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हिम्मतवाला एक्टर: एक्टिंग छोड़ बना किसान, कर्ज ने किया बुरा हाल, पर्दे पर की वापसी, चुकाने हैं इतने लाख
- Monday October 21, 2024
- Written by: रोज़ी पंवार
किसानी करना हर किसी के बस की बात नहीं होती. आज जहां देश के कई शहरों से किसानों के आत्महत्या की खबरें सुनने को मिल जाती हैं तो वहीं एक एक्टर ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी एक्टिंग की दुनिया के साथ साथ फार्मिंग की राह को भी चुना.
- ndtv.in
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महाराष्ट्र में नहीं थम रहा कर्ज में डूबे किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला
- Wednesday August 30, 2023
- Edited by: सूर्यकांत पाठक
किसानों की आत्महत्या पर लगातार बहस होती है. सरकारें बदल जाती हैं लेकिन किसानों की आत्महत्याओं के मामले आने खत्म नहीं होते. हर सरकार खुद को किसानों की हितैषी बताती है फिर भी किसान जान दे रहे हैं. आखिर क्यों हो रही है उनकी अनदेखी? यह बड़ा सवाल है. बड़ा सवाल यह भी है कि इस अनदेखी को कैसे खत्म किया जाए. महाराष्ट्र के चंद्रपुर में पिछले सात महीनों में 73 किसानों ने आत्महत्या कर ली है. इस साल विदर्भ में 1,567 अन्नदाताओं ने जान दे दी है. यवतमाल में 83 दिन में 82 किसानों ने जान दे दी है. अभी भी किसान परेशान हैं, क्योंकि पहले बेमौसम बारिश हुई और फिर उसके बाद बारिश ही नहीं हो रही है. ज़्यादातर किसान आज भी बारिश पर ही निर्भर हैं.
- ndtv.in
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देश में 2020 में आत्महत्या के 1.53 लाख मामले, 10 हजार से अधिक मामले कृषि क्षेत्र से जुड़े
- Saturday October 30, 2021
- Reported by: भाषा
रिपोर्ट के अनुसार 5,579 किसान आत्महत्या मामलों में से कुल 5,335 पुरुष और 244 महिलाएं थीं. इसमें कहा गया है कि 2020 के दौरान खेतिहर मजदूरों द्वारा की गई 5,098 आत्महत्याओं में से 4,621 पुरुष और 477 महिलाएं थीं. आत्महत्या के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में सामने आए.
- ndtv.in
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देश में 2019 में 50 प्रतिशत से अधिक कृषक परिवार कर्ज में, प्रति परिवार औसत ऋण 74,121 रुपये : सर्वे
- Saturday September 11, 2021
- Reported by: भाषा
एनएसओ ने जनवरी-दिसंबर 2019 के दौरान देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार की भूमि और पशुधन के अलावा कृषि परिवारों की स्थिति का आकलन किया. सर्वे के अनुसार कृषि वर्ष 2018-19 (जुलाई-जून) के दौरान प्रति कृषि परिवार की औसत मासिक आय 10,218 रुपये थी.
- ndtv.in
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कर्ज मुक्त किसान और आत्महत्या मुक्त भारत का सपना कब होगा पूरा?
- Sunday September 29, 2019
- सुशील कुमार महापात्र
कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिसमें महाराष्ट्र भी शामिल है. अब चुनाव से पहले बहुत कुछ वादे किए जाएंगे. किसानों की समस्या को लेकर बात होगी. किसानों के लिए कई योजनाओं की घोषणा होगी. चुनाव के बाद यह सब वादे खोखले साबित होंगे क्योंकि अगर राजनैतिक दलों ने अपना वादा पूरा किया होता तो आज किसान आत्महत्या नहीं करता.
- ndtv.in
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मध्य प्रदेश में कर्जमाफी का दूसरा चरण शुरू, कई किसानों का आरोप- नहीं मिला कोई फायदा
- Saturday June 15, 2019
- Reported by: अनुराग द्वारी
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद कर्जमाफी के दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. पहले चरण में 50 हजार रुपए तक नियमित कर्ज माफ करने के साथ डिफाल्टर किसानों को दो लाख रुपए तक कर्जमाफी का दावा किया गया है. सरकार का कहना है कि इसके दायरे में 20 लाख किसान हैं लेकिन कई किसानों का अब भी आरोप है कि उन्हें कर्जमाफी का फायदा नहीं मिला है.
- ndtv.in
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आखिर क्यों दिल्ली की सड़कों पर उतरा देश का अन्नदाता, हजारों किसानों का आज संसद मार्च, 10 बड़ी बातें
- Friday November 30, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
किसानों को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए एक बार फिर से देशभर के किसान देश की राजधानी दिल्ली की सड़कों पर जमा हुए हैं. किसानों की कर्जमाफी और फसलों की लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य दिए जाने समेत कई मांगों को लेकर विभिन्न राज्यों के किसान (Kisan Mukti March) दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंच गए हैं. दो दिवसीय किसान मुक्ति मार्च का आज यानी शुक्रवार को दूसरा और आखिरी दिन है और किसान आज अपनी मांगों को लेकर संसद मार्च करेंगे. किसानों ने सरकार और प्रशासन को चेताया है कि अगर उन्हें संसद की ओर जाने से रोका गया तो फिर वे न्यूड प्रदर्शन करेंगे. किसान (Kisan Mukti March) इस बार सिर्फ दो मांगों को लेकर यह आंदोलन कर रहे हैं. उनकी पहली मांग है कि उन्हें कर्ज से पूरी तरह मुक्ति दी जाए और दूसरी अपनी दूसरी मांग में फसलों की लागत का डेढ़ गुना मुआवजा चाहते हैं. ऐतिहासिक रामलीला मैदान पर लाल टोपी पहने और लाल झंडा लिए किसानों ने 'अयोध्या नहीं, कर्ज माफी चाहिए' जैसे नारे लगाते दिखे.
- ndtv.in
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प्राइम टाइम : किसानों की दुर्दशा के लिए कौन है ज़िम्मेदार?
- Wednesday November 28, 2018
- रवीश कुमार
14 मई को राजस्थान के एक किसान भागीरथ शर्मा ने मुझे व्हाट्सऐप किया कि फसल बीमा के नाम पर किसानों को ठगा जा रहा है. बैंक ने उनसे 2301 रुपये प्रीमियम की राशि काट ली है मगर बीमा कंपनी कहती है कि 216 रुपया ही प्रीमियम का जमा हुआ है.
- ndtv.in
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किसानों से किए गए वादे कितने पूरे होते हैं?
- Tuesday November 13, 2018
- रवीश कुमार
हमने पिछले कई सालों में किसानों के कई आंदोलन देखे. 29-30 इस आंदोलन के केंद्र में दो मुद्दे प्रमुख रूप से रहे. फसलों का सही दाम दिया जाए और फसल बिकने की व्यवस्था सही की जाए. मोदी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को अपने वादे के हिसाब से लागत से डेढ़ गुना देने का दावा करती है लेकिन तथ्य कुछ दूसरे भी होते हैं.
- ndtv.in
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MP : धार में किसान ने फांसी लगाकर की खुदकुशी
- Monday May 7, 2018
- Reported by: अनुराग द्वारी
मध्यप्रदेश में धार में एक किसान ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. हालांकि अभी आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. घटना कानवन थाने के ग्राम कोद की है. जगदीश पाटीदार नाम के किसान ने फांसी लगा ली.
- ndtv.in
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अखिलेश ने कर्जमाफी पर योगी सरकार को घेरा, कहा- जनता हिसाब-किताब करने को तैयार
- Sunday April 1, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने पहले कर्जमाफी की घोषणा की, लेकिन बैंक अब किसानों से उनके कर्ज की रिकवरी कर रही है.
- ndtv.in
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मध्य प्रदेश में कर्ज से परेशान एक और किसान ने की आत्महत्या
- Friday January 5, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
मध्य प्रदेश में कर्ज से परेशान किसानों के मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. मध्य प्रदेश में बुरहानपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र में कर्ज से परेशान 43 वर्षीय एक किसान ने शुक्रवार को अपने खेत में कथित तौर पर कीटनाशक दवा पीकर आत्महत्या कर ली. मृतक किसान के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुराने ऋण को अदा न कर पाने के कारण किसान तनाव में था.
- ndtv.in
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हिम्मतवाला एक्टर: एक्टिंग छोड़ बना किसान, कर्ज ने किया बुरा हाल, पर्दे पर की वापसी, चुकाने हैं इतने लाख
- Monday October 21, 2024
- Written by: रोज़ी पंवार
किसानी करना हर किसी के बस की बात नहीं होती. आज जहां देश के कई शहरों से किसानों के आत्महत्या की खबरें सुनने को मिल जाती हैं तो वहीं एक एक्टर ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी एक्टिंग की दुनिया के साथ साथ फार्मिंग की राह को भी चुना.
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महाराष्ट्र में नहीं थम रहा कर्ज में डूबे किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला
- Wednesday August 30, 2023
- Edited by: सूर्यकांत पाठक
किसानों की आत्महत्या पर लगातार बहस होती है. सरकारें बदल जाती हैं लेकिन किसानों की आत्महत्याओं के मामले आने खत्म नहीं होते. हर सरकार खुद को किसानों की हितैषी बताती है फिर भी किसान जान दे रहे हैं. आखिर क्यों हो रही है उनकी अनदेखी? यह बड़ा सवाल है. बड़ा सवाल यह भी है कि इस अनदेखी को कैसे खत्म किया जाए. महाराष्ट्र के चंद्रपुर में पिछले सात महीनों में 73 किसानों ने आत्महत्या कर ली है. इस साल विदर्भ में 1,567 अन्नदाताओं ने जान दे दी है. यवतमाल में 83 दिन में 82 किसानों ने जान दे दी है. अभी भी किसान परेशान हैं, क्योंकि पहले बेमौसम बारिश हुई और फिर उसके बाद बारिश ही नहीं हो रही है. ज़्यादातर किसान आज भी बारिश पर ही निर्भर हैं.
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देश में 2020 में आत्महत्या के 1.53 लाख मामले, 10 हजार से अधिक मामले कृषि क्षेत्र से जुड़े
- Saturday October 30, 2021
- Reported by: भाषा
रिपोर्ट के अनुसार 5,579 किसान आत्महत्या मामलों में से कुल 5,335 पुरुष और 244 महिलाएं थीं. इसमें कहा गया है कि 2020 के दौरान खेतिहर मजदूरों द्वारा की गई 5,098 आत्महत्याओं में से 4,621 पुरुष और 477 महिलाएं थीं. आत्महत्या के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में सामने आए.
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देश में 2019 में 50 प्रतिशत से अधिक कृषक परिवार कर्ज में, प्रति परिवार औसत ऋण 74,121 रुपये : सर्वे
- Saturday September 11, 2021
- Reported by: भाषा
एनएसओ ने जनवरी-दिसंबर 2019 के दौरान देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार की भूमि और पशुधन के अलावा कृषि परिवारों की स्थिति का आकलन किया. सर्वे के अनुसार कृषि वर्ष 2018-19 (जुलाई-जून) के दौरान प्रति कृषि परिवार की औसत मासिक आय 10,218 रुपये थी.
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कर्ज मुक्त किसान और आत्महत्या मुक्त भारत का सपना कब होगा पूरा?
- Sunday September 29, 2019
- सुशील कुमार महापात्र
कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिसमें महाराष्ट्र भी शामिल है. अब चुनाव से पहले बहुत कुछ वादे किए जाएंगे. किसानों की समस्या को लेकर बात होगी. किसानों के लिए कई योजनाओं की घोषणा होगी. चुनाव के बाद यह सब वादे खोखले साबित होंगे क्योंकि अगर राजनैतिक दलों ने अपना वादा पूरा किया होता तो आज किसान आत्महत्या नहीं करता.
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मध्य प्रदेश में कर्जमाफी का दूसरा चरण शुरू, कई किसानों का आरोप- नहीं मिला कोई फायदा
- Saturday June 15, 2019
- Reported by: अनुराग द्वारी
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद कर्जमाफी के दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. पहले चरण में 50 हजार रुपए तक नियमित कर्ज माफ करने के साथ डिफाल्टर किसानों को दो लाख रुपए तक कर्जमाफी का दावा किया गया है. सरकार का कहना है कि इसके दायरे में 20 लाख किसान हैं लेकिन कई किसानों का अब भी आरोप है कि उन्हें कर्जमाफी का फायदा नहीं मिला है.
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आखिर क्यों दिल्ली की सड़कों पर उतरा देश का अन्नदाता, हजारों किसानों का आज संसद मार्च, 10 बड़ी बातें
- Friday November 30, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
किसानों को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए एक बार फिर से देशभर के किसान देश की राजधानी दिल्ली की सड़कों पर जमा हुए हैं. किसानों की कर्जमाफी और फसलों की लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य दिए जाने समेत कई मांगों को लेकर विभिन्न राज्यों के किसान (Kisan Mukti March) दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंच गए हैं. दो दिवसीय किसान मुक्ति मार्च का आज यानी शुक्रवार को दूसरा और आखिरी दिन है और किसान आज अपनी मांगों को लेकर संसद मार्च करेंगे. किसानों ने सरकार और प्रशासन को चेताया है कि अगर उन्हें संसद की ओर जाने से रोका गया तो फिर वे न्यूड प्रदर्शन करेंगे. किसान (Kisan Mukti March) इस बार सिर्फ दो मांगों को लेकर यह आंदोलन कर रहे हैं. उनकी पहली मांग है कि उन्हें कर्ज से पूरी तरह मुक्ति दी जाए और दूसरी अपनी दूसरी मांग में फसलों की लागत का डेढ़ गुना मुआवजा चाहते हैं. ऐतिहासिक रामलीला मैदान पर लाल टोपी पहने और लाल झंडा लिए किसानों ने 'अयोध्या नहीं, कर्ज माफी चाहिए' जैसे नारे लगाते दिखे.
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प्राइम टाइम : किसानों की दुर्दशा के लिए कौन है ज़िम्मेदार?
- Wednesday November 28, 2018
- रवीश कुमार
14 मई को राजस्थान के एक किसान भागीरथ शर्मा ने मुझे व्हाट्सऐप किया कि फसल बीमा के नाम पर किसानों को ठगा जा रहा है. बैंक ने उनसे 2301 रुपये प्रीमियम की राशि काट ली है मगर बीमा कंपनी कहती है कि 216 रुपया ही प्रीमियम का जमा हुआ है.
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किसानों से किए गए वादे कितने पूरे होते हैं?
- Tuesday November 13, 2018
- रवीश कुमार
हमने पिछले कई सालों में किसानों के कई आंदोलन देखे. 29-30 इस आंदोलन के केंद्र में दो मुद्दे प्रमुख रूप से रहे. फसलों का सही दाम दिया जाए और फसल बिकने की व्यवस्था सही की जाए. मोदी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को अपने वादे के हिसाब से लागत से डेढ़ गुना देने का दावा करती है लेकिन तथ्य कुछ दूसरे भी होते हैं.
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MP : धार में किसान ने फांसी लगाकर की खुदकुशी
- Monday May 7, 2018
- Reported by: अनुराग द्वारी
मध्यप्रदेश में धार में एक किसान ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. हालांकि अभी आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. घटना कानवन थाने के ग्राम कोद की है. जगदीश पाटीदार नाम के किसान ने फांसी लगा ली.
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अखिलेश ने कर्जमाफी पर योगी सरकार को घेरा, कहा- जनता हिसाब-किताब करने को तैयार
- Sunday April 1, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने पहले कर्जमाफी की घोषणा की, लेकिन बैंक अब किसानों से उनके कर्ज की रिकवरी कर रही है.
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मध्य प्रदेश में कर्ज से परेशान एक और किसान ने की आत्महत्या
- Friday January 5, 2018
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मध्य प्रदेश में कर्ज से परेशान किसानों के मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. मध्य प्रदेश में बुरहानपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र में कर्ज से परेशान 43 वर्षीय एक किसान ने शुक्रवार को अपने खेत में कथित तौर पर कीटनाशक दवा पीकर आत्महत्या कर ली. मृतक किसान के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुराने ऋण को अदा न कर पाने के कारण किसान तनाव में था.
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