Bundelkhand Drought
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क्यों सूख गए चंदेलकालीन तालाब, बांदा के इस गांव ने जल संरक्षण को लेकर पेश की मिसाल
- Saturday June 16, 2018
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला
केंद्र सरकार ने सूखे से निपटने के लिए मप्र और उप्र के 13 जिलों को बुंदेलखंड पैकेज दिया इसके तहत करीब 7200 करोड़ उप्र और मप्र सरकारों को मिले हैं. इससे मप्र और उप्र में 40000 कुएं, 30000 तालाब और 2.60 लाख हेक्टेयर जमीन पर पौधारोपड़ और 11 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचित करने का दावा किया गया.
- ndtv.in
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बुंदेलखंड: सूखे से जूझ रहे किसानों को अब 'राम' नाम का सहारा!
- Sunday October 29, 2017
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
बरसात की आस में महोबा जिले के किसान पिपरामाफ गांव के कुष्मांडा धाम मंदिर में दीपावली से ही 'रामधुन' के भजन के जरिए बारिश के देवता इंद्रदेव को मनाने की कोशिश कर रहे हैं.
- ndtv.in
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बुंदेलखंड, पानी की कहानी 1: चंदेल राजाओं से समझें पानी का सबक..
- Thursday July 7, 2016
- सुधीर जैन
जल प्रबंधन के लिए पुराने तालाबों के इस्तेमाल की बात से पहली बार पता चलेगा कि देश की नाजुक माली हालत में इन 1000 साल पुराने तालाबों की आज भी कीमत क्या है। बहुत संभव है कि मजबूरी में देश की जो नई जल नीति बनेगी उसमें हमें चंदेलकालीन जल प्रबंधन की बारीकियों को फिर याद करना पड़ेगा।
- ndtv.in
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क्या चुनाव के वक्त ही सरकारें बेहतर काम करती हैं ?
- Thursday May 26, 2016
- Rakesh Kumar Malviya
सांस्कृतिक रूप से एक ही इलाका है, बुंदेलखंड, राजनैतिक रूप से दो राज्यों में बंटा हुआ, विचित्र बात है कि एक ही इलाके में सूखे से निपटने की दो भिन्न परिस्थितियां हैं। एक जगह बेहतर काम हो रहा है, दूसरी जगह वही कछुआ चाल है।
- ndtv.in
-
देश की सियासत में पानी के कैसे-कैसे रंग...
- Friday May 6, 2016
- Ratan Mani Lal
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में सूखे की स्थिति क्या है? क्या वहां पानी की किल्लत उतनी ही है जितनी महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों में? क्या वहां राहत और बचाव के काम प्रदेश सरकार की देखरेख में ठीक से हो रहे हैं?
- ndtv.in
-
यह पानी की नहीं, प्रचार की रेल है..
- Friday May 6, 2016
- Ravish Kumar
पान की रेल अच्छी पहल है लेकिन अंतिम नहीं। अगर इसे सूखे की समस्या को विस्थापित करने के लिए चलाया गया तो ग़लत होगा। सूखे की समस्या का तमाशा मत बनाइये। पानी की रेल चलाइये लेकिन सिर्फ रेल ही चलती रहे ऐसा भी मत कीजिये।
- ndtv.in
-
यूपी : सूखाग्रस्त बुंदेलखंड के लिए केंद्र की भेजी गई 'जल ट्रेन' निकली खाली
- Friday May 6, 2016
- Reported by: Bhasha
सूखाग्रस्त बुंदेलखंड की मदद के लिए केंद्र की ओर से ट्रेन के जरिये भेजे गए पानी के टैंकर को स्वीकारने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार दिन भर असमंजस में रहीं। हालांकि बाद में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर ट्रेन के टैंकरों की जांच करने पर यह खाली पाए गए।
- ndtv.in
-
प्राइम टाइम इंट्रो : पानी की रेल सिर्फ़ लातूर के लिए ही क्यों?
- Thursday May 5, 2016
- Ravish Kumar
पानी चाहिए एक ग्लास। सरकार पहुंचा रही है एक कटोरी। ज़ाहिर है सरकार के पास समंदर तो है नहीं लेकिन पानी की रेल को समंदर भी न समझा जाए। यह भी समझिये कि आठ से दस दिन में जो टैंकर आते हैं वो दो से तीन दिन का ही पानी देकर जाते हैं।
- ndtv.in
-
उत्तर प्रदेश का केंद्र को जवाब, बुंदेलखंड में हालात लातूर जैसे नहीं, हमें दें 10000 टैंकर
- Thursday May 5, 2016
- Written by: Rajeev Mishra
केंद्र सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश के सूखा प्रभावित और जल संकट झेल रहे बुंदेलखंड इलाके को भेजी गई पानी की ट्रेन को राज्य ने लेने से मना कर दिया है। रेल मंत्रालय को भेजे गए एक पत्र में अखिलेश यादव सरकार ने कहा है, हमारे यहां लातूर के जैसे हालात नहीं हैं।
- ndtv.in
-
देश के 9 राज्यों में सूखे का मामला : सुप्रीम कोर्ट ने मराठवाड़ा और बुंदेलखंड के हालात पर चिंता जाहिर की
- Wednesday April 6, 2016
- Reported by: Ashish Kumar Bhargava
देश के 9 राज्यों में सूखे के हालात हैं और ऐसे में एक याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि वहां के हालात गंभीर हैं और केंद्र सरकार इस बात से इंकार नहीं कर सकती कि वहां हालात खराब हैं।
- ndtv.in
-
ग्राउंड रिपोर्ट : बुंदेलखंड के इस सूखाग्रस्त शहर में बंदूकधारी गार्ड कर रहे पानी की पहरेदारी
- Friday March 4, 2016
- Edited by: Siddarth Ranjan Das
पानी पर सुरक्षागार्ड्स की तैनाती, ये बूंद बूंद को तरसते बुंदेलखंड की बात है जहां पानी को लेकर टीकमगढ़ के नागरिक प्रशासन और यूपी के किसानों के बीच जंग से हालात हो गए हैं। हालत यह है कि हाथ में बंदूक लिए पहरेदार पानी की रखवाली कर रहे हैं ताकि किसान पानी चुरा ना लें।
- ndtv.in
-
सूखे से जूझते बुंदेलखंड में एक पिता ने अपनी बेटी को गिफ्त में दिया भूसा
- Saturday January 23, 2016
- Edited by: IANS
कम वर्षा के कारण सूखे के संकट से जूझते बुंदेलखंड में लोग एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। ऐसा ही नजारा महोबा जिले के सूपा गांव में देखने को मिला, जहां एक पिता मकर संक्रांति के उपहार के तौर पर बैलगाड़ी में भूसा भरकर बेटी की ससुराल पहुंचा।
- ndtv.in
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नए साल में कहीं 'फीलगुड' की हवा न निकाल दे बुंदेलखंड
- Friday January 1, 2016
- Sudhir Jain
बुंदेलखंड के हालात बता रहे हैं कि केंद्र सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती सूखे से बेहाल बुंदेलखंड की बनने वाली है। यह देश का वह इलाका है जहां डेढ़ करोड़ से ज्यादा किसान आबादी इस बार खेतों में बुआई तक नहीं कर पाई।
- ndtv.in
-
सूखे की मार झेल रहे उत्तर प्रदेश में 7 तरह की मिठाई यानि पांच साल का कर्ज़...
- Friday December 11, 2015
- Edited by: Sreenivasan Jain and Manas Roshan
बुंदेलखंड के किसानों की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। एक ओर लगातार तीन सालों से सूखा पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर किसानों के परिवार भी हैं जो कि विपरित हालातों में कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहे हैं।
- ndtv.in
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सूखे की चपेट में उत्तर प्रदेश : घास की रोटियां खाने को मजबूर हैं लालवाड़ी के लोग...
- Tuesday December 8, 2015
- Reported by: Vivek Rastogi, Edited by: Sreenivasan Jain and Manas Roshan
जब इस रोटी को अपने बच्चों को खिलाने लगे वे लोग, तो हमने भी उसे चखकर देखा... इतना कड़वी कि खाना लगभग नामुमकिन... पकाने के बावजूद कच्ची घास और मिट्टी का स्वाद साफ महसूस किया जा सकता है... घर के बड़े उन बच्चों को समझाते हैं, 'खा लो, बेटे', लेकिन सब व्यर्थ...
- ndtv.in
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क्यों सूख गए चंदेलकालीन तालाब, बांदा के इस गांव ने जल संरक्षण को लेकर पेश की मिसाल
- Saturday June 16, 2018
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला
केंद्र सरकार ने सूखे से निपटने के लिए मप्र और उप्र के 13 जिलों को बुंदेलखंड पैकेज दिया इसके तहत करीब 7200 करोड़ उप्र और मप्र सरकारों को मिले हैं. इससे मप्र और उप्र में 40000 कुएं, 30000 तालाब और 2.60 लाख हेक्टेयर जमीन पर पौधारोपड़ और 11 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचित करने का दावा किया गया.
- ndtv.in
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बुंदेलखंड: सूखे से जूझ रहे किसानों को अब 'राम' नाम का सहारा!
- Sunday October 29, 2017
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
बरसात की आस में महोबा जिले के किसान पिपरामाफ गांव के कुष्मांडा धाम मंदिर में दीपावली से ही 'रामधुन' के भजन के जरिए बारिश के देवता इंद्रदेव को मनाने की कोशिश कर रहे हैं.
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बुंदेलखंड, पानी की कहानी 1: चंदेल राजाओं से समझें पानी का सबक..
- Thursday July 7, 2016
- सुधीर जैन
जल प्रबंधन के लिए पुराने तालाबों के इस्तेमाल की बात से पहली बार पता चलेगा कि देश की नाजुक माली हालत में इन 1000 साल पुराने तालाबों की आज भी कीमत क्या है। बहुत संभव है कि मजबूरी में देश की जो नई जल नीति बनेगी उसमें हमें चंदेलकालीन जल प्रबंधन की बारीकियों को फिर याद करना पड़ेगा।
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क्या चुनाव के वक्त ही सरकारें बेहतर काम करती हैं ?
- Thursday May 26, 2016
- Rakesh Kumar Malviya
सांस्कृतिक रूप से एक ही इलाका है, बुंदेलखंड, राजनैतिक रूप से दो राज्यों में बंटा हुआ, विचित्र बात है कि एक ही इलाके में सूखे से निपटने की दो भिन्न परिस्थितियां हैं। एक जगह बेहतर काम हो रहा है, दूसरी जगह वही कछुआ चाल है।
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देश की सियासत में पानी के कैसे-कैसे रंग...
- Friday May 6, 2016
- Ratan Mani Lal
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में सूखे की स्थिति क्या है? क्या वहां पानी की किल्लत उतनी ही है जितनी महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों में? क्या वहां राहत और बचाव के काम प्रदेश सरकार की देखरेख में ठीक से हो रहे हैं?
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यह पानी की नहीं, प्रचार की रेल है..
- Friday May 6, 2016
- Ravish Kumar
पान की रेल अच्छी पहल है लेकिन अंतिम नहीं। अगर इसे सूखे की समस्या को विस्थापित करने के लिए चलाया गया तो ग़लत होगा। सूखे की समस्या का तमाशा मत बनाइये। पानी की रेल चलाइये लेकिन सिर्फ रेल ही चलती रहे ऐसा भी मत कीजिये।
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यूपी : सूखाग्रस्त बुंदेलखंड के लिए केंद्र की भेजी गई 'जल ट्रेन' निकली खाली
- Friday May 6, 2016
- Reported by: Bhasha
सूखाग्रस्त बुंदेलखंड की मदद के लिए केंद्र की ओर से ट्रेन के जरिये भेजे गए पानी के टैंकर को स्वीकारने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार दिन भर असमंजस में रहीं। हालांकि बाद में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर ट्रेन के टैंकरों की जांच करने पर यह खाली पाए गए।
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प्राइम टाइम इंट्रो : पानी की रेल सिर्फ़ लातूर के लिए ही क्यों?
- Thursday May 5, 2016
- Ravish Kumar
पानी चाहिए एक ग्लास। सरकार पहुंचा रही है एक कटोरी। ज़ाहिर है सरकार के पास समंदर तो है नहीं लेकिन पानी की रेल को समंदर भी न समझा जाए। यह भी समझिये कि आठ से दस दिन में जो टैंकर आते हैं वो दो से तीन दिन का ही पानी देकर जाते हैं।
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उत्तर प्रदेश का केंद्र को जवाब, बुंदेलखंड में हालात लातूर जैसे नहीं, हमें दें 10000 टैंकर
- Thursday May 5, 2016
- Written by: Rajeev Mishra
केंद्र सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश के सूखा प्रभावित और जल संकट झेल रहे बुंदेलखंड इलाके को भेजी गई पानी की ट्रेन को राज्य ने लेने से मना कर दिया है। रेल मंत्रालय को भेजे गए एक पत्र में अखिलेश यादव सरकार ने कहा है, हमारे यहां लातूर के जैसे हालात नहीं हैं।
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देश के 9 राज्यों में सूखे का मामला : सुप्रीम कोर्ट ने मराठवाड़ा और बुंदेलखंड के हालात पर चिंता जाहिर की
- Wednesday April 6, 2016
- Reported by: Ashish Kumar Bhargava
देश के 9 राज्यों में सूखे के हालात हैं और ऐसे में एक याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि वहां के हालात गंभीर हैं और केंद्र सरकार इस बात से इंकार नहीं कर सकती कि वहां हालात खराब हैं।
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ग्राउंड रिपोर्ट : बुंदेलखंड के इस सूखाग्रस्त शहर में बंदूकधारी गार्ड कर रहे पानी की पहरेदारी
- Friday March 4, 2016
- Edited by: Siddarth Ranjan Das
पानी पर सुरक्षागार्ड्स की तैनाती, ये बूंद बूंद को तरसते बुंदेलखंड की बात है जहां पानी को लेकर टीकमगढ़ के नागरिक प्रशासन और यूपी के किसानों के बीच जंग से हालात हो गए हैं। हालत यह है कि हाथ में बंदूक लिए पहरेदार पानी की रखवाली कर रहे हैं ताकि किसान पानी चुरा ना लें।
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सूखे से जूझते बुंदेलखंड में एक पिता ने अपनी बेटी को गिफ्त में दिया भूसा
- Saturday January 23, 2016
- Edited by: IANS
कम वर्षा के कारण सूखे के संकट से जूझते बुंदेलखंड में लोग एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। ऐसा ही नजारा महोबा जिले के सूपा गांव में देखने को मिला, जहां एक पिता मकर संक्रांति के उपहार के तौर पर बैलगाड़ी में भूसा भरकर बेटी की ससुराल पहुंचा।
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नए साल में कहीं 'फीलगुड' की हवा न निकाल दे बुंदेलखंड
- Friday January 1, 2016
- Sudhir Jain
बुंदेलखंड के हालात बता रहे हैं कि केंद्र सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती सूखे से बेहाल बुंदेलखंड की बनने वाली है। यह देश का वह इलाका है जहां डेढ़ करोड़ से ज्यादा किसान आबादी इस बार खेतों में बुआई तक नहीं कर पाई।
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सूखे की मार झेल रहे उत्तर प्रदेश में 7 तरह की मिठाई यानि पांच साल का कर्ज़...
- Friday December 11, 2015
- Edited by: Sreenivasan Jain and Manas Roshan
बुंदेलखंड के किसानों की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। एक ओर लगातार तीन सालों से सूखा पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर किसानों के परिवार भी हैं जो कि विपरित हालातों में कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहे हैं।
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सूखे की चपेट में उत्तर प्रदेश : घास की रोटियां खाने को मजबूर हैं लालवाड़ी के लोग...
- Tuesday December 8, 2015
- Reported by: Vivek Rastogi, Edited by: Sreenivasan Jain and Manas Roshan
जब इस रोटी को अपने बच्चों को खिलाने लगे वे लोग, तो हमने भी उसे चखकर देखा... इतना कड़वी कि खाना लगभग नामुमकिन... पकाने के बावजूद कच्ची घास और मिट्टी का स्वाद साफ महसूस किया जा सकता है... घर के बड़े उन बच्चों को समझाते हैं, 'खा लो, बेटे', लेकिन सब व्यर्थ...
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