India China 1962 War
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'अगर 1962 में भारत का मजबूत नेतृत्व होता तो...' चीन पर बोले अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल
- Sunday November 21, 2021
- Reported by: भाषा
राज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीडी मिश्रा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सेना के जवानों के कल्याण के लिए हमेशा चिंतित रहती है.
- ndtv.in
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"भारत अब कमजोर नहीं": लद्दाख में 1962 के युद्ध स्थल पर बोले रक्षा मंत्री
- Friday November 19, 2021
- Reported by: NDTV.com (PTI के इनपुट के साथ), Translated by: अभिषेक पारीक
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को परोक्ष संदेश देते हुए कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने वाले किसी भी व्यक्ति को मुंहतोड़ जवाब देगा. कोई भी भारत को "आंख दिखा कर" भाग नहीं सकता.
- ndtv.in
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भारत-चीन के रिश्तों पर बोले विदेश मंत्री- 1962 के युद्ध के बाद सबसे ज्यादा गंभीर हालात
- Thursday August 27, 2020
- Reported by: विष्णु सोम, Translated by: तूलिका कुशवाहा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक इंटरव्यू में भारत-चीन संबंधों पर बात करते हुए कहा है कि दोनों देशों के बीच 1962 के युद्ध के बाद से सबसे ज्यादा गंभीर हालात बने हुए हैं. विदेश मंत्री अपनी किताब ''The India Way: Strategies for an Uncertain World'' के रिलीज होने के पहले यह बातचीत कर रहे थे.
- ndtv.in
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जानिए भारत को अपना चुके चीनी युद्धबंदी की कहानी, जो नहीं चाहता दोनों देशों के बीच युद्ध
- Monday June 22, 2020
- Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: तूलिका कुशवाहा
ये कहानी है एक ऐसे युद्ध बंदी की जो कि 1962 की जंग में गलती से भारत की सीमा में प्रवेश कर गया और फिर अगले सात सालों तक देश की अलग अलग जेलों में युद्ध बंदी की तरह रहा. आजाद हुआ तो उसने भारत को ही अपना घर बना लिया.
- ndtv.in
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लद्दाख : चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में कर्नल समेत 3 भारतीय जवानों ने गंवाई जान, दोनों पक्षों को हुआ नुकसान
- Wednesday June 17, 2020
- Reported by: राजीव रंजन, Written by: मानस मिश्रा
India China border row: लद्दाख में चीन की सेना के साथ हुई झड़प में भारतीय सेना का एक कर्नल और दो जवान शहीद हो गए हैं. लद्दाख इलाके में यह 1962 के बाद ऐसा पहला मौका है जब सैनिक शहीद हुए हैं. सेना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चीनी सेना को भी काफी नुकसान हुआ है. बताया जा रहा है कि दोनों सेनाओं की ओर से रात में पीछे हटने की प्रक्रिया जारी थी लेकिन अब अचानक चीनी सैनिकों की ओर से हरकत की गई है जिसमें भारतीय सैनिक शहीद हो गए हैं. वहीं चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत अगर एकतरफा कदम उठाएगा तो इस तरह की दिक्कतें सामने आएंगी. चीन का आरोप है कि भारतीय सैनिक उसकी सेना में घुस आए थे. चीन की ओर से की गई इस हरकत के बाद अब विश्वास बहाली बड़ा मुद्दा हो गया है. वहीं दोनों सेनाओं की ओर से इस सीमा पर तोपें और अन्य साजो-सामान भी इकट्ठा कर रही है और सैनिकों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है. वहीं मिल रही है जानकारी के बाद इस घटना के बाद दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच उच्च स्तरीय बैठक जारी है.
- ndtv.in
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सीमा पर 1962 जैसी हरकतें कर रहा चीन, गलवान नदी के पास लगाए टेंट, भारतीय सेना भी मुस्तैद
- Sunday May 17, 2020
- Reported by: नीता शर्मा, Edited by: नितेश श्रीवास्तव
पिछले कुछ दिनों से चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपनी मौजूदगी को बढ़ा रहा है. नॉर्थ ब्लॉक तक पहुंचने वाली रिपोर्ट के अनुसार चीन के रवैये को देखते हुए भारत अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है.भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,"चूंकि पिछले कुछ दिनों से चीन LAC पर अपने सैनिकों की संख्या को बढ़ा रहा है ऐसे में हम उस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहे हैं."
- ndtv.in
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Birthday Special: चीन से हार के बाद जवाहरलाल नेहरू ने क्या कहा था?
- Wednesday November 14, 2018
- प्रभात उपाध्याय
जब जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने बोलना शुरू किया तो करीब डेढ़ घंटे बोलते रहे. प्रेस कांफ्रेंस में चीनी प्रधानमंत्री के प्रति उन्होंने अपनी भड़ास जमकर निकाली'. हार पर नेहरू ने कहा, 'चीन एक सैनिक मानसिकता का राष्ट्र है जो हमेशा सैन्य साजो-सामान को मजबूत करने पर जोर देता है....यह उनके अतीत के गृहयुद्ध की ही एक निरंतरता है. इसलिये आमतौर पर वे मजबूत स्थिति में हैं'. नेहरू ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में विपक्षी नेताओ पर भी निशाना साधा और यहां तक कह डाला कि 'हमारे विपक्षी नेताओं की आदत है कि वे बिना किसी सिद्धांत के हर किसी से गठजोड़ कर लेते हैं. ऐसा भी हो सकता है कि वे चीनियों से गठजोड़ कर लें'.
- ndtv.in
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चीनी मीडिया का बड़ा बयान : ... तो फिर भारत को 1962 से बड़ा नुकसान होगा
- Wednesday July 5, 2017
- Written by: राजीव मिश्र
भारत और चीन के बीच डोका ला में जारी सीमा विवाद दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है. करीब एक महीने से जारी इस विवाद के चलते इस इलाके में दोनों और से सेना का जमावड़ा नॉन कॉम्बेटिव मोड में बढ़ता जा रहा है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में भारत को कड़ा सबक सिखाने की बात कही गई.
- ndtv.in
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यदि आज भारत और चीन के बीच युद्ध छिड़ जाए तो...!
- Monday July 3, 2017
- राजीव रंजन
चीन तो क्या, यह बात हर कोई जानता है कि अब लड़ाई किसी देश के बूते की बात नहीं है. हां, बस इसके नाम पर दबाव जरूर बनाया जा सकता है. सच्चाई यह है कि भारत, अमेरिका और जापान की दोस्ती चीन को रास नहीं आ रही है, लिहाजा वह दबाव बनाने के लिए यह सब कर रहा है.
- ndtv.in
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रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने चीन को चेताया- '1962 और आज के हालात में फर्क है'...
- Friday June 30, 2017
- भाषा
चीन की ओर से 1962 के भारत-चीन युद्ध की याद दिलाने पर जेटली ने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा कि उस वक्त के हालात अलग थे, और आज के हालात अलग हैं.
- ndtv.in
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1962 की हार के लिए नेहरू सरकार की नीति जिम्मेदार : रिपोर्ट
- Wednesday March 19, 2014
- NDTVIndia
1962 में भारत और चीन के बीच हुई लड़ाई में भारत की हार की जांच करने वाली कमेटी ने जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराया था। जवाहरलाल नेहरू उस वक्त भारत के प्रधानमंत्री थे। इस बात का खुलासा एक ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार नैविल मैक्सवेल ने किया है।
- ndtv.in
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भारत-चीन युद्ध के 50 वर्ष बाद भारत सहयोगी है प्रतिद्वंद्वी नहीं : चीन
- Wednesday October 24, 2012
- Bhasha
भारत को अपने प्रतिद्वंद्वी के स्थान पर सहयोगी बताते हुए चीन ने बुधवार को कहा कि वर्ष 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध के बाद दुनिया में काफी गंभीर बदलाव हुए हैं।
- ndtv.in
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चीन से बचाव करने में भारत पूरी तरह सक्षम : एंटनी
- Thursday October 18, 2012
- Bhasha
रक्षा मंत्री एके एंटनी ने गुरुवार को कहा कि भारत ने वर्ष 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध के बाद से अब तक अपनी सैन्य शक्ति काफी मजबूत बना ली है और आज यह अपना बचाव करने में पूरी तरह सक्षम है।
- ndtv.in
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भारत पर आक्रमण अमेरिकी, रूस को सबक सिखाना था : चीनी अखबार
- Thursday June 28, 2012
- Bhasha
सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार ने लिखा है कि वर्ष 1962 का युद्ध पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को एक झटका देकर अमेरिका और पूर्व सोवियत संघ के प्रभाव से जगाने के लिए था।
- ndtv.in
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'अगर 1962 में भारत का मजबूत नेतृत्व होता तो...' चीन पर बोले अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल
- Sunday November 21, 2021
- Reported by: भाषा
राज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीडी मिश्रा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सेना के जवानों के कल्याण के लिए हमेशा चिंतित रहती है.
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"भारत अब कमजोर नहीं": लद्दाख में 1962 के युद्ध स्थल पर बोले रक्षा मंत्री
- Friday November 19, 2021
- Reported by: NDTV.com (PTI के इनपुट के साथ), Translated by: अभिषेक पारीक
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को परोक्ष संदेश देते हुए कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने वाले किसी भी व्यक्ति को मुंहतोड़ जवाब देगा. कोई भी भारत को "आंख दिखा कर" भाग नहीं सकता.
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भारत-चीन के रिश्तों पर बोले विदेश मंत्री- 1962 के युद्ध के बाद सबसे ज्यादा गंभीर हालात
- Thursday August 27, 2020
- Reported by: विष्णु सोम, Translated by: तूलिका कुशवाहा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक इंटरव्यू में भारत-चीन संबंधों पर बात करते हुए कहा है कि दोनों देशों के बीच 1962 के युद्ध के बाद से सबसे ज्यादा गंभीर हालात बने हुए हैं. विदेश मंत्री अपनी किताब ''The India Way: Strategies for an Uncertain World'' के रिलीज होने के पहले यह बातचीत कर रहे थे.
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जानिए भारत को अपना चुके चीनी युद्धबंदी की कहानी, जो नहीं चाहता दोनों देशों के बीच युद्ध
- Monday June 22, 2020
- Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: तूलिका कुशवाहा
ये कहानी है एक ऐसे युद्ध बंदी की जो कि 1962 की जंग में गलती से भारत की सीमा में प्रवेश कर गया और फिर अगले सात सालों तक देश की अलग अलग जेलों में युद्ध बंदी की तरह रहा. आजाद हुआ तो उसने भारत को ही अपना घर बना लिया.
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लद्दाख : चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में कर्नल समेत 3 भारतीय जवानों ने गंवाई जान, दोनों पक्षों को हुआ नुकसान
- Wednesday June 17, 2020
- Reported by: राजीव रंजन, Written by: मानस मिश्रा
India China border row: लद्दाख में चीन की सेना के साथ हुई झड़प में भारतीय सेना का एक कर्नल और दो जवान शहीद हो गए हैं. लद्दाख इलाके में यह 1962 के बाद ऐसा पहला मौका है जब सैनिक शहीद हुए हैं. सेना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चीनी सेना को भी काफी नुकसान हुआ है. बताया जा रहा है कि दोनों सेनाओं की ओर से रात में पीछे हटने की प्रक्रिया जारी थी लेकिन अब अचानक चीनी सैनिकों की ओर से हरकत की गई है जिसमें भारतीय सैनिक शहीद हो गए हैं. वहीं चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत अगर एकतरफा कदम उठाएगा तो इस तरह की दिक्कतें सामने आएंगी. चीन का आरोप है कि भारतीय सैनिक उसकी सेना में घुस आए थे. चीन की ओर से की गई इस हरकत के बाद अब विश्वास बहाली बड़ा मुद्दा हो गया है. वहीं दोनों सेनाओं की ओर से इस सीमा पर तोपें और अन्य साजो-सामान भी इकट्ठा कर रही है और सैनिकों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है. वहीं मिल रही है जानकारी के बाद इस घटना के बाद दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच उच्च स्तरीय बैठक जारी है.
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सीमा पर 1962 जैसी हरकतें कर रहा चीन, गलवान नदी के पास लगाए टेंट, भारतीय सेना भी मुस्तैद
- Sunday May 17, 2020
- Reported by: नीता शर्मा, Edited by: नितेश श्रीवास्तव
पिछले कुछ दिनों से चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपनी मौजूदगी को बढ़ा रहा है. नॉर्थ ब्लॉक तक पहुंचने वाली रिपोर्ट के अनुसार चीन के रवैये को देखते हुए भारत अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है.भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,"चूंकि पिछले कुछ दिनों से चीन LAC पर अपने सैनिकों की संख्या को बढ़ा रहा है ऐसे में हम उस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहे हैं."
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Birthday Special: चीन से हार के बाद जवाहरलाल नेहरू ने क्या कहा था?
- Wednesday November 14, 2018
- प्रभात उपाध्याय
जब जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने बोलना शुरू किया तो करीब डेढ़ घंटे बोलते रहे. प्रेस कांफ्रेंस में चीनी प्रधानमंत्री के प्रति उन्होंने अपनी भड़ास जमकर निकाली'. हार पर नेहरू ने कहा, 'चीन एक सैनिक मानसिकता का राष्ट्र है जो हमेशा सैन्य साजो-सामान को मजबूत करने पर जोर देता है....यह उनके अतीत के गृहयुद्ध की ही एक निरंतरता है. इसलिये आमतौर पर वे मजबूत स्थिति में हैं'. नेहरू ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में विपक्षी नेताओ पर भी निशाना साधा और यहां तक कह डाला कि 'हमारे विपक्षी नेताओं की आदत है कि वे बिना किसी सिद्धांत के हर किसी से गठजोड़ कर लेते हैं. ऐसा भी हो सकता है कि वे चीनियों से गठजोड़ कर लें'.
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चीनी मीडिया का बड़ा बयान : ... तो फिर भारत को 1962 से बड़ा नुकसान होगा
- Wednesday July 5, 2017
- Written by: राजीव मिश्र
भारत और चीन के बीच डोका ला में जारी सीमा विवाद दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है. करीब एक महीने से जारी इस विवाद के चलते इस इलाके में दोनों और से सेना का जमावड़ा नॉन कॉम्बेटिव मोड में बढ़ता जा रहा है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में भारत को कड़ा सबक सिखाने की बात कही गई.
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यदि आज भारत और चीन के बीच युद्ध छिड़ जाए तो...!
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चीन तो क्या, यह बात हर कोई जानता है कि अब लड़ाई किसी देश के बूते की बात नहीं है. हां, बस इसके नाम पर दबाव जरूर बनाया जा सकता है. सच्चाई यह है कि भारत, अमेरिका और जापान की दोस्ती चीन को रास नहीं आ रही है, लिहाजा वह दबाव बनाने के लिए यह सब कर रहा है.
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रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने चीन को चेताया- '1962 और आज के हालात में फर्क है'...
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चीन की ओर से 1962 के भारत-चीन युद्ध की याद दिलाने पर जेटली ने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा कि उस वक्त के हालात अलग थे, और आज के हालात अलग हैं.
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1962 की हार के लिए नेहरू सरकार की नीति जिम्मेदार : रिपोर्ट
- Wednesday March 19, 2014
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1962 में भारत और चीन के बीच हुई लड़ाई में भारत की हार की जांच करने वाली कमेटी ने जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराया था। जवाहरलाल नेहरू उस वक्त भारत के प्रधानमंत्री थे। इस बात का खुलासा एक ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार नैविल मैक्सवेल ने किया है।
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भारत-चीन युद्ध के 50 वर्ष बाद भारत सहयोगी है प्रतिद्वंद्वी नहीं : चीन
- Wednesday October 24, 2012
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भारत को अपने प्रतिद्वंद्वी के स्थान पर सहयोगी बताते हुए चीन ने बुधवार को कहा कि वर्ष 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध के बाद दुनिया में काफी गंभीर बदलाव हुए हैं।
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चीन से बचाव करने में भारत पूरी तरह सक्षम : एंटनी
- Thursday October 18, 2012
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रक्षा मंत्री एके एंटनी ने गुरुवार को कहा कि भारत ने वर्ष 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध के बाद से अब तक अपनी सैन्य शक्ति काफी मजबूत बना ली है और आज यह अपना बचाव करने में पूरी तरह सक्षम है।
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भारत पर आक्रमण अमेरिकी, रूस को सबक सिखाना था : चीनी अखबार
- Thursday June 28, 2012
- Bhasha
सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार ने लिखा है कि वर्ष 1962 का युद्ध पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को एक झटका देकर अमेरिका और पूर्व सोवियत संघ के प्रभाव से जगाने के लिए था।
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