
- उत्तरकाशी के धराली गांव में हुई बादल फटने की घटना से नदी उफनी और 20 से 25 होटल तथा होम-स्टे बह गए
- इस आपदा में चार लोगों की मौत हुई और लगभग पचास से सौ लोग लापता बताए जा रहे हैं
- सेना, NDRF, SDRF और स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव के लिए लगभग 150 जवानों के साथ अभियान शुरू किया है
उत्तरकाशी के धराली गांव में 5 अगस्त 2025 को हुई भीषण प्राकृतिक आपदा ने पहाड़ों की ताजगी में एक भयानक कोहरा बिखेर दिया. अचानक हुए बादल फटने की घटना (cloudburst) ने खीर गंगा नदी को उफनाया और एक विशाल फ्लैश फ्लड के रूप में गांव पर टूट पड़ा. कुछ ही क्षणों में पानी, मलबा, कीचड़ और चट्टानों की बाढ़ में 20‑25 होटल और होम‑स्टे बह गए. कई घर, दुकानें और सड़कें मिनटों में खत्म हो गईं. घटना की तीव्रता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बचने की आशा में भागते दो लोगों की वीडियो रिकॉर्डिंग वायरल हुई. एनडीटीवी की रिपोर्टर टीम 30 किलोमीटर पहले फंसी पड़ी है क्योंकि रेस्क्यू मार्ग अवरुद्ध है और बारिश लगातार जारी है. हालांकि हमारी टीम की तरफ से ग्राउंड जीरों से कई ऐसी तस्वीरें निकाली गई है जो घटना की भयावहता को दिखा रही है.
उत्तराखंड : तेज बारिश , टूटी सड़क और उफान पर भागीरथी नदी, NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट#Uttarakhand | #NDRF | @tabishh_husain | @RawatKishor3 pic.twitter.com/UImnh68ckp
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भारी बारिश और भूस्खलन से राहत‑बचाव कार्य में परेशानी हो रही है. सेना, NDRF, SDRF के अलावा स्थानीय प्रशासन ने जमीनी और हवाई अभियान चलाए. 150 से अधिक जवान तुरंत मौके पर पहुंचाए गए. हर्षिल के पास सेना कैंप को भी क्षति पहुंची, जिसमें 11 जवान अब तक संपर्क से बाहर हैं.

कैसे हुई घटना?
भोर के बाद, लगभग दोपहर तक, आस-पास के इलाकों में घने बादल जमा हो गए थे. अचानक बादल फटने के कारण हुई तेज बारिश ने नदी में मलबा और पानी भर दिया जिससे नदी का जलस्तर मिनटों में खतरनाक रूप से बढ़ गया. इस उफनती नदी ने धराली गांव को अपने साथ बहा लिया. होटल, दुकानें, घर, सड़कें सबकुछ बह गए. आस-पास के लोग चौंक गए, कई लोग फुटपाथ से भागते हुए देखे गए.

भारी तबाही, अरबों का नुकसान
सरकारी और स्थानीय सूत्रों ने पुष्टि की है कि कम से कम चार लोग इस आपदा में मारे गए हैं. साथ ही, लगभग 50 से 100 लोग लापता बताए जा रहे हैं. कई होटल टूट गए. धराली, जो गंगोत्री धाम जाने वाले यात्रियों के लिए एक प्रमुख पड़ाव है, में लगभग 20‑25 होटल और होम‑स्टे बह गए. पर्यटन व्यवसाय लगभग तबाह हो गया.
राहत और बचाव कार्य में हो रही है परेशानी
सेना ने मोर्चा संभाल लिया है. लगभग 150 जवान तुरंत धराली में पहुंच गए, साथ में ड्रोन, ट्रैकर कुत्ते और भारी मशीनरी भी लाई गई. SDRF, NDRF, स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत अभियान में लगी हुई हैं. एक सेना अधिकारी ने बताया कि सेना कैंप भी बाढ़ की चपेट में आया, जिसमें करीब 11 सैनिक लापता हैं. इसकी खोज अब भी जारी है.

ग्राउंड जीरो पर पहुंचने में हो रही है परेशानी
गंगोत्री हाईवे पूरी तरह अवरुद्ध हो गया. कई पुल, सड़कें और संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं. मलबे की चादर ने पूरे क्षेत्र को ढक दिया है. यह बाधा बचाव दलों की राह में बड़ी बाधा बन गई है. कई गांव पूरी तरह से कट गए हैं.
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मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी
IMD ने 10 अगस्त तक पूरे उत्तरकाशी सहित उत्तराखंड में रेड अलर्ट जारी किया है. मॉनसून की गतिविधियों में वृद्धि के कारण भारी बारिश और भूस्खलन की संभावना बनी हुई है. अधिकारियों ने लोगों से पहाड़ी क्षेत्रों में अनावश्यक जाने से बचने और नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी है.
सीएम धामी 2 दिनों तक करेंगे कैंप
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को उत्तराकाशी में बादल फटने की घटना को लेकर राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने सभी अधिकारियों को स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरूस्त करने के निर्देश दिए, ताकि अगर किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति पैदा हो, तो उससे कुशलतापूर्वक निपटा जा सके.
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मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में चिकित्सकर्मियों को ड्यूटी पर लगाने के निर्देश दिए. इसके इतर तीन मनोचिकित्सक भी धराली भेजे गए हैं, ताकि इस हादसे से प्रभावित हुए लोगों की मानसिक स्थिति का भी उपचार किया जा सके.
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