Missile Air Defence System
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India ने बनाया खुद का 'Iron Dome', पोखरण में किया परीक्षण;खूबियां जान कांप उठेंगे दुश्मन
- Monday October 14, 2024
- Reported by: राजीव रंजन, Edited by: विजय शंकर पांडेय
India New Defence System: भारत ने अब इजरायल की तर्ज पर नया डिफेंस सिस्टम बना लिया है. इसे अगर भारत का आयरन डोम कहा जाए तो गलत नहीं होगा. जानिए इसकी खासियत...
- ndtv.in
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इजरायल एयर डिफेंस सिस्टम को देख इंप्रेस हुए आनंद महिंद्रा, मिसाइल की तस्वीरें शेयर कर भारत को दी ये सलाह
- Tuesday April 16, 2024
- Edited by: शालिनी सेंगर
आनंद महिंद्रा ने इस पूरे सिस्टम के काम करने के तरीके के बारे में बताया है और जोर दिया है कि, भारत के पास ऐसा सिस्टम क्यों होना चाहिए.
- ndtv.in
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VIDEO: इजरायली विमानों ने सैकड़ों ईरानी Drones और मिसाइलों को रोक दिया, देखें - कैसे?
- Sunday April 14, 2024
- Edited by: सूर्यकांत पाठक
Israel-Iran war : इजरायल (Israel) ने आज एक वीडियो शेयर किया जिसमें दिख रहा है कि कैसे उसने इजरायली क्षेत्र पर ईरान (Iran) के हमले के दौरान दागी गईं सैकड़ों मिसाइलों (Missiles) और ड्रोनों को रोक दिया. ईरान ने शनिवार की रात में इजरायल पर हमला किया. यह हमला एक अप्रैल को सीरिया के दमिश्क में ईरान के दूतावास परिसर पर किए गए संदिग्ध इजरायली हवाई हमले के जवाब में किया गया. दमिश्क के हमले में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स के अधिकारी मारे गए थे.
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क्यों खास है भारत को रूस से मिला एयर डिफेंस सिस्टम S-400? दुश्मन के हर वार को हवा में कर देगा नष्ट
- Tuesday October 31, 2023
- Reported by: राजीव रंजन
भारत ने इस एयर डिफेंस सिस्टम को रूस से खरीदा है. फिलहाल भारत को तीन स्क्वाड्रन मिल चुके हैं और बाकी के दो स्क्वाड्रन एक साल के भीतर मिल जाएंगे.
- ndtv.in
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चीन से तनाव के चलते भारतीय सेना के लिए बहुत जरूरी है S-400, जानिए क्या खासियत है इस सिस्टम की
- Monday June 22, 2020
- Edited by: पवन पांडे
दूर तक मार करने की क्षमता की वजह से इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम को दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार माना जाता है. एस-400 दुश्मन के सभी हवाई हमलों को नाकाम करने में सक्षम है और यह जमीन में लड़ रहे सैनिकों की मदद भी रोक सकता है.
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अब भारत की ओर आंख उठाना हो सकती है बड़ी गलती, आ रहा है दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार S-400, जानें इसकी 10 बड़ी बातें
- Friday January 17, 2020
- Edited by: मानस मिश्रा
रूस के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रोमन बबुश्किन ने शुक्रवार को कहा कि भारत को सभी एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों की अपूर्ति 2025 तक कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि भारत को दी जाने वाली एस-400 मिसाइलों का निर्माण शुरू हो गया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय बैठक में भाग लेने के लिए 22 और 23 मार्च को रूस जाएंगे. एस-300 का उन्नत संस्करण एस-400 पहले रूस के रक्षा बलों को ही उपलब्ध थीं. इसका निर्माण अल्माज-एंते करता है और यह 2007 से रूस के बेड़े में शामिल है. आपको बता दें कि एस 400 खरीदने वाला भारत तीसरा देश है. चीन ने भी रूस से इसे खरीदा है. इस मिसाइल सिस्टम अपने आप में बेजोड़ है. इसका पूरा नाम S-400 ट्रायम्फ है जिसे नाटो देशों में SA-21 ग्रोलर के नाम से पुकारा जाता है. यह लंबी दूरी का जमीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है जिसे रूस ने बनाया है. S-400 का सबसे पहले साल 2007 में उपयोग हुआ था जो कि S-300 का अपडेटेड वर्जन है. इस एक मिसाइल सिस्टम में कई सिस्टम एकसाथ लगे होने के कारण इसकी सामरिक क्षमता काफी मजबूत मानी जाती है. इसकी मारक क्षमता अचूक है क्योंकि यह एक साथ तीन दिशाओं में मिसाइल दाग सकता है. 400 किमी के रेंज में एक साथ कई लड़ाकू विमान, बैलिस्टिक व क्रूज मिसाइल और ड्रोन पर यह हमला कर सकता है.
- ndtv.in
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अमेरिका की धमकी के बाद भी भारत क्यों रूस से खरीदने जा रहा है दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार S-400 Triumf, 10 खास बातें
- Friday October 5, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
अमेरिका की धमकियों और नाराजगी के बीच भी भारत रूस से S-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदने की तैयारी कर रहा है. अमेरिका ने कहा है कि रूस के साथ एस-400 प्रक्षेपास्त्र प्रणाली खरीदने के लिए किया जाने वाला समझौता एक ‘महत्वपूर्ण’ व्यापार समझौता माना जाएगा. अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस के साथ किसी देश पर दंडनीय प्रतिबंध लगाने के लिए काफी है. अमेरिकी सरकार ‘ अमेरिका के विरोधियों से प्रबिबंधों के माध्यम से मुकाबला करने का अधिनियम’ (सीएएटीएसए) के तहत ईरान, उत्तर कोरिया और रूस के साथ ‘महत्वपूर्ण व्यापारिक लेनदेन’ करने वाले देश पर प्रतिबंध लगा सकती है. लेकिन ऐसा लगता है कि अमेरिका की इस चेतावनी के बाद भी इस रक्षा प्रणाली के लिए कदम बढ़ाने की इच्छुक है. इस सिस्टम को खरीदने के लिए भारत को पांच अरब डॉलर तक खर्च करने पड़ सकते हैं. भारत अपने वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है, खासतौर पर लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा के लिए.
- ndtv.in
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भारत और रूस के बीच इस हफ्ते होगा S-400 एयर डिफेंस डील, राष्ट्रपति पुतिन आएंगे भारत
- Wednesday October 3, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन की मौजूदगी में भारत को एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति के लिए इस सप्ताह पांच अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. पुतिन की भारत यात्रा से पहले उनके एक सहयोगी ने मंगलवार को यह बात कही. पुतिन के शीर्ष विदेश नीति सलाहकार युरी उशाकोव ने कहा, 'राष्ट्रपति चार अक्टूबर को भारत के लिए रवाना हो रहे हैं.'
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India ने बनाया खुद का 'Iron Dome', पोखरण में किया परीक्षण;खूबियां जान कांप उठेंगे दुश्मन
- Monday October 14, 2024
- Reported by: राजीव रंजन, Edited by: विजय शंकर पांडेय
India New Defence System: भारत ने अब इजरायल की तर्ज पर नया डिफेंस सिस्टम बना लिया है. इसे अगर भारत का आयरन डोम कहा जाए तो गलत नहीं होगा. जानिए इसकी खासियत...
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इजरायल एयर डिफेंस सिस्टम को देख इंप्रेस हुए आनंद महिंद्रा, मिसाइल की तस्वीरें शेयर कर भारत को दी ये सलाह
- Tuesday April 16, 2024
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आनंद महिंद्रा ने इस पूरे सिस्टम के काम करने के तरीके के बारे में बताया है और जोर दिया है कि, भारत के पास ऐसा सिस्टम क्यों होना चाहिए.
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VIDEO: इजरायली विमानों ने सैकड़ों ईरानी Drones और मिसाइलों को रोक दिया, देखें - कैसे?
- Sunday April 14, 2024
- Edited by: सूर्यकांत पाठक
Israel-Iran war : इजरायल (Israel) ने आज एक वीडियो शेयर किया जिसमें दिख रहा है कि कैसे उसने इजरायली क्षेत्र पर ईरान (Iran) के हमले के दौरान दागी गईं सैकड़ों मिसाइलों (Missiles) और ड्रोनों को रोक दिया. ईरान ने शनिवार की रात में इजरायल पर हमला किया. यह हमला एक अप्रैल को सीरिया के दमिश्क में ईरान के दूतावास परिसर पर किए गए संदिग्ध इजरायली हवाई हमले के जवाब में किया गया. दमिश्क के हमले में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स के अधिकारी मारे गए थे.
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क्यों खास है भारत को रूस से मिला एयर डिफेंस सिस्टम S-400? दुश्मन के हर वार को हवा में कर देगा नष्ट
- Tuesday October 31, 2023
- Reported by: राजीव रंजन
भारत ने इस एयर डिफेंस सिस्टम को रूस से खरीदा है. फिलहाल भारत को तीन स्क्वाड्रन मिल चुके हैं और बाकी के दो स्क्वाड्रन एक साल के भीतर मिल जाएंगे.
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चीन से तनाव के चलते भारतीय सेना के लिए बहुत जरूरी है S-400, जानिए क्या खासियत है इस सिस्टम की
- Monday June 22, 2020
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दूर तक मार करने की क्षमता की वजह से इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम को दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार माना जाता है. एस-400 दुश्मन के सभी हवाई हमलों को नाकाम करने में सक्षम है और यह जमीन में लड़ रहे सैनिकों की मदद भी रोक सकता है.
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अब भारत की ओर आंख उठाना हो सकती है बड़ी गलती, आ रहा है दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार S-400, जानें इसकी 10 बड़ी बातें
- Friday January 17, 2020
- Edited by: मानस मिश्रा
रूस के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रोमन बबुश्किन ने शुक्रवार को कहा कि भारत को सभी एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों की अपूर्ति 2025 तक कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि भारत को दी जाने वाली एस-400 मिसाइलों का निर्माण शुरू हो गया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय बैठक में भाग लेने के लिए 22 और 23 मार्च को रूस जाएंगे. एस-300 का उन्नत संस्करण एस-400 पहले रूस के रक्षा बलों को ही उपलब्ध थीं. इसका निर्माण अल्माज-एंते करता है और यह 2007 से रूस के बेड़े में शामिल है. आपको बता दें कि एस 400 खरीदने वाला भारत तीसरा देश है. चीन ने भी रूस से इसे खरीदा है. इस मिसाइल सिस्टम अपने आप में बेजोड़ है. इसका पूरा नाम S-400 ट्रायम्फ है जिसे नाटो देशों में SA-21 ग्रोलर के नाम से पुकारा जाता है. यह लंबी दूरी का जमीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है जिसे रूस ने बनाया है. S-400 का सबसे पहले साल 2007 में उपयोग हुआ था जो कि S-300 का अपडेटेड वर्जन है. इस एक मिसाइल सिस्टम में कई सिस्टम एकसाथ लगे होने के कारण इसकी सामरिक क्षमता काफी मजबूत मानी जाती है. इसकी मारक क्षमता अचूक है क्योंकि यह एक साथ तीन दिशाओं में मिसाइल दाग सकता है. 400 किमी के रेंज में एक साथ कई लड़ाकू विमान, बैलिस्टिक व क्रूज मिसाइल और ड्रोन पर यह हमला कर सकता है.
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अमेरिका की धमकी के बाद भी भारत क्यों रूस से खरीदने जा रहा है दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार S-400 Triumf, 10 खास बातें
- Friday October 5, 2018
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अमेरिका की धमकियों और नाराजगी के बीच भी भारत रूस से S-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदने की तैयारी कर रहा है. अमेरिका ने कहा है कि रूस के साथ एस-400 प्रक्षेपास्त्र प्रणाली खरीदने के लिए किया जाने वाला समझौता एक ‘महत्वपूर्ण’ व्यापार समझौता माना जाएगा. अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस के साथ किसी देश पर दंडनीय प्रतिबंध लगाने के लिए काफी है. अमेरिकी सरकार ‘ अमेरिका के विरोधियों से प्रबिबंधों के माध्यम से मुकाबला करने का अधिनियम’ (सीएएटीएसए) के तहत ईरान, उत्तर कोरिया और रूस के साथ ‘महत्वपूर्ण व्यापारिक लेनदेन’ करने वाले देश पर प्रतिबंध लगा सकती है. लेकिन ऐसा लगता है कि अमेरिका की इस चेतावनी के बाद भी इस रक्षा प्रणाली के लिए कदम बढ़ाने की इच्छुक है. इस सिस्टम को खरीदने के लिए भारत को पांच अरब डॉलर तक खर्च करने पड़ सकते हैं. भारत अपने वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है, खासतौर पर लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा के लिए.
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भारत और रूस के बीच इस हफ्ते होगा S-400 एयर डिफेंस डील, राष्ट्रपति पुतिन आएंगे भारत
- Wednesday October 3, 2018
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रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन की मौजूदगी में भारत को एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति के लिए इस सप्ताह पांच अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. पुतिन की भारत यात्रा से पहले उनके एक सहयोगी ने मंगलवार को यह बात कही. पुतिन के शीर्ष विदेश नीति सलाहकार युरी उशाकोव ने कहा, 'राष्ट्रपति चार अक्टूबर को भारत के लिए रवाना हो रहे हैं.'
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