Muslim Brothers
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रक्षा बंधन: दुनिया से जाने के बाद भी बहन के 'हाथों' ने बांधी भाई की कलाई पर राखी, वीडियो देख आप भी नहीं रोक पाएंगे आंसू
- Saturday August 9, 2025
- Reported by: जीतेंद्र दीक्षित, Edited by: निलेश कुमार
रिया का एक हाथ मुंबई की रहने वाली अनामता अहमद को दिया गया, जो एक मुस्लिम परिवार से हैं. अनामता का हाथ करंट लगने के कारण काटना पड़ा था और रिया का हाथ उनके लिए एक नई जिंदगी लेकर आया था.
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इस सिंगर को मुस्लिम होने की वजह से गर्लफ्रेंड ने छोड़ा, फेम के प्रेशर से परिवार से नाता तोड़ा, बोले- मां चाहती थी भाई की तरह तरह बनूं...
- Monday July 14, 2025
- Written by: रोज़ी पंवार
This singer was left by his girlfriend because he was Muslim: इस साल की शुरुआत में अमाल मलिक ने खुलासा किया कि उन्होंने अपने पेरेंट्स दिग्गज कंपोजर डब्बू मलिक और मां ज्योति मलिक से रिश्ता तोड़ लिया है.
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1947 में परिवार से बिछड़े भारतीय सिख ने पाकिस्तानी मुस्लिम बहन से 75 साल बाद की मुलाकात
- Saturday September 10, 2022
- Reported by: प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया
अमरजीत सिंह की खुशी का उस समय कोई ठिकाना नहीं रहा, जब वह 1947 में बंटवारे के समय अपने परिवार से अलग होने के 75 साल बाद करतारपुर के गुरुद्वारा दरबार साहिब में अपनी पाकिस्तानी मुस्लिम बहन से मिले.
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गरीबों की मदद के लिए सामने आए दो भाई, खुद की 25 लाख की जमीन बेचकर भूखों को खिलाया खाना
- Sunday April 26, 2020
- Written by: स्वाति सिंह
कर्नाटक (Karnatka) के कोलार (Kolar) में रहने वाले 2 बिजनेसमैन भाईयों ने गरीबों की मदद के लिए जो तरीका निकाला है वह काबिलतारिफ है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह दो मुस्लिम (Muslim) भाई ने गरीबों की मदद के लिए अपनी 25 लाख की जमीन बेच दी ताकि ज्यादा से ज्यादा गरीब और भूखे लोगों की मदद कर सके.
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Lockdown: जरूरतमंदों की मदद के लिए इन दो भाईयों ने अपनी जमीन बेच डाली
- Saturday April 25, 2020
- Reported by: नेहाल किदवई, Edited by: सूर्यकांत पाठक
Karnataka Lockdown: कर्नाटक के कोलार के दो मुस्लिम भाईयों ने अपनी ज़मीन बेचकर 25 लाख रुपये इकट्ठे किए ताकि लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद हो सके. बचपन में मां-बाप को खो चुके दोनों भाईयों के मुताबिक जब वे 5 साल की उम्र में कोलार में रहने आए तो हिंदू, सिख और मुसलमान, सभी ने सहारा दिया. उन्हें खाना खिलाया, जब तक वे अपने पैरों पर खड़े नहीं हो गए. ऐसे में इस मुश्किल दौर में जरूरतमंदों की मदद करने के मकसद से उन्होंने अपनी ज़मीन बेच दी.
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रक्षा बंधन: दुनिया से जाने के बाद भी बहन के 'हाथों' ने बांधी भाई की कलाई पर राखी, वीडियो देख आप भी नहीं रोक पाएंगे आंसू
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1947 में परिवार से बिछड़े भारतीय सिख ने पाकिस्तानी मुस्लिम बहन से 75 साल बाद की मुलाकात
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अमरजीत सिंह की खुशी का उस समय कोई ठिकाना नहीं रहा, जब वह 1947 में बंटवारे के समय अपने परिवार से अलग होने के 75 साल बाद करतारपुर के गुरुद्वारा दरबार साहिब में अपनी पाकिस्तानी मुस्लिम बहन से मिले.
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