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लोन चुकाने के लिए किसान ने बेची किडनी, साहूकारों ने 1 लाख के बदले 74 लाख वसूले, रुला देगी कहानी
- Wednesday December 17, 2025
महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले से एक झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक किसान को साहूकारों के उत्पीड़न से तंग आकर अपनी किडनी बेचने पर मजबूर होना पड़ा. पुलिस ने इस मामले में अब तक 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
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किसान ने लिया एक लाख का कर्ज, साहूकार ने सूद के साथ 74 लाख बना दिया, विदेश ले जाकर निकलवा ली किडनी
- Tuesday December 16, 2025
महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके के किसानों की व्यथा आपने पहले भी खूब सुनी होगी. इस क्षेत्र से अक्सर किसानों की खुदकुशी की घटनाएं सामने आती रहती हैं. लेकिन अब जो कहानी सामने आई है वह और हैरान करने वाली है. यहां 36 साल के एक किसान को कर्ज चुकाने के लिए किडनी बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा.
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नागपुर में किसानों का हल्ला बोल: कर्ज माफी की मांग पर भड़के किसान, बच्चू कडू मुंबई में सरकार से करेंगे वार्ता
- Wednesday October 29, 2025
पूर्व राज्य मंत्री ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू सहित किसान नेता कल सुबह राज्य सरकार के साथ एक बैठक के लिए मुंबई के लिए उड़ान भरेंगे. वे चाहते हैं कि सरकार किसानों के लिए कर्ज माफी लागू करने की एक अंतिम तारीख घोषित करें.
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महाराष्ट्र: मराठवाड़ा में बढ़े किसानों के आत्महत्या के मामले, बीते 6 महीनों में 543 किसानों ने दी जान
- Saturday July 19, 2025
सरकार और प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद, किसानों की जिंदगी बचाने के प्रयास अभी भी नाकाफी साबित हो रहे हैं. विपक्ष लगातार सरकार से सवाल कर रहा है.
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हिम्मतवाला एक्टर: एक्टिंग छोड़ बना किसान, कर्ज ने किया बुरा हाल, पर्दे पर की वापसी, चुकाने हैं इतने लाख
- Monday October 21, 2024
किसानी करना हर किसी के बस की बात नहीं होती. आज जहां देश के कई शहरों से किसानों के आत्महत्या की खबरें सुनने को मिल जाती हैं तो वहीं एक एक्टर ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी एक्टिंग की दुनिया के साथ साथ फार्मिंग की राह को भी चुना.
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महाराष्ट्र में नहीं थम रहा कर्ज में डूबे किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला
- Wednesday August 30, 2023
किसानों की आत्महत्या पर लगातार बहस होती है. सरकारें बदल जाती हैं लेकिन किसानों की आत्महत्याओं के मामले आने खत्म नहीं होते. हर सरकार खुद को किसानों की हितैषी बताती है फिर भी किसान जान दे रहे हैं. आखिर क्यों हो रही है उनकी अनदेखी? यह बड़ा सवाल है. बड़ा सवाल यह भी है कि इस अनदेखी को कैसे खत्म किया जाए. महाराष्ट्र के चंद्रपुर में पिछले सात महीनों में 73 किसानों ने आत्महत्या कर ली है. इस साल विदर्भ में 1,567 अन्नदाताओं ने जान दे दी है. यवतमाल में 83 दिन में 82 किसानों ने जान दे दी है. अभी भी किसान परेशान हैं, क्योंकि पहले बेमौसम बारिश हुई और फिर उसके बाद बारिश ही नहीं हो रही है. ज़्यादातर किसान आज भी बारिश पर ही निर्भर हैं.
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देश में 2020 में आत्महत्या के 1.53 लाख मामले, 10 हजार से अधिक मामले कृषि क्षेत्र से जुड़े
- Saturday October 30, 2021
रिपोर्ट के अनुसार 5,579 किसान आत्महत्या मामलों में से कुल 5,335 पुरुष और 244 महिलाएं थीं. इसमें कहा गया है कि 2020 के दौरान खेतिहर मजदूरों द्वारा की गई 5,098 आत्महत्याओं में से 4,621 पुरुष और 477 महिलाएं थीं. आत्महत्या के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में सामने आए.
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देश में 2019 में 50 प्रतिशत से अधिक कृषक परिवार कर्ज में, प्रति परिवार औसत ऋण 74,121 रुपये : सर्वे
- Saturday September 11, 2021
एनएसओ ने जनवरी-दिसंबर 2019 के दौरान देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार की भूमि और पशुधन के अलावा कृषि परिवारों की स्थिति का आकलन किया. सर्वे के अनुसार कृषि वर्ष 2018-19 (जुलाई-जून) के दौरान प्रति कृषि परिवार की औसत मासिक आय 10,218 रुपये थी.
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कर्ज मुक्त किसान और आत्महत्या मुक्त भारत का सपना कब होगा पूरा?
- Tuesday October 1, 2019
- Sushil Kumar Mohapatra
कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिसमें महाराष्ट्र भी शामिल है. अब चुनाव से पहले बहुत कुछ वादे किए जाएंगे. किसानों की समस्या को लेकर बात होगी. किसानों के लिए कई योजनाओं की घोषणा होगी. चुनाव के बाद यह सब वादे खोखले साबित होंगे क्योंकि अगर राजनैतिक दलों ने अपना वादा पूरा किया होता तो आज किसान आत्महत्या नहीं करता.
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मध्य प्रदेश में कर्जमाफी का दूसरा चरण शुरू, कई किसानों का आरोप- नहीं मिला कोई फायदा
- Saturday June 15, 2019
- NDTVKhabar News Desk
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद कर्जमाफी के दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. पहले चरण में 50 हजार रुपए तक नियमित कर्ज माफ करने के साथ डिफाल्टर किसानों को दो लाख रुपए तक कर्जमाफी का दावा किया गया है. सरकार का कहना है कि इसके दायरे में 20 लाख किसान हैं लेकिन कई किसानों का अब भी आरोप है कि उन्हें कर्जमाफी का फायदा नहीं मिला है.
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आखिर क्यों दिल्ली की सड़कों पर उतरा देश का अन्नदाता, हजारों किसानों का आज संसद मार्च, 10 बड़ी बातें
- Friday November 30, 2018
- NDTVKhabar News Desk
किसानों को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए एक बार फिर से देशभर के किसान देश की राजधानी दिल्ली की सड़कों पर जमा हुए हैं. किसानों की कर्जमाफी और फसलों की लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य दिए जाने समेत कई मांगों को लेकर विभिन्न राज्यों के किसान (Kisan Mukti March) दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंच गए हैं. दो दिवसीय किसान मुक्ति मार्च का आज यानी शुक्रवार को दूसरा और आखिरी दिन है और किसान आज अपनी मांगों को लेकर संसद मार्च करेंगे. किसानों ने सरकार और प्रशासन को चेताया है कि अगर उन्हें संसद की ओर जाने से रोका गया तो फिर वे न्यूड प्रदर्शन करेंगे. किसान (Kisan Mukti March) इस बार सिर्फ दो मांगों को लेकर यह आंदोलन कर रहे हैं. उनकी पहली मांग है कि उन्हें कर्ज से पूरी तरह मुक्ति दी जाए और दूसरी अपनी दूसरी मांग में फसलों की लागत का डेढ़ गुना मुआवजा चाहते हैं. ऐतिहासिक रामलीला मैदान पर लाल टोपी पहने और लाल झंडा लिए किसानों ने 'अयोध्या नहीं, कर्ज माफी चाहिए' जैसे नारे लगाते दिखे.
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प्राइम टाइम : किसानों की दुर्दशा के लिए कौन है ज़िम्मेदार?
- Wednesday November 28, 2018
- Ravish Kumar
14 मई को राजस्थान के एक किसान भागीरथ शर्मा ने मुझे व्हाट्सऐप किया कि फसल बीमा के नाम पर किसानों को ठगा जा रहा है. बैंक ने उनसे 2301 रुपये प्रीमियम की राशि काट ली है मगर बीमा कंपनी कहती है कि 216 रुपया ही प्रीमियम का जमा हुआ है.
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किसानों से किए गए वादे कितने पूरे होते हैं?
- Tuesday November 13, 2018
- Ravish Kumar
हमने पिछले कई सालों में किसानों के कई आंदोलन देखे. 29-30 इस आंदोलन के केंद्र में दो मुद्दे प्रमुख रूप से रहे. फसलों का सही दाम दिया जाए और फसल बिकने की व्यवस्था सही की जाए. मोदी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को अपने वादे के हिसाब से लागत से डेढ़ गुना देने का दावा करती है लेकिन तथ्य कुछ दूसरे भी होते हैं.
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लोन चुकाने के लिए किसान ने बेची किडनी, साहूकारों ने 1 लाख के बदले 74 लाख वसूले, रुला देगी कहानी
- Wednesday December 17, 2025
महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले से एक झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक किसान को साहूकारों के उत्पीड़न से तंग आकर अपनी किडनी बेचने पर मजबूर होना पड़ा. पुलिस ने इस मामले में अब तक 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
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किसान ने लिया एक लाख का कर्ज, साहूकार ने सूद के साथ 74 लाख बना दिया, विदेश ले जाकर निकलवा ली किडनी
- Tuesday December 16, 2025
महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके के किसानों की व्यथा आपने पहले भी खूब सुनी होगी. इस क्षेत्र से अक्सर किसानों की खुदकुशी की घटनाएं सामने आती रहती हैं. लेकिन अब जो कहानी सामने आई है वह और हैरान करने वाली है. यहां 36 साल के एक किसान को कर्ज चुकाने के लिए किडनी बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा.
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- Wednesday October 29, 2025
पूर्व राज्य मंत्री ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू सहित किसान नेता कल सुबह राज्य सरकार के साथ एक बैठक के लिए मुंबई के लिए उड़ान भरेंगे. वे चाहते हैं कि सरकार किसानों के लिए कर्ज माफी लागू करने की एक अंतिम तारीख घोषित करें.
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महाराष्ट्र: मराठवाड़ा में बढ़े किसानों के आत्महत्या के मामले, बीते 6 महीनों में 543 किसानों ने दी जान
- Saturday July 19, 2025
सरकार और प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद, किसानों की जिंदगी बचाने के प्रयास अभी भी नाकाफी साबित हो रहे हैं. विपक्ष लगातार सरकार से सवाल कर रहा है.
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हिम्मतवाला एक्टर: एक्टिंग छोड़ बना किसान, कर्ज ने किया बुरा हाल, पर्दे पर की वापसी, चुकाने हैं इतने लाख
- Monday October 21, 2024
किसानी करना हर किसी के बस की बात नहीं होती. आज जहां देश के कई शहरों से किसानों के आत्महत्या की खबरें सुनने को मिल जाती हैं तो वहीं एक एक्टर ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी एक्टिंग की दुनिया के साथ साथ फार्मिंग की राह को भी चुना.
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महाराष्ट्र में नहीं थम रहा कर्ज में डूबे किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला
- Wednesday August 30, 2023
किसानों की आत्महत्या पर लगातार बहस होती है. सरकारें बदल जाती हैं लेकिन किसानों की आत्महत्याओं के मामले आने खत्म नहीं होते. हर सरकार खुद को किसानों की हितैषी बताती है फिर भी किसान जान दे रहे हैं. आखिर क्यों हो रही है उनकी अनदेखी? यह बड़ा सवाल है. बड़ा सवाल यह भी है कि इस अनदेखी को कैसे खत्म किया जाए. महाराष्ट्र के चंद्रपुर में पिछले सात महीनों में 73 किसानों ने आत्महत्या कर ली है. इस साल विदर्भ में 1,567 अन्नदाताओं ने जान दे दी है. यवतमाल में 83 दिन में 82 किसानों ने जान दे दी है. अभी भी किसान परेशान हैं, क्योंकि पहले बेमौसम बारिश हुई और फिर उसके बाद बारिश ही नहीं हो रही है. ज़्यादातर किसान आज भी बारिश पर ही निर्भर हैं.
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देश में 2020 में आत्महत्या के 1.53 लाख मामले, 10 हजार से अधिक मामले कृषि क्षेत्र से जुड़े
- Saturday October 30, 2021
रिपोर्ट के अनुसार 5,579 किसान आत्महत्या मामलों में से कुल 5,335 पुरुष और 244 महिलाएं थीं. इसमें कहा गया है कि 2020 के दौरान खेतिहर मजदूरों द्वारा की गई 5,098 आत्महत्याओं में से 4,621 पुरुष और 477 महिलाएं थीं. आत्महत्या के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में सामने आए.
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देश में 2019 में 50 प्रतिशत से अधिक कृषक परिवार कर्ज में, प्रति परिवार औसत ऋण 74,121 रुपये : सर्वे
- Saturday September 11, 2021
एनएसओ ने जनवरी-दिसंबर 2019 के दौरान देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार की भूमि और पशुधन के अलावा कृषि परिवारों की स्थिति का आकलन किया. सर्वे के अनुसार कृषि वर्ष 2018-19 (जुलाई-जून) के दौरान प्रति कृषि परिवार की औसत मासिक आय 10,218 रुपये थी.
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कर्ज मुक्त किसान और आत्महत्या मुक्त भारत का सपना कब होगा पूरा?
- Tuesday October 1, 2019
- Sushil Kumar Mohapatra
कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिसमें महाराष्ट्र भी शामिल है. अब चुनाव से पहले बहुत कुछ वादे किए जाएंगे. किसानों की समस्या को लेकर बात होगी. किसानों के लिए कई योजनाओं की घोषणा होगी. चुनाव के बाद यह सब वादे खोखले साबित होंगे क्योंकि अगर राजनैतिक दलों ने अपना वादा पूरा किया होता तो आज किसान आत्महत्या नहीं करता.
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मध्य प्रदेश में कर्जमाफी का दूसरा चरण शुरू, कई किसानों का आरोप- नहीं मिला कोई फायदा
- Saturday June 15, 2019
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मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद कर्जमाफी के दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. पहले चरण में 50 हजार रुपए तक नियमित कर्ज माफ करने के साथ डिफाल्टर किसानों को दो लाख रुपए तक कर्जमाफी का दावा किया गया है. सरकार का कहना है कि इसके दायरे में 20 लाख किसान हैं लेकिन कई किसानों का अब भी आरोप है कि उन्हें कर्जमाफी का फायदा नहीं मिला है.
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आखिर क्यों दिल्ली की सड़कों पर उतरा देश का अन्नदाता, हजारों किसानों का आज संसद मार्च, 10 बड़ी बातें
- Friday November 30, 2018
- NDTVKhabar News Desk
किसानों को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए एक बार फिर से देशभर के किसान देश की राजधानी दिल्ली की सड़कों पर जमा हुए हैं. किसानों की कर्जमाफी और फसलों की लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य दिए जाने समेत कई मांगों को लेकर विभिन्न राज्यों के किसान (Kisan Mukti March) दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंच गए हैं. दो दिवसीय किसान मुक्ति मार्च का आज यानी शुक्रवार को दूसरा और आखिरी दिन है और किसान आज अपनी मांगों को लेकर संसद मार्च करेंगे. किसानों ने सरकार और प्रशासन को चेताया है कि अगर उन्हें संसद की ओर जाने से रोका गया तो फिर वे न्यूड प्रदर्शन करेंगे. किसान (Kisan Mukti March) इस बार सिर्फ दो मांगों को लेकर यह आंदोलन कर रहे हैं. उनकी पहली मांग है कि उन्हें कर्ज से पूरी तरह मुक्ति दी जाए और दूसरी अपनी दूसरी मांग में फसलों की लागत का डेढ़ गुना मुआवजा चाहते हैं. ऐतिहासिक रामलीला मैदान पर लाल टोपी पहने और लाल झंडा लिए किसानों ने 'अयोध्या नहीं, कर्ज माफी चाहिए' जैसे नारे लगाते दिखे.
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प्राइम टाइम : किसानों की दुर्दशा के लिए कौन है ज़िम्मेदार?
- Wednesday November 28, 2018
- Ravish Kumar
14 मई को राजस्थान के एक किसान भागीरथ शर्मा ने मुझे व्हाट्सऐप किया कि फसल बीमा के नाम पर किसानों को ठगा जा रहा है. बैंक ने उनसे 2301 रुपये प्रीमियम की राशि काट ली है मगर बीमा कंपनी कहती है कि 216 रुपया ही प्रीमियम का जमा हुआ है.
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किसानों से किए गए वादे कितने पूरे होते हैं?
- Tuesday November 13, 2018
- Ravish Kumar
हमने पिछले कई सालों में किसानों के कई आंदोलन देखे. 29-30 इस आंदोलन के केंद्र में दो मुद्दे प्रमुख रूप से रहे. फसलों का सही दाम दिया जाए और फसल बिकने की व्यवस्था सही की जाए. मोदी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को अपने वादे के हिसाब से लागत से डेढ़ गुना देने का दावा करती है लेकिन तथ्य कुछ दूसरे भी होते हैं.
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