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This Article is From Oct 20, 2024

हिम्मतवाला एक्टर: एक्टिंग छोड़ बना किसान, कर्ज ने किया बुरा हाल, पर्दे पर की वापसी, चुकाने हैं इतने लाख

साराभाई वर्सेज साराभाई फेम एक्टर राजेश कुमार ने एनडीटीवी से बातचीत में बताया कि किस तरह उन्होंने एक्टिंग को छोड़ किसान बनने की ठानी. फिर वहां किस्मत नहीं चली तो वापस एक्टिंग की ओर लौट आए.

हिम्मतवाला एक्टर: एक्टिंग छोड़ बना किसान, कर्ज ने किया बुरा हाल, पर्दे पर की वापसी, चुकाने हैं इतने लाख
Rajesh Kumar On Quitting Acting Doing Farming: राजेश कुमार से NDTV की खास बातचीत
नई दिल्ली:

किसानी करना हर किसी के बस की बात नहीं होती. आज जहां देश के कई शहरों से किसानों के आत्महत्या की खबरें सुनने को मिल जाती हैं तो वहीं एक एक्टर ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी एक्टिंग की दुनिया के साथ साथ फार्मिंग की राह को भी चुना. महाराष्ट्र जैसे शहर में 20 एकड़ की जमीन पर उन्होंने खेती का सपना देखा और उसे पूरा करने की ओर कदम बढ़ाया. लेकिन यह राह आसान नहीं थी. करोड़ों के कर्जे में डूबे इस एक्टर ने खेतीबाड़ी में काफी मुश्किलों का सामना किया. कभी बाढ़ आ गई तो कभी उनके खेतों में आग लग गई. इन सबके बावजूद वह खेती करते रहे और आज अपने ऊपर हुए कर्जे को चुकाने के साथ साथ एक्टिंग और खेती पर भी ध्यान दे रहे हैं. यह और कोई नहीं सारा भाई वर्सेस साराभाई में रोसेश का किरदार निभाकर फैंस के दिलों पर राज करने वाले एक्टर राजेश कुमार हैं, जिनसे NDTV ने खास बातचीत की. 

खेती पर बात करते हुए राजेश कुमार ने कहा, यह आसान चीज नहीं है. कुछ करने से पहले इसे हल्के में ना लें. देखिए इससे बिजनेस बने ना सिर्फ अपने लिए बल्कि किसानों के लिए. तो आपको ऊसपर पूरी तरह काम करना चाहिए. हमने ऐसा नहीं किया तो इसीलिए हम घाटे पर चले गए. प्रकृति की मार का कोई इलाज नहीं था मेरे पास. फिर मैं सारी चीजें सोचता हूं कि बिहार में जो खेत है उसी पर एक्सपेरिमेंट करना चाहिए था. तो शायद नहीं बर्बाद होता. लेकिन यही तो सीख है. 

आगे उन्होंने कहा, मैंने महाराष्ट्र में जमीन लेकर खेती की. वहां मैं एक मॉडल फार्म बनाना चाहता था, जो गर्मी के मौसम में भी चले. मैं पेड पर आधारित खेती करना चाह रहा था. लेकिन प्रकृति ने उस पेड़ को बड़ा ही नहीं होने दिया. 20 एकड़ जमीन थी. 

राजेश कुमार से जब पूछा गया कि कितना खर्चा हुआ एक्टर ने कहा, शुरूआत ही किया था और पहले दो महीने के अंदर 10-12 लाख तो वैसे ही खर्च हो गए थे खेत तैयार करने में. क्योंकि वह एक बंजर जमीन थी. ये मालूम नहीं था कि मिट्टी में ऑर्गैनिक कटेंट भी जा चुका था. पानी नहीं था. फिर उस साल बाढ़ आई, जो 30 साल से नहीं आई थी. कोरोना आ गया. उसके बाद खेत में आग लगना. फिर पानी सूख जाना. बैक टू बैक 3 से 4 साल प्रकृति का छक्का पड़ा.  

और अब उन पर कितना कर्जा बाकी है तो राजेश कुमार ने बताया कि उन पर अभी भी 25-30 लाख का कर्जा बचा है. जबकि 2 से पौने करोड़ का कर्ज वह चुका चुके हैं. 

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