NIA को सौंपी गई भीमा-कोरेगांव हिंसा की जांच, महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने केंद्र सरकार के फैसले की निंदा की, कहा...

भीमा-कोरेगांव केस (Bhima Koregaon Case) को आज अचानक केंद्र सरकार ने एनआईए (NIA) को सौंप दिया. केंद्र के इस फैसले की महाराष्ट्र सरकार ने निंदा की.

NIA को सौंपी गई भीमा-कोरेगांव हिंसा की जांच, महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने केंद्र सरकार के फैसले की निंदा की, कहा...

भीमा-कोरेगांव हिंसा की जांच NIA करेगी. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र के फ़ैसले की निंदा की
  • कहा- हमसे इस बारे में राय तक नहीं ली गई
  • हमसे पूछे बिना NIA को सौंपा गया केस: महाराष्ट्र
नई दिल्ली:

भीमा-कोरेगांव केस (Bhima Koregaon Case) को आज अचानक केंद्र सरकार ने एनआईए (NIA) को सौंप दिया. एक दिन पहले ही महाराष्ट्र सरकार ने साल 2018 में हुए भीमा-कोरेगांव हिंसा (Bhima Koregaon Violence) की समीक्षा का फैसला लिया था. केंद्र के इस फैसले की महाराष्ट्र सरकार ने निंदा की. फैसले पर एतराज जताते हुए महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि इस बारे में राज्य सरकार से पूछा तक नहीं गया. उन्होंने ट्वीट किया कि जब राज्य सरकार इस मामले की तह में जा रही थी, तब ये फ़ैसला किया गया. एक दिन पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने इसे लेकर गुरुवार को मीटिंग रखी थी. गृह मंत्री ने इस बारे में कहा था कि वह पुलिस को मिले सबूतों के आधार पर उनके द्वारा इस मामले की जानकारी मिलने के बाद ही इसकी समीक्षा करेंगे और किसी नतीजे तक पहुंचेंगे.
 


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बता दें कि 1 जनवरी, 2018 को पुणे के भीमा-कोरेगांव में हिंसा हुई थी. दलित समुदाय के लोग 250 साल पहले हुई दलितों और मराठाओं के बीच हुई लड़ाई में दलितों की जीत का जश्न मनाने के लिए वहां हर साल इकट्ठा होते हैं. पुलिस का आरोप था कि कार्यक्रम के आयोजकों के नक्सलियों से संबंध थे.

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बीते साल अगस्त और सितंबर में 10 एक्टिविस्ट्स को गिरफ्तार किया गया था. सभी आरोपी ट्रायल का सामना कर रहे हैं. हाल ही में एनसीपी नेताओं ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से मुलाकात कर भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपियों के खिलाफ दर्ज किए गए सभी मामलों को बंद करने की मांग की थी.

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VIDEO: भीमा कोरेगांव हिंसा की समीक्षा करेगी महाराष्ट्र सरकार