Pandit Deendayal Upadhyay
- सब
- ख़बरें
-
PM मोदी ने पं. दीनदयाल उपाध्याय की 72 फीट ऊंची प्रतिमा का किया अनावरण
- Monday September 25, 2023
- Edited by: अभिषेक पारीक
प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि मुझे हमेशा एक बात का गर्व होता है कि जिस दीनदयाल उपाध्यायजी के विचारों को लेकर हम जी रहे हैं, मेरे लिए उनके चरणों में बैठने का सौभाग्य मिलना अपने आप में बहुत ही बड़ी बात है.
- ndtv.in
-
सावधान : सस्ते टैटू बनवाने के चक्कर में फंस सकते हैं एचआईवी के फेरे में
- Saturday August 6, 2022
- Reported by: अजय सिंह
वाराणसी में टैटू (Tatoo) बनाने के चक्कर में एचआईवी (HIV) के फेरे में फंसने की कहानी सिर्फ फसाना नहीं है बल्कि वाराणसी (Varanasi) में हकीकत में नजर आ रही है.
- ndtv.in
-
Birthday Special: अपने जीवन का इकलौता चुनाव क्यों हार गए थे पंडित दीनदयाल उपाध्याय?
- Wednesday September 25, 2019
- Written by: प्रभात उपाध्याय
दीनदयाल उपाध्याय (Deendayal Upadhyaya) की जीत लगभग तय मानी जा रही थी. इसकी दो वजहें थी. एक तो खुद उनका कद और दूसरा जौनपुर सीट से 62 के आम चुनाव में जनसंघ के ही प्रत्याशी ब्रम्हजीत सिंह ने बाजी मारी थी, लेकिन उनका अचानक देहांत हो गया. जनसंघ मानकर चल रही थी कि जौनपुर में पार्टी का मजबूत जनाधार है और उप चुनाव में इसका फायदा मिलेगा.
- ndtv.in
-
PM मोदी ने पं. दीनदयाल उपाध्याय की 72 फीट ऊंची प्रतिमा का किया अनावरण
- Monday September 25, 2023
- Edited by: अभिषेक पारीक
प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि मुझे हमेशा एक बात का गर्व होता है कि जिस दीनदयाल उपाध्यायजी के विचारों को लेकर हम जी रहे हैं, मेरे लिए उनके चरणों में बैठने का सौभाग्य मिलना अपने आप में बहुत ही बड़ी बात है.
- ndtv.in
-
सावधान : सस्ते टैटू बनवाने के चक्कर में फंस सकते हैं एचआईवी के फेरे में
- Saturday August 6, 2022
- Reported by: अजय सिंह
वाराणसी में टैटू (Tatoo) बनाने के चक्कर में एचआईवी (HIV) के फेरे में फंसने की कहानी सिर्फ फसाना नहीं है बल्कि वाराणसी (Varanasi) में हकीकत में नजर आ रही है.
- ndtv.in
-
Birthday Special: अपने जीवन का इकलौता चुनाव क्यों हार गए थे पंडित दीनदयाल उपाध्याय?
- Wednesday September 25, 2019
- Written by: प्रभात उपाध्याय
दीनदयाल उपाध्याय (Deendayal Upadhyaya) की जीत लगभग तय मानी जा रही थी. इसकी दो वजहें थी. एक तो खुद उनका कद और दूसरा जौनपुर सीट से 62 के आम चुनाव में जनसंघ के ही प्रत्याशी ब्रम्हजीत सिंह ने बाजी मारी थी, लेकिन उनका अचानक देहांत हो गया. जनसंघ मानकर चल रही थी कि जौनपुर में पार्टी का मजबूत जनाधार है और उप चुनाव में इसका फायदा मिलेगा.
- ndtv.in