पितृपक्ष में जन्मे बच्चे कैसे होते हैं?

Story Created By: Arti Mishra

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हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बहुत महत्व है. इसमें मृत पूर्वजों की शांति और मोक्ष प्रदान के लिए पिंड दान, तर्पण और श्राद्ध कार्य किया जाता है.

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यह भाद्रपद माह की पूर्णिमा से लेकर आश्विन मास की अमावस्या तक मनाया जाता है, जो इस वर्ष 7 सितंबर से 21 सितंबर तक रहेगा.

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पितृपक्ष में कोई भी शुभ कार्य या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. लेकिन इस दौरान किसी बच्चे का जन्म हो, तो वो कैसे होगा? चलिए जानते हैं.

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मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान घर में बच्चे का जन्म होता है, तो वह शुभ बात होती है. ऐसा बच्चा भाग्य का धनी होता है.

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पितृपक्ष में जन्मे बच्चों पर पितरों की विशेष कृपा सदा बनी रहती है. कहा जाता है कि ये बच्चे अपने कुल के पूर्वज ही होते हैं.


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पितृपक्ष में जन्मे बच्चे स्वभाव से बहुत ही खुशमिजाज होते हैं. साथ ही वे रचनात्मक होते हैं.


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मान्यता है कि ये बच्चे कम उम्र में ही सफलता प्राप्त करते हैं. इनकी सोच सकारात्मक होती है.


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इन बच्चों के अंदर बहुत ठहराव होता है. साथ ही ये बहुत समझदार होते हैं.


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अगर ऐसे बच्चे की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो, तो उसे कुछ उपायों को करके मजबूत किया जा सकता है.

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