Covid Antibody
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संपर्क में आए हानिरहित कोरोना वायरस बढ़ाते हैं कोविड रोग प्रतिरोधक क्षमता : अध्ययन
- Tuesday November 23, 2021
- Reported by: भाषा, Edited by: राहुल चौहान
ज्यूरिख विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस सप्ताह एक 'क्रॉस-रिएक्टिव' प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का खुलासा किया, जिसको लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक महत्वपूर्ण कड़ी हो सकती है.
- ndtv.in
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कोविड-19 से बेहतर एंटीबॉडी के लिए चिकित्सकों ने वैक्सीन की ‘बूस्टर’ डोज का दिया सुझाव
- Tuesday November 23, 2021
- Reported by: भाषा, Edited by: राहुल चौहान
बॉम्बे अस्पताल के डॉक्टरॉ ने कहा कि जिन लोगों को छह से आठ महीने पहले टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी हैं, उनमें एंटीबॉडी की संख्या कम हो रही है.
- ndtv.in
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दिल्ली में 97% लोगों में कोरोना-विरोधी एन्टीबॉडी पाई गईं : सीरो सर्व
- Thursday October 28, 2021
- Reported by: शरद शर्मा
सर्वे के मुताबिक-उम्र के हिसाब से 18 साल से कम उम्र के बच्चों में 88% में एंटीबॉडीज मिली, 18 से ऊपर के लोगों में 97-98% एंटीबाडीज मिली.
- ndtv.in
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दिल्ली में 90 फीसदी से ज्यादा लोगों में पाई गई कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी, सीरो सर्वे की रिपोर्ट : सूत्र
- Wednesday October 27, 2021
- Reported by: शरद शर्मा, Edited by: आनंद नायक
बताया जा रहा है कि दिल्ली के हर जिले में सीरो पॉजिटिविटी रेट 85 फीसदी से अधिक पाई गई है. पुरुषों की तुलना में सीरो पॉजिटिव महिलाओं की संख्या ज्यादा है.
- ndtv.in
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'एक साल बाद कोविड वैक्सीन बूस्टर के बारे में सोच सकते हैं' : NDTV से बोले AIIMS चीफ
- Saturday October 23, 2021
- Edited by: राहुल चौहान
कोरोना की अंतिम बूस्टर डोज पर डॉ गुलेरिया ने बताया कि इस पर चर्चा की जा रही है कि इसे एंटीबॉडी की उपस्थिति के बजाय समय (कोरोनावायरस से सुरक्षा की लंबाई) पर आधारित होना चाहिए.
- ndtv.in
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मॉडर्ना का टीका लंबे समय तक रोग प्रतिरोधी क्षमता बनाए रखता है : अध्ययन
- Wednesday September 15, 2021
- Reported by: भाषा
मॉडर्ना (Moderna) के कोविड-19 (Covid 19) रोधी टीके से पैदा हुई रोग प्रतिरोधी क्षमता (Immunity) कम से कम छह महीने तक बनी रहती है और इस बात का कोई संकेत नहीं है कि टीकाकरण करा चुके लोगों को ‘बूस्टर’ खुराक की आवश्यकता है.
- ndtv.in
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कोविड 19 के नए स्वरूपों से लड़ने के लिए शक्तिशाली एंटीबॉडी तैयार, 1 हजार गुना अधिक रहेगा असर
- Friday July 30, 2021
- Reported by: भाषा
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि वर्तमान में इन एंटीबॉडी का चिकित्सीय परीक्षण किए जाने की तैयारी चल रही है. उन्होंने कहा कि कम दाम में इन एंटीबॉडी का उत्पादन बड़ी मात्रा में किया जा सकता है और ये कोविड-19 उपचार से संबंधित वैश्विक मांग को पूरा कर सकती हैं. उल्लेखनीय है कि एंटीबॉडी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता की मदद करती हैं. ये वायरस से चिपककर उसे निष्क्रिय कर देती हैं.
- ndtv.in
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Sero Survey: अब जिले स्तर पर भी होगा सीरो सर्वे, जानें किस राज्य में कितनी आबादी आई संक्रमण की चपेट में
- Wednesday July 28, 2021
- Reported by: परिमल कुमार
कोरोना संक्रमण की सही स्थिति जानने के लिए अब जिले स्तर पर सीरो सर्वे किया जाएगा. ICMR के संपर्क में रहते हुए यह सर्वे किया जाएगा. इससे पहले ICMR ने जिले स्तर पर सीरो सर्वे को सही नहीं माना था.
- ndtv.in
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मुंबई में आधे से ज्यादा बच्चों में पाई गई कोविड एंटीबॉडी, सीरो सर्वे में खुलासा
- Monday June 28, 2021
- Reported by: पूजा भारद्वाज, Edited by: प्रमोद कुमार प्रवीण
यह SERO सर्वे का सैंपल टेस्ट नायर अस्पताल और कस्तूरबा अस्पताल के लैब में किया गया. कुल 2176 नमूने जांच के लिए लिए गए थे. जो रिपोर्ट आई है उसके मुताबिक 50% बच्चे कोरोना संक्रमित हो चुके है.
- ndtv.in
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क्या कोवैक्सीन दो साल के बच्चों पर काम करेगी? AIIMS प्रमुख ने कहा- दो-तीन महीने प्रतीक्षा करें
- Thursday June 24, 2021
- Reported by: विष्णु सोम, Translated by: सूर्यकांत पाठक
अब से दो-तीन महीनों में भारत के विशेषज्ञों को पता चल जाएगा कि भारत बायोटेक का कोवैक्सीन (Covaxin) दो साल की उम्र के बच्चों पर काम करती है या नहीं. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोविड के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता के परीक्षण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. डॉ गुलेरिया ने एनडीटीवी को बताया कि "भारत बायोटेक दो साल से 18 साल तक के बच्चों का टीकाकरण कर रहा है. यह पहले ही शुरू हो चुका है... कई बच्चों को पहले ही टीका लगाया जा चुका है."
- ndtv.in
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'पहले दिन ही कोरोना के लक्षण हो गए गायब' : एंटीबॉडी का कॉकटेल लेने वाले 40 मरीजों पर दिखा असर
- Sunday June 13, 2021
- Reported by: उमा सुधीर, Edited by: सिद्धार्थ चौरसिया
कोविड पॉजिटिव मरीजों को तीन से सात दिनों के भीतर एंटीबॉडी का सिंगल डोज कॉकटेल दिया गया. कासिरिविमैब (Casirivimab) और इमदेविमाब (Indevimab) दो दवाएं हैं, जो मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी के लिए ड्रग कॉकटेल में जाती हैं, जिसकी कीमत भारत में लगभग ₹ 70,000 या 1000 अमेरिकी डॉलर है, जबकि अमेरिका में लागत लगभग 20,000 डॉलर है.
- ndtv.in
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दिल्ली : नई एंटीबॉडी थेरेपी दिए जाने के 12 घंटों के भीतर ही डिस्चार्ज हुए कोविड-19 के दो मरीज
- Thursday June 10, 2021
- Reported by: ANI, Translated by: तूलिका कुशवाहा
Monoclonal Antibody Therapy : सर गंगाराम अस्पताल ने दो कोविड मरीजों को ये थेरेपी दी, जिन्हें जल्द आराम मिल गया और इन्हें 12 घंटों के अंदर ही अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. ये थेरेपी उन दो मरीजों को दी गई, जिनके लक्षण पहले सात दिनों के अंदर गंभीर हुए थे.
- ndtv.in
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फाइजर टीके में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 5 गुना कम एंटीबॉडी हैं : लैंसेट
- Friday June 4, 2021
- Reported by: प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया
द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन (Pfizer-BioNTech Vaccine) के साथ पूरी तरह से टीका लगाए गए लोगों में मूल स्ट्रेन की तुलना में भारत में पहली बार पहचाने गए डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के खिलाफ एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने का स्तर पांच गुना कम होने की संभावना है. अध्ययन से यह भी पता चलता है कि इन एंटीबॉडी का स्तर जो वायरस को पहचानने और लड़ने में सक्षम हैं, बढ़ती उम्र के साथ कम होते हैं और यह स्तर समय के साथ घटता है, कमजोर लोगों को बूस्टर खुराक देने की योजना के समर्थन में अतिरिक्त सबूत प्रदान करता है.
- ndtv.in
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भारत में एंटीबॉडी कॉकटेल से कोरोना का पहला सफल इलाज, मरीज को अस्पताल से मिली छुट्टी
- Wednesday May 26, 2021
- Edited by: गुणातीत ओझा
भारत में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल का पहला सफल इलाज हुआ है. गुड़गांव स्थित अस्पताल में मरीज को मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल की खुराक दिए जाने के एक दिन बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई है. अस्पताल के अध्यक्ष डॉ नरेश त्रेहान ने बताया कि 82 वर्षीय एक व्यक्ति कई बीमारियों से ग्रसित थे. उन्हें मेदांता अस्पताल में खुराक देने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है.
- ndtv.in
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मां को दी गई थी वैक्सीन, कोरोनावायरस के एन्टीबॉडीज़ के साथ पैदा हुई दुनिया की पहली बच्ची : डॉक्टर
- Thursday March 18, 2021
- Reported by: भाषा, Edited by: विवेक रस्तोगी
स्वास्थ्य विज्ञान से संबंधित ई-प्रिंट प्रकाशित करने वाली 'मेडआर्काइव' (medRxiv) पर पोस्ट किए गए अध्ययन के अनुसार बच्ची की मां को गर्भावस्था के 36वें सप्ताह में मॉडर्ना का टीका लगा था. यह टीका लगाए जाने के तीन सप्ताह बाद महिला ने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया.
- ndtv.in
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संपर्क में आए हानिरहित कोरोना वायरस बढ़ाते हैं कोविड रोग प्रतिरोधक क्षमता : अध्ययन
- Tuesday November 23, 2021
- Reported by: भाषा, Edited by: राहुल चौहान
ज्यूरिख विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस सप्ताह एक 'क्रॉस-रिएक्टिव' प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का खुलासा किया, जिसको लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक महत्वपूर्ण कड़ी हो सकती है.
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कोविड-19 से बेहतर एंटीबॉडी के लिए चिकित्सकों ने वैक्सीन की ‘बूस्टर’ डोज का दिया सुझाव
- Tuesday November 23, 2021
- Reported by: भाषा, Edited by: राहुल चौहान
बॉम्बे अस्पताल के डॉक्टरॉ ने कहा कि जिन लोगों को छह से आठ महीने पहले टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी हैं, उनमें एंटीबॉडी की संख्या कम हो रही है.
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दिल्ली में 97% लोगों में कोरोना-विरोधी एन्टीबॉडी पाई गईं : सीरो सर्व
- Thursday October 28, 2021
- Reported by: शरद शर्मा
सर्वे के मुताबिक-उम्र के हिसाब से 18 साल से कम उम्र के बच्चों में 88% में एंटीबॉडीज मिली, 18 से ऊपर के लोगों में 97-98% एंटीबाडीज मिली.
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दिल्ली में 90 फीसदी से ज्यादा लोगों में पाई गई कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी, सीरो सर्वे की रिपोर्ट : सूत्र
- Wednesday October 27, 2021
- Reported by: शरद शर्मा, Edited by: आनंद नायक
बताया जा रहा है कि दिल्ली के हर जिले में सीरो पॉजिटिविटी रेट 85 फीसदी से अधिक पाई गई है. पुरुषों की तुलना में सीरो पॉजिटिव महिलाओं की संख्या ज्यादा है.
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'एक साल बाद कोविड वैक्सीन बूस्टर के बारे में सोच सकते हैं' : NDTV से बोले AIIMS चीफ
- Saturday October 23, 2021
- Edited by: राहुल चौहान
कोरोना की अंतिम बूस्टर डोज पर डॉ गुलेरिया ने बताया कि इस पर चर्चा की जा रही है कि इसे एंटीबॉडी की उपस्थिति के बजाय समय (कोरोनावायरस से सुरक्षा की लंबाई) पर आधारित होना चाहिए.
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मॉडर्ना का टीका लंबे समय तक रोग प्रतिरोधी क्षमता बनाए रखता है : अध्ययन
- Wednesday September 15, 2021
- Reported by: भाषा
मॉडर्ना (Moderna) के कोविड-19 (Covid 19) रोधी टीके से पैदा हुई रोग प्रतिरोधी क्षमता (Immunity) कम से कम छह महीने तक बनी रहती है और इस बात का कोई संकेत नहीं है कि टीकाकरण करा चुके लोगों को ‘बूस्टर’ खुराक की आवश्यकता है.
- ndtv.in
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कोविड 19 के नए स्वरूपों से लड़ने के लिए शक्तिशाली एंटीबॉडी तैयार, 1 हजार गुना अधिक रहेगा असर
- Friday July 30, 2021
- Reported by: भाषा
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि वर्तमान में इन एंटीबॉडी का चिकित्सीय परीक्षण किए जाने की तैयारी चल रही है. उन्होंने कहा कि कम दाम में इन एंटीबॉडी का उत्पादन बड़ी मात्रा में किया जा सकता है और ये कोविड-19 उपचार से संबंधित वैश्विक मांग को पूरा कर सकती हैं. उल्लेखनीय है कि एंटीबॉडी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता की मदद करती हैं. ये वायरस से चिपककर उसे निष्क्रिय कर देती हैं.
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Sero Survey: अब जिले स्तर पर भी होगा सीरो सर्वे, जानें किस राज्य में कितनी आबादी आई संक्रमण की चपेट में
- Wednesday July 28, 2021
- Reported by: परिमल कुमार
कोरोना संक्रमण की सही स्थिति जानने के लिए अब जिले स्तर पर सीरो सर्वे किया जाएगा. ICMR के संपर्क में रहते हुए यह सर्वे किया जाएगा. इससे पहले ICMR ने जिले स्तर पर सीरो सर्वे को सही नहीं माना था.
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मुंबई में आधे से ज्यादा बच्चों में पाई गई कोविड एंटीबॉडी, सीरो सर्वे में खुलासा
- Monday June 28, 2021
- Reported by: पूजा भारद्वाज, Edited by: प्रमोद कुमार प्रवीण
यह SERO सर्वे का सैंपल टेस्ट नायर अस्पताल और कस्तूरबा अस्पताल के लैब में किया गया. कुल 2176 नमूने जांच के लिए लिए गए थे. जो रिपोर्ट आई है उसके मुताबिक 50% बच्चे कोरोना संक्रमित हो चुके है.
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क्या कोवैक्सीन दो साल के बच्चों पर काम करेगी? AIIMS प्रमुख ने कहा- दो-तीन महीने प्रतीक्षा करें
- Thursday June 24, 2021
- Reported by: विष्णु सोम, Translated by: सूर्यकांत पाठक
अब से दो-तीन महीनों में भारत के विशेषज्ञों को पता चल जाएगा कि भारत बायोटेक का कोवैक्सीन (Covaxin) दो साल की उम्र के बच्चों पर काम करती है या नहीं. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोविड के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता के परीक्षण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. डॉ गुलेरिया ने एनडीटीवी को बताया कि "भारत बायोटेक दो साल से 18 साल तक के बच्चों का टीकाकरण कर रहा है. यह पहले ही शुरू हो चुका है... कई बच्चों को पहले ही टीका लगाया जा चुका है."
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'पहले दिन ही कोरोना के लक्षण हो गए गायब' : एंटीबॉडी का कॉकटेल लेने वाले 40 मरीजों पर दिखा असर
- Sunday June 13, 2021
- Reported by: उमा सुधीर, Edited by: सिद्धार्थ चौरसिया
कोविड पॉजिटिव मरीजों को तीन से सात दिनों के भीतर एंटीबॉडी का सिंगल डोज कॉकटेल दिया गया. कासिरिविमैब (Casirivimab) और इमदेविमाब (Indevimab) दो दवाएं हैं, जो मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी के लिए ड्रग कॉकटेल में जाती हैं, जिसकी कीमत भारत में लगभग ₹ 70,000 या 1000 अमेरिकी डॉलर है, जबकि अमेरिका में लागत लगभग 20,000 डॉलर है.
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दिल्ली : नई एंटीबॉडी थेरेपी दिए जाने के 12 घंटों के भीतर ही डिस्चार्ज हुए कोविड-19 के दो मरीज
- Thursday June 10, 2021
- Reported by: ANI, Translated by: तूलिका कुशवाहा
Monoclonal Antibody Therapy : सर गंगाराम अस्पताल ने दो कोविड मरीजों को ये थेरेपी दी, जिन्हें जल्द आराम मिल गया और इन्हें 12 घंटों के अंदर ही अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. ये थेरेपी उन दो मरीजों को दी गई, जिनके लक्षण पहले सात दिनों के अंदर गंभीर हुए थे.
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फाइजर टीके में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 5 गुना कम एंटीबॉडी हैं : लैंसेट
- Friday June 4, 2021
- Reported by: प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया
द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन (Pfizer-BioNTech Vaccine) के साथ पूरी तरह से टीका लगाए गए लोगों में मूल स्ट्रेन की तुलना में भारत में पहली बार पहचाने गए डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के खिलाफ एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने का स्तर पांच गुना कम होने की संभावना है. अध्ययन से यह भी पता चलता है कि इन एंटीबॉडी का स्तर जो वायरस को पहचानने और लड़ने में सक्षम हैं, बढ़ती उम्र के साथ कम होते हैं और यह स्तर समय के साथ घटता है, कमजोर लोगों को बूस्टर खुराक देने की योजना के समर्थन में अतिरिक्त सबूत प्रदान करता है.
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भारत में एंटीबॉडी कॉकटेल से कोरोना का पहला सफल इलाज, मरीज को अस्पताल से मिली छुट्टी
- Wednesday May 26, 2021
- Edited by: गुणातीत ओझा
भारत में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल का पहला सफल इलाज हुआ है. गुड़गांव स्थित अस्पताल में मरीज को मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल की खुराक दिए जाने के एक दिन बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई है. अस्पताल के अध्यक्ष डॉ नरेश त्रेहान ने बताया कि 82 वर्षीय एक व्यक्ति कई बीमारियों से ग्रसित थे. उन्हें मेदांता अस्पताल में खुराक देने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है.
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मां को दी गई थी वैक्सीन, कोरोनावायरस के एन्टीबॉडीज़ के साथ पैदा हुई दुनिया की पहली बच्ची : डॉक्टर
- Thursday March 18, 2021
- Reported by: भाषा, Edited by: विवेक रस्तोगी
स्वास्थ्य विज्ञान से संबंधित ई-प्रिंट प्रकाशित करने वाली 'मेडआर्काइव' (medRxiv) पर पोस्ट किए गए अध्ययन के अनुसार बच्ची की मां को गर्भावस्था के 36वें सप्ताह में मॉडर्ना का टीका लगा था. यह टीका लगाए जाने के तीन सप्ताह बाद महिला ने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया.
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