Hathras Kand Story
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121 लोगों की मौत के बाद भी यह कैसा मायाजाल? आश्रम के बाहर भोले बाबा के भक्त टेक रहे माथा
- Friday July 5, 2024
- Written by: सूर्यकांत पाठक
हाथरस (Hathras) में हुए सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लगों की मौत की घटना के बाद हरिनारायण साकार उर्फ भोले बाबा (Bhole Baba) फरार है. पुलिस उसको तलाश रही है. हाथरस में भोले बाबा के चरणों की धूल उठाने के लिए मची प्रतिस्पर्धा के दौरान मची भगदड़ से बड़ी संख्या में मौतें हुईं. इस घटना को लेकर भले ही देश भर में भोले बाबा को कोसा जा रहा हो, लेकिन इसके बावजूद मैनपुरी (Mainpuri) में उनके आश्रम के गेट पर लोग माथा टेकते हुए नजर आ रहे हैं.
- ndtv.in
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भोले बाबा के दौसा आश्रम में होता था VVIP का जमावड़ा, ज्यादातर महिलाएं ही होती थीं सेवादार
- Thursday July 4, 2024
- Edited by: सूर्यकांत पाठक
राजस्थान के दौसा में भोले बाबा (Bhole Baba) यानी नारायण साकार हरि के आश्रम के आसपास के लोगों ने उस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया कि भोले बाबा रसूखदार व्यक्ति है. उसके दौसा आश्रम पर वीवीआईपी लोगों का आना-जाना होता था. जब यहां दरबार लगता था तब कॉलोनी के वाशिंदे कॉलोनी में आने के लिए अपना आई कार्ड बाबा के निजी सुरक्षा गार्ड्स को दिखाकर ही आ पाते थे. साथ ही बाबा भोले के सेवादारों में अधिकांश महिलाएं हुआ करती थीं.
- ndtv.in
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हाथरस हादसा : कौन होते हैं सेवादार? जिनके नाम पर इन बाबाओं ने बना लीं फौजें
- Wednesday July 3, 2024
- Written by: सूर्यकांत पाठक
उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras) जिले के फुलरई गांव में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि यानी ‘भोले बाबा’ के सत्संग में उनके लाखों अनुयायी पहुंचे. सत्संग समाप्त होने के बाद जब भोले बाबा वहां से जा रहा था तो उसे देखने और उसके चरणों की धूल छूने के लिए लोग टूट पड़े. बाबा के सेवादारों ने लोगों को धक्के मारे जिससे भगदड़ मच गई. इस भगदड़ के दौरान कुचलने से 121 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. इस घटना से प्रशासन की व्यवस्थाओं पर बाबा के सेवादारों के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं. बताया जा रहा है कि सेवादारों के लोगों को धक्के मारने से ही यह भीषण त्रासदी हुई. यह सेवादार होते कौन हैं?
- ndtv.in
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Exclusive: "घटना दुखद और भयावह...", वरिष्ठ वकील एपी सिंह ने हाथरस की घटना पर बाबा भोले का रखा पक्ष
- Wednesday July 3, 2024
- Reported by: मुकेश सिंह सेंगर, Edited by: सचिन झा शेखर
वरिष्ठ वकील ने कहा कि हम भी अपने सूत्रों से इस मामले की जांच करवाएंगे कि कौन लोग हैं जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया.
- ndtv.in
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121 लाशें, कई सवाल : मौत के इस 'सत्संग' पर आखिर कौन देगा जवाब?
- Wednesday July 3, 2024
- सूर्यकांत पाठक
भीड़ में विवेक नहीं होता... भीड़ भेड़ चाल में चलती है... यदि भीड़ को सुव्यवस्थित तरीके से नियंत्रित न किया जाए तो उसके अनुशासन तोड़ने में भी देर नहीं लगती. हाथरस (Hathras) में भीड़ के बेकाबू होने से बड़ा हादसा हुआ. इस तरह की घटना पहली बार नहीं हुई. ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति चिंता में डालने वाली है. देश में खास तौर पर धार्मिक आयोजनों में इस तरह की दुर्घटनाएं होती रही हैं लेकिन इन्हें रोकने के लिए अब तक कोई मैकेनिज्म विकसित नहीं हो सका है. यदि कोई व्यवस्था है भी तो, उसको लेकर प्रशासनिक प्रतिबद्धता के बजाय लापरवाही, सैकड़ों लोगों की मौत का कारण बनती है.
- ndtv.in
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हाथरस में हुआ क्या? कैसे मची भगदड़ और बिछ गईं 121 लाशें; ग्राफिक्स से सब समझिए
- Wednesday July 3, 2024
- Edited by: सचिन झा शेखर
हाथरस से एटा की तरफ जाने वाले रास्ते पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस सत्संग में हिस्सा लेने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे.
- ndtv.in
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Hathras Stampede: बाबाओं के सेवादारों के सामने क्यों बेबस है प्रशासन?
- Wednesday July 3, 2024
- Edited by: सचिन झा शेखर
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को पीड़ितों से मिलने के लिए पहुंचे. बाद में मीडिया से बात करते हुए सीएम योगी ने सेवादारों को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया.
- ndtv.in
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हाथरस वाले 'बाबा' पर लगे हैं यौन शोषण के आरोप, पुलिस की नौकरी से किया गया था बर्खास्त
- Wednesday July 3, 2024
- NDTV
नारायण सरकार विश्वास हरि ऊर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल सिंह है. वह कासगंज जिले के बहादुर नगर गांव का रहने वाले हैं.दलित परिवार से आने वाले 58 साल के सूरजपाल सिंह के तीन भाई थे. उसके सबसे बड़े भाई की मौत हो चुकी है.छोटे भाई राकेश अभी भी गांव में ही रहते हैं.
- ndtv.in
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सत्संग से बिछ गईं 121 लाशें और सेवादार बोला- 'प्रभु' दोषी नहीं, जो आएगा, वो जाएगा भी
- Wednesday July 3, 2024
- Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: पीयूष
हाथरस जिले के सिकंदराराऊ इलाके में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के मामले में पुलिस ने ‘मुख्य सेवादार’ और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. मंगलवार को हुई भगदड़ की इस घटना में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी
- ndtv.in
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Hathras News: मां छिनी, बेटी छिनी, बहू छिनी... हे भगवान! उजड़ गए कितने संसार
- Wednesday July 3, 2024
- Written by: तिलकराज
Hathras Satsang Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में आयोजित एक सत्संग में मंगलवार को प्रवचनकर्ता भोले बाबा के दर्शन के लिए अनुयायियों में होड़ लग जाने और वहां की जमीन कीचड़ और फिसलन भरी होने से भगदड़ मची. इस भगदड़ में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई.
- ndtv.in
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हाथरस सत्संग हादसा : लाशों के ढेर देख घबराए सिपाही को आया हार्ट अटैक, इलाज के दौरान मौत
- Wednesday July 3, 2024
- Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: पीयूष
भगदड़ के बाद घटनास्थल और अस्पताल में जो खौफनाक मंजर था, उसे देख कोई भी सिहर जाएगा. घटनास्थल और सरकारी अस्पताल में लोग रोते-बिलखते हुए अपने की तलाश करते दिखाई दिए.
- ndtv.in
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हाथरस हादसा : पानी से भरे गड्ढे में दफन हो गई जिंदगियां, समझें घटना के दौरान क्या कुछ हुआ
- Wednesday July 3, 2024
- Edited by: मेघा शर्मा
सत्संग खत्म होते ही एक साथ भीड़ बाहर निकली और कुछ ही दूर पर बनी पार्किंग तक जाने के लिए दौड़ पड़ी. पहले से ही भीड़ को संभालने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी.
- ndtv.in
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121 लोगों की मौत के बाद भी यह कैसा मायाजाल? आश्रम के बाहर भोले बाबा के भक्त टेक रहे माथा
- Friday July 5, 2024
- Written by: सूर्यकांत पाठक
हाथरस (Hathras) में हुए सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लगों की मौत की घटना के बाद हरिनारायण साकार उर्फ भोले बाबा (Bhole Baba) फरार है. पुलिस उसको तलाश रही है. हाथरस में भोले बाबा के चरणों की धूल उठाने के लिए मची प्रतिस्पर्धा के दौरान मची भगदड़ से बड़ी संख्या में मौतें हुईं. इस घटना को लेकर भले ही देश भर में भोले बाबा को कोसा जा रहा हो, लेकिन इसके बावजूद मैनपुरी (Mainpuri) में उनके आश्रम के गेट पर लोग माथा टेकते हुए नजर आ रहे हैं.
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भोले बाबा के दौसा आश्रम में होता था VVIP का जमावड़ा, ज्यादातर महिलाएं ही होती थीं सेवादार
- Thursday July 4, 2024
- Edited by: सूर्यकांत पाठक
राजस्थान के दौसा में भोले बाबा (Bhole Baba) यानी नारायण साकार हरि के आश्रम के आसपास के लोगों ने उस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया कि भोले बाबा रसूखदार व्यक्ति है. उसके दौसा आश्रम पर वीवीआईपी लोगों का आना-जाना होता था. जब यहां दरबार लगता था तब कॉलोनी के वाशिंदे कॉलोनी में आने के लिए अपना आई कार्ड बाबा के निजी सुरक्षा गार्ड्स को दिखाकर ही आ पाते थे. साथ ही बाबा भोले के सेवादारों में अधिकांश महिलाएं हुआ करती थीं.
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हाथरस हादसा : कौन होते हैं सेवादार? जिनके नाम पर इन बाबाओं ने बना लीं फौजें
- Wednesday July 3, 2024
- Written by: सूर्यकांत पाठक
उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras) जिले के फुलरई गांव में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि यानी ‘भोले बाबा’ के सत्संग में उनके लाखों अनुयायी पहुंचे. सत्संग समाप्त होने के बाद जब भोले बाबा वहां से जा रहा था तो उसे देखने और उसके चरणों की धूल छूने के लिए लोग टूट पड़े. बाबा के सेवादारों ने लोगों को धक्के मारे जिससे भगदड़ मच गई. इस भगदड़ के दौरान कुचलने से 121 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. इस घटना से प्रशासन की व्यवस्थाओं पर बाबा के सेवादारों के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं. बताया जा रहा है कि सेवादारों के लोगों को धक्के मारने से ही यह भीषण त्रासदी हुई. यह सेवादार होते कौन हैं?
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Exclusive: "घटना दुखद और भयावह...", वरिष्ठ वकील एपी सिंह ने हाथरस की घटना पर बाबा भोले का रखा पक्ष
- Wednesday July 3, 2024
- Reported by: मुकेश सिंह सेंगर, Edited by: सचिन झा शेखर
वरिष्ठ वकील ने कहा कि हम भी अपने सूत्रों से इस मामले की जांच करवाएंगे कि कौन लोग हैं जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया.
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121 लाशें, कई सवाल : मौत के इस 'सत्संग' पर आखिर कौन देगा जवाब?
- Wednesday July 3, 2024
- सूर्यकांत पाठक
भीड़ में विवेक नहीं होता... भीड़ भेड़ चाल में चलती है... यदि भीड़ को सुव्यवस्थित तरीके से नियंत्रित न किया जाए तो उसके अनुशासन तोड़ने में भी देर नहीं लगती. हाथरस (Hathras) में भीड़ के बेकाबू होने से बड़ा हादसा हुआ. इस तरह की घटना पहली बार नहीं हुई. ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति चिंता में डालने वाली है. देश में खास तौर पर धार्मिक आयोजनों में इस तरह की दुर्घटनाएं होती रही हैं लेकिन इन्हें रोकने के लिए अब तक कोई मैकेनिज्म विकसित नहीं हो सका है. यदि कोई व्यवस्था है भी तो, उसको लेकर प्रशासनिक प्रतिबद्धता के बजाय लापरवाही, सैकड़ों लोगों की मौत का कारण बनती है.
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हाथरस में हुआ क्या? कैसे मची भगदड़ और बिछ गईं 121 लाशें; ग्राफिक्स से सब समझिए
- Wednesday July 3, 2024
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हाथरस से एटा की तरफ जाने वाले रास्ते पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस सत्संग में हिस्सा लेने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे.
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Hathras Stampede: बाबाओं के सेवादारों के सामने क्यों बेबस है प्रशासन?
- Wednesday July 3, 2024
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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को पीड़ितों से मिलने के लिए पहुंचे. बाद में मीडिया से बात करते हुए सीएम योगी ने सेवादारों को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया.
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हाथरस वाले 'बाबा' पर लगे हैं यौन शोषण के आरोप, पुलिस की नौकरी से किया गया था बर्खास्त
- Wednesday July 3, 2024
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नारायण सरकार विश्वास हरि ऊर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल सिंह है. वह कासगंज जिले के बहादुर नगर गांव का रहने वाले हैं.दलित परिवार से आने वाले 58 साल के सूरजपाल सिंह के तीन भाई थे. उसके सबसे बड़े भाई की मौत हो चुकी है.छोटे भाई राकेश अभी भी गांव में ही रहते हैं.
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सत्संग से बिछ गईं 121 लाशें और सेवादार बोला- 'प्रभु' दोषी नहीं, जो आएगा, वो जाएगा भी
- Wednesday July 3, 2024
- Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: पीयूष
हाथरस जिले के सिकंदराराऊ इलाके में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के मामले में पुलिस ने ‘मुख्य सेवादार’ और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. मंगलवार को हुई भगदड़ की इस घटना में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी
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Hathras News: मां छिनी, बेटी छिनी, बहू छिनी... हे भगवान! उजड़ गए कितने संसार
- Wednesday July 3, 2024
- Written by: तिलकराज
Hathras Satsang Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में आयोजित एक सत्संग में मंगलवार को प्रवचनकर्ता भोले बाबा के दर्शन के लिए अनुयायियों में होड़ लग जाने और वहां की जमीन कीचड़ और फिसलन भरी होने से भगदड़ मची. इस भगदड़ में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई.
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हाथरस सत्संग हादसा : लाशों के ढेर देख घबराए सिपाही को आया हार्ट अटैक, इलाज के दौरान मौत
- Wednesday July 3, 2024
- Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: पीयूष
भगदड़ के बाद घटनास्थल और अस्पताल में जो खौफनाक मंजर था, उसे देख कोई भी सिहर जाएगा. घटनास्थल और सरकारी अस्पताल में लोग रोते-बिलखते हुए अपने की तलाश करते दिखाई दिए.
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हाथरस हादसा : पानी से भरे गड्ढे में दफन हो गई जिंदगियां, समझें घटना के दौरान क्या कुछ हुआ
- Wednesday July 3, 2024
- Edited by: मेघा शर्मा
सत्संग खत्म होते ही एक साथ भीड़ बाहर निकली और कुछ ही दूर पर बनी पार्किंग तक जाने के लिए दौड़ पड़ी. पहले से ही भीड़ को संभालने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी.
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