पुणे यलगार परिषद और भीमा कोरेगांव हिंसा केस : NIA ने आरोपों के मसौदे में पीएम की हत्या की साजिश का उल्लेख नहीं किया

Elgar Parishad Case : एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से 15 लोगों पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने सहित 16 अपराधों के तहत आरोपित किये गए हैं, इसमें अधिकतम मौत की सजा है. मामले में कुल 16 आरोपी गिरफ्तार हैं और 5 को फरार बताया गया है. ड्राफ्ट चार्ज पर सुनवाई होनी अभी बाकी है.

पुणे यलगार परिषद और भीमा कोरेगांव हिंसा केस : NIA ने आरोपों के मसौदे में पीएम की हत्या की साजिश का उल्लेख नहीं किया

भीमा कोरेगांव हिंसा और एल्गार परिषद मामले की जांच एनआए कर रही है (फाइल फोटो

मुंबई:

पुणे यलगार परिषद और भीमा कोरेगांव हिंसा (Elgar Parishad Bhima Koregaon Violence Case) की जांच कर रही NIA ने गिरफ्तार और फरार आरोपियों के खिलाफ 15 पन्नों की जो ड्राफ्ट चार्ज तैयार किया है उसमें देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आरोप तो है लेकिन प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश (Conspiracy to assassinate PM Modi) का जिक्र नहीं है. जबकि मामले को उजागर करने वाली पुणे पुलिस ने एक लेटर लीक कर दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की  राजीव गांधी की तरहं हत्या करने की योजना बना रहे थे. यह भी कहा गया था कि उसके लिए विदेशों से अत्याधुनिक हथियार और गोला बारूद भी लाने की कोशिश में थे. हालांकि  NIA ने विदेशों से हथियार और गोला बारूद लाने की कोशिश का जिक्र किया है.

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एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से 15 लोगों पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने सहित 16 अपराधों के तहत आरोपित किये गए हैं, इसमें अधिकतम मौत की सजा है. मामले में कुल 16 आरोपी गिरफ्तार हैं और 5 को फरार बताया गया है. ड्राफ्ट चार्ज पर सुनवाई होनी अभी बाकी है.

गौरतलब है कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी फादर स्टेन स्वामी की मौत हो गई है. वो लंबे समय से बीमार थे. स्टेन स्वामी की मौत के बाद अन्य आरोपियों को रिहा करने की मांग तेज हो गई है. इस केस में एक्टिविस्ट सुधा भारद्वाज व अन्य ने जमानत के लिए याचिका लगाई है. 

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मालूम हो कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले ने काफी तूल पकड़ा था. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी गई थी. इसको लेकर कई एक्टिविस्ट और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हुई थी.