गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए पहले पुलिस ने कील लगाए, फिर राकेश टिकैत ने फूल लगाए, अब आप देख सकते हैं कि यहां किसान खेती के लिए जुताई कर रहे हैं. इनका कहना है कि यहां कुछ और पौधे या कुछ फसल उगाएंगे. इस बीच राकेश टिकैत किसानों के साथ बातचीत कर रहे हैं. वो रेल रोको आंदोलन को लेकर किसानों के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं. और यहां दूसरी तरफ हल चलाकर प्रतीक के तौर पर सरकार का विरोध कर रहे हैं. किसानों की यह रणनीति है कि लोगों में सहानुभूति और जागरूकता पैदा की जाए. 18 फरवरी को रेल रोको आंदोलन है. ऐसे में राकेश टिकैत का कहना है कि उसमें हिंसा नहीं होने दी जाएगी. जो रेल यात्री हैं उन्हें फूल, पानी और मट्ठा देकर माफी मांगेंगे और सरकार के खिलाफ विरोध करेंगे.