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Manglesh Dabral

'Manglesh Dabral' - 3 News Result(s)
  • स्मृतिशेष मंगलेश डबराल: ‘इसी रात में अपना घर है’

    स्मृतिशेष मंगलेश डबराल: ‘इसी रात में अपना घर है’

    भाषा या कविता के इस व्यर्थता-बोध के बावजूद यह एहसास जाता नहीं कि अंततः रास्ता कोई और नहीं है. मंगलेश डबराल कविता न लिखते तो क्या करते? विकट और विराट ईश्वरों और दरिंदों के मुक़ाबले वे अपनी मनुष्यता का संधान न करते तो क्या करते. अन्याय को पहचानने का सयानापन कई जगह से मिल सकता है, लेकिन अन्याय से आंख मिलाने का साहस और अन्याय न करने का मनुष्योचित विवेक अगर सबसे ज़्यादा कहीं से मिल सकता है तो वह कविता है.

  • हिंदी के प्रख्यात कवि व पत्रकार मंगलेश डबराल का निधन, कोरोना से थे संक्रमित

    हिंदी के प्रख्यात कवि व पत्रकार मंगलेश डबराल का निधन, कोरोना से थे संक्रमित

    हिंदी के प्रख्यात कवि, पत्रकार व साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित मंगलेश डबराल का बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण से निधन हो गया. वह 72 वर्ष के थे. करीब 12 दिन पहले कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आए डबराल ने एम्स में आखिरी सांस ली. एम्स में उपचार के दौरान शाम में उन्हें दिल का दौरा पड़ा.

  • इस बार जयपुर में समानांतर साहित्य उत्सव में गांधी और युवाओं पर होंगे विशेष सत्र

    इस बार जयपुर में समानांतर साहित्य उत्सव में गांधी और युवाओं पर होंगे विशेष सत्र

    आमतौर पर इसका आयोजन जयपुर लिटरेचर फेस्टीवल (JLF) के साथ किया जाता है, लेकिन इस बार यह लगभग एक महीने बाद 21 से 23 फरवरी को होगा. इस बार आयोजन स्थल भी रविंद्र मंच के बजाय जवाहर कला केंद्र का शिल्पग्राम होगा. संघ के मुख्य संयोजक ईशमधु तलवार ने बताया कि इस बार PLF में पांच मंचों पर लगभग सौ सत्र तीन दिन में आयोजित किए जाएंगे.

'Manglesh Dabral' - 3 News Result(s)
  • स्मृतिशेष मंगलेश डबराल: ‘इसी रात में अपना घर है’

    स्मृतिशेष मंगलेश डबराल: ‘इसी रात में अपना घर है’

    भाषा या कविता के इस व्यर्थता-बोध के बावजूद यह एहसास जाता नहीं कि अंततः रास्ता कोई और नहीं है. मंगलेश डबराल कविता न लिखते तो क्या करते? विकट और विराट ईश्वरों और दरिंदों के मुक़ाबले वे अपनी मनुष्यता का संधान न करते तो क्या करते. अन्याय को पहचानने का सयानापन कई जगह से मिल सकता है, लेकिन अन्याय से आंख मिलाने का साहस और अन्याय न करने का मनुष्योचित विवेक अगर सबसे ज़्यादा कहीं से मिल सकता है तो वह कविता है.

  • हिंदी के प्रख्यात कवि व पत्रकार मंगलेश डबराल का निधन, कोरोना से थे संक्रमित

    हिंदी के प्रख्यात कवि व पत्रकार मंगलेश डबराल का निधन, कोरोना से थे संक्रमित

    हिंदी के प्रख्यात कवि, पत्रकार व साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित मंगलेश डबराल का बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण से निधन हो गया. वह 72 वर्ष के थे. करीब 12 दिन पहले कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आए डबराल ने एम्स में आखिरी सांस ली. एम्स में उपचार के दौरान शाम में उन्हें दिल का दौरा पड़ा.

  • इस बार जयपुर में समानांतर साहित्य उत्सव में गांधी और युवाओं पर होंगे विशेष सत्र

    इस बार जयपुर में समानांतर साहित्य उत्सव में गांधी और युवाओं पर होंगे विशेष सत्र

    आमतौर पर इसका आयोजन जयपुर लिटरेचर फेस्टीवल (JLF) के साथ किया जाता है, लेकिन इस बार यह लगभग एक महीने बाद 21 से 23 फरवरी को होगा. इस बार आयोजन स्थल भी रविंद्र मंच के बजाय जवाहर कला केंद्र का शिल्पग्राम होगा. संघ के मुख्य संयोजक ईशमधु तलवार ने बताया कि इस बार PLF में पांच मंचों पर लगभग सौ सत्र तीन दिन में आयोजित किए जाएंगे.