह पितरों की नाराजगी झेलनी पड़ती है. आइए श्राद्ध से जुड़े महत्वपूर्ण नियमों के बारे में जानते हैं.