उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी पटेल (Governor Anandi Patel) के निर्देश पर राज्य सरकार ने हाथरस भगदड़ की जांच के लिए बुधवार को तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है. राज्य सरकार की तरफ से बुधवार रात को जारी एक बयान में बताया गया कि तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग की अध्यक्षता इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्ति) ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव करेंगे . उन्होंने बताया कि आयोग के दो अन्य सदस्यों में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी हेमंत राव और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस)के पूर्व अधिकारी भावेश कुमार सिंह शामिल हैं. सरकार की तरफ से कहा गया है कि हाथरस भगदड़ के दोषियों का पता लगाने लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है. इस आयोग को दो महीने में जांच पूरी करनी होगी.
दुर्घटना या षडयंत्र आयोग करेगी जांच
आयोग यह भी जांच करेगा कि यह कोई दुर्घटना है, अथवा कोई षडयंत्र या अन्य कोई सुनियोजित आपराधिक घटना. जिला प्रशासन एवं पुलिस द्वारा कार्यक्रम के दौरान आई भीड़ का नियंत्रण तथा कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए किए गए प्रबंध और उससे संबंधित अन्य पहलुओं की जांच की जिम्मेदारी भी आयोग को दी गई है. आयोग उन कारणों एवं परिस्थितियों का का भी पता लगाएगा जिसके कारण उक्त घटना घटित हुई.
प्रवक्ता के मुताबिक आयोग भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के संबंध में सुझाव भी देगा .हाथरस के पुलरई गांव में विश्व हरि ‘भोले बाबा' द्वारा आयोजित सत्संग के दौरान मंगलवार को मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं.
सीएम योगी ने घायलों से की मुलाकात
गौरतलब है कि मंगलवार को हुए इस हादसे में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं. राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को घायलों से मिलने पहुंचे थे. बाद में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने न्यायिक जांच की बात कही थी. सीएम योगी ने कहा कि दोषी कोई भी उसे छोड़ा नहीं जाएगा.
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