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Narayan Sakar Hari

'Narayan Sakar Hari' - 16 News Result(s)
  • 121 लोगों की मौत के बाद भी यह कैसा मायाजाल? आश्रम के बाहर भोले बाबा के भक्त टेक रहे माथा

    121 लोगों की मौत के बाद भी यह कैसा मायाजाल? आश्रम के बाहर भोले बाबा के भक्त टेक रहे माथा

    हाथरस (Hathras) में हुए सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लगों की मौत की घटना के बाद हरिनारायण साकार उर्फ भोले बाबा (Bhole Baba) फरार है. पुलिस उसको तलाश रही है. हाथरस में भोले बाबा के चरणों की धूल उठाने के लिए मची प्रतिस्पर्धा के दौरान मची भगदड़ से बड़ी संख्या में मौतें हुईं. इस घटना को लेकर भले ही देश भर में भोले बाबा को कोसा जा रहा हो, लेकिन इसके बावजूद मैनपुरी (Mainpuri) में उनके आश्रम के गेट पर लोग माथा टेकते हुए नजर आ रहे हैं.

  • सुदर्शन चक्र के बाद अब उल्लू की आंख का काजल, हाथरस के बाबा का रहस्यलोक ऐसे हो रहा उजागर

    सुदर्शन चक्र के बाद अब उल्लू की आंख का काजल, हाथरस के बाबा का रहस्यलोक ऐसे हो रहा उजागर

    नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा खुद के पास सुदर्शन चक्र होने का दावा करता है. वह खुद को विष्णु का अवतार बताता है, जो प्रलय भी ला सकता है. यही नहीं सत्संग में बाबा एडिटिंग करके हाथ के पास चक्र भी घुमा कर भी दिखाता था.

  • तीन चक्र की सुरक्षा, छूना भी मना, दलित ऐंगल... बाबा के 10 रहस्य

    तीन चक्र की सुरक्षा, छूना भी मना, दलित ऐंगल... बाबा के 10 रहस्य

    हाथरस में जिस 'भोले बाबा' के कार्यक्रम में 121 लोगों ने भगदड़ में जान गंवा दी, उस भोले बाबा के देश में कई आश्रम हैं. स्वयंभू बाबा भोले नाथ उर्फ़ नारायण हरि साकार उर्फ़ सूरजपाल का मैनपुरी, कानपुर, नोएडा और ग्वालियर में आश्रम हैं. इन आश्रमों में रहने वाले बाबा को इंसान नहीं बल्कि परमात्मा मानते हैं.

  • भोले बाबा के दौसा आश्रम में होता था VVIP का जमावड़ा, ज्यादातर महिलाएं ही होती थीं सेवादार

    भोले बाबा के दौसा आश्रम में होता था VVIP का जमावड़ा, ज्यादातर महिलाएं ही होती थीं सेवादार

    राजस्थान के दौसा में भोले बाबा (Bhole Baba) यानी नारायण साकार हरि के आश्रम के आसपास के लोगों ने उस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया कि भोले बाबा रसूखदार व्यक्ति है. उसके दौसा आश्रम पर वीवीआईपी लोगों का आना-जाना होता था. जब यहां दरबार लगता था तब कॉलोनी के वाशिंदे कॉलोनी में आने के लिए अपना आई कार्ड बाबा के निजी सुरक्षा गार्ड्स को दिखाकर ही आ पाते थे. साथ ही बाबा भोले के सेवादारों में अधिकांश महिलाएं हुआ करती थीं.

  • हाथरस हादसे की FIR में बाबा का नाम क्यों नहीं? कौन दे रहा संरक्षण

    हाथरस हादसे की FIR में बाबा का नाम क्यों नहीं? कौन दे रहा संरक्षण

    भोले बाबा अपने समागम में दावा करते हैं कि 18 साल की नौकरी के बाद उन्होंने 90 के दशक में VRS ले लिया था. उसके बाद उन्हें भगवान के दर्शन हुए. भगवान की इच्छा पर ही वो सत्संग में लोगों को मानवता का प्रवचन देते हैं. हालांकि, उनके दावे झूठे हैं.

  • हाथरस हादसा : कौन होते हैं सेवादार? जिनके नाम पर इन बाबाओं ने बना लीं फौजें

    हाथरस हादसा : कौन होते हैं सेवादार? जिनके नाम पर इन बाबाओं ने बना लीं फौजें

    उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras) जिले के फुलरई गांव में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि यानी ‘भोले बाबा’ के सत्संग में उनके लाखों अनुयायी पहुंचे. सत्संग समाप्त होने के बाद जब भोले बाबा वहां से जा रहा था तो उसे देखने और उसके चरणों की धूल छूने के लिए लोग टूट पड़े. बाबा के सेवादारों ने लोगों को धक्के मारे जिससे भगदड़ मच गई. इस भगदड़ के दौरान कुचलने से 121 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. इस घटना से प्रशासन की व्यवस्थाओं पर बाबा के सेवादारों के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं. बताया जा रहा है कि सेवादारों के लोगों को धक्के मारने से ही यह भीषण त्रासदी हुई. यह सेवादार होते कौन हैं? 

  • बाबा की फरारी की कहानी : हादसे के बाद 4 घंटे में 4 लोगों से की बात, फिर बंद किया फोन

    बाबा की फरारी की कहानी : हादसे के बाद 4 घंटे में 4 लोगों से की बात, फिर बंद किया फोन

    हादसे के 24 घंटे बाद भोले बाबा का पहला बयान आया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह के जरिए लिखित बयान जारी किया. इसमें लिखा गया- "समागम से मेरे निकलने के बाद हादसा हुआ. असामाजिक तत्वों ने भगदड़ मचाई है. इन लोगों के खिलाफ लीगल एक्शन लूंगा. घायलों के स्वस्थ होने की कामना करता हूं."

  • 121 लाशें, कई सवाल : मौत के इस 'सत्संग' पर आखिर कौन देगा जवाब?

    121 लाशें, कई सवाल : मौत के इस 'सत्संग' पर आखिर कौन देगा जवाब?

    भीड़ में विवेक नहीं होता... भीड़ भेड़ चाल में चलती है... यदि भीड़ को सुव्यवस्थित तरीके से नियंत्रित न किया जाए तो उसके अनुशासन तोड़ने में भी देर नहीं लगती. हाथरस (Hathras) में भीड़ के बेकाबू होने से बड़ा हादसा हुआ. इस तरह की घटना पहली बार नहीं हुई. ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति चिंता में डालने वाली है. देश में खास तौर पर धार्मिक आयोजनों में इस तरह की दुर्घटनाएं होती रही हैं लेकिन इन्हें रोकने के लिए अब तक कोई मैकेनिज्म विकसित नहीं हो सका है. यदि कोई व्यवस्था है भी तो, उसको लेकर प्रशासनिक प्रतिबद्धता के बजाय लापरवाही, सैकड़ों लोगों की मौत का कारण बनती है.

  • हाथरस में हुआ क्या? कैसे मची भगदड़ और बिछ गईं 121 लाशें; ग्राफिक्स से सब समझिए

    हाथरस में हुआ क्या? कैसे मची भगदड़ और बिछ गईं 121 लाशें; ग्राफिक्स से सब समझिए

    हाथरस से एटा की तरफ जाने वाले रास्ते पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस सत्संग में हिस्सा लेने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे.

  • Hathras Stampede: बाबाओं के सेवादारों के सामने क्यों बेबस है प्रशासन?

    Hathras Stampede: बाबाओं के सेवादारों के सामने क्यों बेबस है प्रशासन?

    यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को पीड़ितों से मिलने के लिए पहुंचे. बाद में मीडिया से बात करते हुए सीएम योगी ने सेवादारों को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया.

  • पैर छूने के लिए मची अफरातफरी, सेवादारों ने मामला दबाने की कोशिश की : CM योगी आदित्यनाथ

    पैर छूने के लिए मची अफरातफरी, सेवादारों ने मामला दबाने की कोशिश की : CM योगी आदित्यनाथ

    सीएम ने बताया, "लोगों का कहना है कि कार्यक्रम के खत्म होने के बाद वह जैसे ही जाने लगे तो उन्हें छूने के लिए महिलाओं का एक दल बढ़ा तो उनके पीछे-पीछे भीड़ भी आ गई."

  • हाथरस वाले 'बाबा' पर लगे हैं यौन शोषण के आरोप, पुलिस की नौकरी से किया गया था बर्खास्त

    हाथरस वाले 'बाबा' पर लगे हैं यौन शोषण के आरोप, पुलिस की नौकरी से किया गया था बर्खास्त

    नारायण सरकार विश्वास हरि ऊर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल सिंह है. वह कासगंज जिले के बहादुर नगर गांव का रहने वाले हैं.दलित परिवार से आने वाले 58 साल के सूरजपाल सिंह के तीन भाई थे. उसके सबसे बड़े भाई की मौत हो चुकी है.छोटे भाई राकेश अभी भी गांव में ही रहते हैं.

  • कोरोना में भी कारनामा कर चुके हैं ये बाबा, भीड़ का VIDEO देख सिर चकरा जाएगा

    कोरोना में भी कारनामा कर चुके हैं ये बाबा, भीड़ का VIDEO देख सिर चकरा जाएगा

    2021 में कोरोना के वक्त भोले बाबा ने एक सत्संग का आयोजन किया था, जिसमें 50 हजार से भी अधिक लोग शामिल हुए थे, जब्कि सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश के मुताबिक उस वक्त किसी भी समारोह में केवल 50 लोगों को ही शामिल होने की इजाजत प्राप्त थी.

  • हाथरस में मौतों के बाद मैनपुरी में स्वागत करवा रहे थे नारायण साकार उर्फ भोले बाबा

    हाथरस में मौतों के बाद मैनपुरी में स्वागत करवा रहे थे नारायण साकार उर्फ भोले बाबा

    Hathras Satsang Stampede: नारायण साकार उर्फ भोले बाबा अभी मैनपुरी के बिछुवां के आश्रम राम कुटीर में मौजूद हैं. श्रद्धालुओं की मौत के बावजूद भोले बाबा का यहां स्वागत हुआ. भोले बाबा का राम कुटीर में एक आलीशन आश्रम है, जो लगभग 21 बीघे में बना है.

  • सिपाही से बाबा बने सूरज पाल का कई राज्यों में फैला है साम्राज्य, सफेद सूट और टाई है इनकी पहचान

    सिपाही से बाबा बने सूरज पाल का कई राज्यों में फैला है साम्राज्य, सफेद सूट और टाई है इनकी पहचान

    भोले बाबा यानि साकार हरि नारायण का जन्म उत्तर प्रदेश के ऐटा में बहादुर नगर गांव में हुआ है और उनका असली नाम सूरज पाल है. उनके दो भाई हैं, जिनमें से एक की मौत हो गई है और उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव में ही की थी.

'Narayan Sakar Hari' - 16 News Result(s)
  • 121 लोगों की मौत के बाद भी यह कैसा मायाजाल? आश्रम के बाहर भोले बाबा के भक्त टेक रहे माथा

    121 लोगों की मौत के बाद भी यह कैसा मायाजाल? आश्रम के बाहर भोले बाबा के भक्त टेक रहे माथा

    हाथरस (Hathras) में हुए सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लगों की मौत की घटना के बाद हरिनारायण साकार उर्फ भोले बाबा (Bhole Baba) फरार है. पुलिस उसको तलाश रही है. हाथरस में भोले बाबा के चरणों की धूल उठाने के लिए मची प्रतिस्पर्धा के दौरान मची भगदड़ से बड़ी संख्या में मौतें हुईं. इस घटना को लेकर भले ही देश भर में भोले बाबा को कोसा जा रहा हो, लेकिन इसके बावजूद मैनपुरी (Mainpuri) में उनके आश्रम के गेट पर लोग माथा टेकते हुए नजर आ रहे हैं.

  • सुदर्शन चक्र के बाद अब उल्लू की आंख का काजल, हाथरस के बाबा का रहस्यलोक ऐसे हो रहा उजागर

    सुदर्शन चक्र के बाद अब उल्लू की आंख का काजल, हाथरस के बाबा का रहस्यलोक ऐसे हो रहा उजागर

    नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा खुद के पास सुदर्शन चक्र होने का दावा करता है. वह खुद को विष्णु का अवतार बताता है, जो प्रलय भी ला सकता है. यही नहीं सत्संग में बाबा एडिटिंग करके हाथ के पास चक्र भी घुमा कर भी दिखाता था.

  • तीन चक्र की सुरक्षा, छूना भी मना, दलित ऐंगल... बाबा के 10 रहस्य

    तीन चक्र की सुरक्षा, छूना भी मना, दलित ऐंगल... बाबा के 10 रहस्य

    हाथरस में जिस 'भोले बाबा' के कार्यक्रम में 121 लोगों ने भगदड़ में जान गंवा दी, उस भोले बाबा के देश में कई आश्रम हैं. स्वयंभू बाबा भोले नाथ उर्फ़ नारायण हरि साकार उर्फ़ सूरजपाल का मैनपुरी, कानपुर, नोएडा और ग्वालियर में आश्रम हैं. इन आश्रमों में रहने वाले बाबा को इंसान नहीं बल्कि परमात्मा मानते हैं.

  • भोले बाबा के दौसा आश्रम में होता था VVIP का जमावड़ा, ज्यादातर महिलाएं ही होती थीं सेवादार

    भोले बाबा के दौसा आश्रम में होता था VVIP का जमावड़ा, ज्यादातर महिलाएं ही होती थीं सेवादार

    राजस्थान के दौसा में भोले बाबा (Bhole Baba) यानी नारायण साकार हरि के आश्रम के आसपास के लोगों ने उस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया कि भोले बाबा रसूखदार व्यक्ति है. उसके दौसा आश्रम पर वीवीआईपी लोगों का आना-जाना होता था. जब यहां दरबार लगता था तब कॉलोनी के वाशिंदे कॉलोनी में आने के लिए अपना आई कार्ड बाबा के निजी सुरक्षा गार्ड्स को दिखाकर ही आ पाते थे. साथ ही बाबा भोले के सेवादारों में अधिकांश महिलाएं हुआ करती थीं.

  • हाथरस हादसे की FIR में बाबा का नाम क्यों नहीं? कौन दे रहा संरक्षण

    हाथरस हादसे की FIR में बाबा का नाम क्यों नहीं? कौन दे रहा संरक्षण

    भोले बाबा अपने समागम में दावा करते हैं कि 18 साल की नौकरी के बाद उन्होंने 90 के दशक में VRS ले लिया था. उसके बाद उन्हें भगवान के दर्शन हुए. भगवान की इच्छा पर ही वो सत्संग में लोगों को मानवता का प्रवचन देते हैं. हालांकि, उनके दावे झूठे हैं.

  • हाथरस हादसा : कौन होते हैं सेवादार? जिनके नाम पर इन बाबाओं ने बना लीं फौजें

    हाथरस हादसा : कौन होते हैं सेवादार? जिनके नाम पर इन बाबाओं ने बना लीं फौजें

    उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras) जिले के फुलरई गांव में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि यानी ‘भोले बाबा’ के सत्संग में उनके लाखों अनुयायी पहुंचे. सत्संग समाप्त होने के बाद जब भोले बाबा वहां से जा रहा था तो उसे देखने और उसके चरणों की धूल छूने के लिए लोग टूट पड़े. बाबा के सेवादारों ने लोगों को धक्के मारे जिससे भगदड़ मच गई. इस भगदड़ के दौरान कुचलने से 121 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. इस घटना से प्रशासन की व्यवस्थाओं पर बाबा के सेवादारों के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं. बताया जा रहा है कि सेवादारों के लोगों को धक्के मारने से ही यह भीषण त्रासदी हुई. यह सेवादार होते कौन हैं? 

  • बाबा की फरारी की कहानी : हादसे के बाद 4 घंटे में 4 लोगों से की बात, फिर बंद किया फोन

    बाबा की फरारी की कहानी : हादसे के बाद 4 घंटे में 4 लोगों से की बात, फिर बंद किया फोन

    हादसे के 24 घंटे बाद भोले बाबा का पहला बयान आया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह के जरिए लिखित बयान जारी किया. इसमें लिखा गया- "समागम से मेरे निकलने के बाद हादसा हुआ. असामाजिक तत्वों ने भगदड़ मचाई है. इन लोगों के खिलाफ लीगल एक्शन लूंगा. घायलों के स्वस्थ होने की कामना करता हूं."

  • 121 लाशें, कई सवाल : मौत के इस 'सत्संग' पर आखिर कौन देगा जवाब?

    121 लाशें, कई सवाल : मौत के इस 'सत्संग' पर आखिर कौन देगा जवाब?

    भीड़ में विवेक नहीं होता... भीड़ भेड़ चाल में चलती है... यदि भीड़ को सुव्यवस्थित तरीके से नियंत्रित न किया जाए तो उसके अनुशासन तोड़ने में भी देर नहीं लगती. हाथरस (Hathras) में भीड़ के बेकाबू होने से बड़ा हादसा हुआ. इस तरह की घटना पहली बार नहीं हुई. ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति चिंता में डालने वाली है. देश में खास तौर पर धार्मिक आयोजनों में इस तरह की दुर्घटनाएं होती रही हैं लेकिन इन्हें रोकने के लिए अब तक कोई मैकेनिज्म विकसित नहीं हो सका है. यदि कोई व्यवस्था है भी तो, उसको लेकर प्रशासनिक प्रतिबद्धता के बजाय लापरवाही, सैकड़ों लोगों की मौत का कारण बनती है.

  • हाथरस में हुआ क्या? कैसे मची भगदड़ और बिछ गईं 121 लाशें; ग्राफिक्स से सब समझिए

    हाथरस में हुआ क्या? कैसे मची भगदड़ और बिछ गईं 121 लाशें; ग्राफिक्स से सब समझिए

    हाथरस से एटा की तरफ जाने वाले रास्ते पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस सत्संग में हिस्सा लेने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे.

  • Hathras Stampede: बाबाओं के सेवादारों के सामने क्यों बेबस है प्रशासन?

    Hathras Stampede: बाबाओं के सेवादारों के सामने क्यों बेबस है प्रशासन?

    यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को पीड़ितों से मिलने के लिए पहुंचे. बाद में मीडिया से बात करते हुए सीएम योगी ने सेवादारों को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया.

  • पैर छूने के लिए मची अफरातफरी, सेवादारों ने मामला दबाने की कोशिश की : CM योगी आदित्यनाथ

    पैर छूने के लिए मची अफरातफरी, सेवादारों ने मामला दबाने की कोशिश की : CM योगी आदित्यनाथ

    सीएम ने बताया, "लोगों का कहना है कि कार्यक्रम के खत्म होने के बाद वह जैसे ही जाने लगे तो उन्हें छूने के लिए महिलाओं का एक दल बढ़ा तो उनके पीछे-पीछे भीड़ भी आ गई."

  • हाथरस वाले 'बाबा' पर लगे हैं यौन शोषण के आरोप, पुलिस की नौकरी से किया गया था बर्खास्त

    हाथरस वाले 'बाबा' पर लगे हैं यौन शोषण के आरोप, पुलिस की नौकरी से किया गया था बर्खास्त

    नारायण सरकार विश्वास हरि ऊर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल सिंह है. वह कासगंज जिले के बहादुर नगर गांव का रहने वाले हैं.दलित परिवार से आने वाले 58 साल के सूरजपाल सिंह के तीन भाई थे. उसके सबसे बड़े भाई की मौत हो चुकी है.छोटे भाई राकेश अभी भी गांव में ही रहते हैं.

  • कोरोना में भी कारनामा कर चुके हैं ये बाबा, भीड़ का VIDEO देख सिर चकरा जाएगा

    कोरोना में भी कारनामा कर चुके हैं ये बाबा, भीड़ का VIDEO देख सिर चकरा जाएगा

    2021 में कोरोना के वक्त भोले बाबा ने एक सत्संग का आयोजन किया था, जिसमें 50 हजार से भी अधिक लोग शामिल हुए थे, जब्कि सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश के मुताबिक उस वक्त किसी भी समारोह में केवल 50 लोगों को ही शामिल होने की इजाजत प्राप्त थी.

  • हाथरस में मौतों के बाद मैनपुरी में स्वागत करवा रहे थे नारायण साकार उर्फ भोले बाबा

    हाथरस में मौतों के बाद मैनपुरी में स्वागत करवा रहे थे नारायण साकार उर्फ भोले बाबा

    Hathras Satsang Stampede: नारायण साकार उर्फ भोले बाबा अभी मैनपुरी के बिछुवां के आश्रम राम कुटीर में मौजूद हैं. श्रद्धालुओं की मौत के बावजूद भोले बाबा का यहां स्वागत हुआ. भोले बाबा का राम कुटीर में एक आलीशन आश्रम है, जो लगभग 21 बीघे में बना है.

  • सिपाही से बाबा बने सूरज पाल का कई राज्यों में फैला है साम्राज्य, सफेद सूट और टाई है इनकी पहचान

    सिपाही से बाबा बने सूरज पाल का कई राज्यों में फैला है साम्राज्य, सफेद सूट और टाई है इनकी पहचान

    भोले बाबा यानि साकार हरि नारायण का जन्म उत्तर प्रदेश के ऐटा में बहादुर नगर गांव में हुआ है और उनका असली नाम सूरज पाल है. उनके दो भाई हैं, जिनमें से एक की मौत हो गई है और उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव में ही की थी.

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