Babri Masjid Dispute
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अयोध्या: धन्नीपुर में मस्जिद बनाने के लिए नहीं है पैसा, IICF को अब खाड़ी देशों से है उम्मीद
- Friday December 6, 2024
- Written by: राजेश कुमार आर्य
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मस्जिद बनाने के लिए मुस्लिम पक्ष को अयोध्या के धन्नीपुर में 5 एकड़ जमीन दी गई. इसके लिए इंडो इस्लामिक कल्चरण फाउंडेशन का गठन 5 साल पहले किया गया. वहां मस्जिद के साथ अस्पताल, संग्रहालय और कम्युनिटी किचन भी बनाया जाना है.
- ndtv.in
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अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में बरी किए जाने के खिलाफ उच्च न्यायालय में सुनवाई आज
- Wednesday January 13, 2021
- Reported by: भाषा
इलाहाबाद उच्च न्यायालय अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत सभी 32 दोषियों को बरी किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा.
- ndtv.in
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SC के वकील ने राम मंदिर ट्रस्ट को लिखा खत: बाबरी मस्जिद के पास कब्रिस्तान की जमीन छोड़ दी जाए
- Tuesday February 18, 2020
- Reported by: भाषा
मुस्लिमों के मुताबिक बाबरी मस्जिद वाले इलाके में ‘गंज शहीदान’नाम का एक कब्रिस्तान है जहां अयोध्या में 1885 में हुए दंगों में जान गंवाने वाले 75 मुस्लिमों को दफनाया गया था
- ndtv.in
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Ayodhya Case: हिंदू महासभा भी SC में दाखिल करेगी रिव्यू पिटिशन, कोर्ट के इस फैसले को देगी चुनौती
- Monday December 9, 2019
- Edited by: आरिफ खान मंसूरी
वहीं, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने मांग की कि सुन्नी वक्फ बोर्ड (Sunni Waqf Board) को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या (Ayodhya) की नगर पालिका की सीमा से बाहर जमीन आवंटित की जाए.
- ndtv.in
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21 नवंबर को अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के लिए निकलेगी राम बारात
- Wednesday November 20, 2019
- Reported by: IANS
राम बारात इस साल 21 नवंबर को अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के लिए रवाना होगी. इस साल सुप्रीम कोर्ट से राममंदिर के पक्ष में आए फैसले के बाद बारात और धूमधाम से निकाली जाएगी.
- ndtv.in
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Ayodhya Case: असदुद्दीन ओवैसी बोले- सुप्रीम कोर्ट का फैसला किसी भी तरह से ‘पूरा न्याय’ नहीं
- Wednesday November 20, 2019
- Reported by: भाषा
गत नौ नवम्बर को उच्चतम न्यायालय ने सर्वसम्मति के फैसले में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम लला को सौंपने के निर्देश दिये थे.
- ndtv.in
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राम जन्मभूमि मामला: गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को चौकन्ना रहने के लिए कहा
- Thursday November 7, 2019
- Reported by: भाषा
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के मद्देनजर सभी राज्यों से चौकन्ना रहने के लिए कहा है. एक अधिकारी के हवाले से यह जानकारी मिली है. बता दें कि इससे पहले जानकारी मिली थी कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर फैसला आने से पहले फैजाबाद पुलिस ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पर नजर रखने के लिए 16 हजार स्वयंसेवियों को तैनात किया है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी थी.
- ndtv.in
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अयोध्या केस में फैसले से पहले RSS ने बनाई अग्रिम रणनीति, BJP के संगठन मंत्री बीएल संतोष भी बैठक में पहुंचे
- Friday November 1, 2019
- आईएएनएस
अयोध्या जमीन विवाद पर 17 नवंबर से पहले सुप्रीम कोर्ट के संभावित फैसले के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अग्रिम रणनीति बनाने में जुटा है.
- ndtv.in
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Ayodhya Case : सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा 16 अक्टूबर को खत्म हो सकती है सुनवाई
- Wednesday October 16, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सोमवार को अयोध्या केस (Ayodhya Case) की सुनवाई करते हुए कहा है कि इस केस की सुनवाई बुधवार को भी खत्म हो सकती है. यानी कि 17 अक्टूबर की जगह 16 अक्टूबर को ही अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले की सुनवाई पूरी हो सकती है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने चार अक्टूबर को अयोध्या केस (Ayodhya Case) में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के मामले की 37 वें दिन की सुनवाई के दौरान कहा था कि 17 अक्टूबर तक इस मामले की सुनवाई पूरी होगी.
- ndtv.in
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Ayodhya Case: मुस्लिम पक्ष का सवाल- कुछ अंश दूसरे धर्म के मिलें तो क्या 450 साल पुरानी मस्जिद अवैध हो जाएगी?
- Wednesday October 16, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में 38वें दिन की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले में जस्टिस खान और जस्टिस शर्मा की राय एक-दूसरे से अलग थी. जस्टिस खान ने कहा था कि मस्जिद बनाने के लिए किसी स्ट्रक्चर को ध्वस्त नहीं किया गया था. जबकि जस्टिस शर्मा की राय इससे अलग थी. धवन ने कहा जिलानी ने सही कहा था कि 1885 से पहले के किसी भी दस्तावेज़ को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. सन 1885 से पहले के जो दस्तावेज़ हिन्दू पक्ष के पास हैं वह सिर्फ विदेशी यात्रियों की किताब, स्कंद पुराण और दूसरी किताबें हैं.
- ndtv.in
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Ayodhya Case : सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की मियाद घटाई, अब सिर्फ चार दिन और होगी बहस
- Wednesday October 16, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने शुक्रवार को अयोध्या केस (Ayodhya Case) में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के मामले की 37 वें दिन की सुनवाई करते हुए कहा कि 17 अक्टूबर तक इस मामले की सुनवाई पूरी होगी. उन्होंने अयोध्या के इस मामले से संबंधित ने सभी पक्षों से कहा कि 17 अक्टूबर तक बहस पूरी करें. पहले सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी पक्षों को 18 अक्टूबर तक बहस पूरी करने के लिए कहा था. इस केस में 14 अक्टूबर को मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन बहस जारी रखेंगे. बाकी सब पक्षकार 15-16 को दलीलें देंगे और 17 अक्टूबर को सुनवाई पूरी होगी. यानी अब सिर्फ चार दिन ही सुनवाई होनी है.
- ndtv.in
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Ayodhya Case : निर्मोही अखाड़े ने कहा- अब सुनवाई 'टी-20' जैसी हो गई, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई लताड़
- Wednesday October 16, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
अयोध्या केस (Ayodhya Case) में सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर गुरुवार को 36वें दिन सुनवाई हुई. कोर्ट में निर्मोही अखाड़े की ओर से सुशील जैन ने कहा कि अब यह सुनवाई 20-20 जैसी हो गई है. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आपको हमने साढ़े चार दिन दिए. यहां आपको जवाब देना है तो अब आप इसे 20-20 कह रहे हैं? तो क्या आपकी पिछली बहस टेस्ट मैच थी? सुशील जैन ने कहा कि हमारा दावा आंतरिक अहाते को लेकर है, क्योंकि बाहर तो हमारा अधिकार और कब्ज़ा था ही. हमने बाहर के पजेशन के लिए अर्ज़ी नहीं लगाई है क्योंकि वह तो पहले से ही हमारे पास था.
- ndtv.in
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Ayodhya Case: मुस्लिम पक्ष से रामलला विराजमान का सवाल, मुगलों ने क्या मस्जिद बनाने के लिए ईदगाह गिराई थी?
- Wednesday October 16, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
अयोध्या केस (Ayodhya Case) में मंगलवार को 35 वें दिन की सुनवाई हुई. अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में संविधान पीठ के समक्ष हिन्दू पक्ष की ओर से परासरण ने भगवद्गीता का श्लोक उद्धृत करते हुए कहा कि पापकर्म की बदनामी मृत्यु से भी निकृष्ट है. लोगों का अगर किसी भूमि स्थान पर अलौकिक शक्तिशाली और ऊर्जा होने का विश्वास और श्रद्धा है तो वह भी कानूनी व्यक्ति हो जाता है. यानी उसे संकट के समय अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए अदालत जाने का हक है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन गुणों की घोषणा स्वयंभू है या किसी ने की है. हिन्दू सनातन दर्शन में तो पांच तत्व धरती, गगन, अग्नि, वायु और जल के साथ दसों दिशाओं की पूजा होती है. श्री देवी भू देवी भी पूजित हैं. परासरण की दलीलें पूरी होने के बाद रामलला की ओर से सी वैद्यनाथन ने दलीलें शुरू कीं. उन्होंने मुस्लिम पक्षकारों की दलील को खारिज किया कि विवादित स्थल पर कोई मंदिर नहीं था.
- ndtv.in
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Ayodhya Case : मुस्लिम पक्ष ने कहा- मस्जिद में कहीं मूर्ति हो, तस्वीरें बनी हों तो भी नमाज जायज
- Wednesday October 16, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
अयोध्या केस (Ayodhya Cace) में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को 34 वें दिन की सुनवाई हुई. अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में मुस्लिम पक्षकारों की दलील पूरी होने के बाद हिंदू पक्षकारों की ओर से परासरण ने जवाब शुरू किया. परासरण ने कहा कि हिन्दू मान्यताओं में परम ईश्वर तो एक ही है लेकिन लोग अलग-अलग रूप, आकार और मंदिरों में उसकी अलग-अलग तरह से पूजा-उपासना करते हैं. हिन्दू उपासना स्थलों के आकार-प्रकार और वास्तु विन्यास अलग-अलग हैं, कहीं मूर्तियों के साथ तो कहीं बिना मूर्तियों के. कहीं साकार तो कहीं निराकार रूप में उपासना की पद्धति प्रचलित है. बस इन विविधताओं के बीच समानता यही है कि लोग दिव्यता या देवता की पूजा करते हैं. मंदिरों के वास्तु और पूजा पद्धति भी अलग-अलग है. आप एक खांचे या फ्रेम में हिन्दू मंदिरों को नहीं बांध सकते.
- ndtv.in
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अयोध्या विवाद को बातचीत से सुलझाने के लिए मध्यस्थता की कोशिश फिर शुरू, मीटिंग हुई
- Friday September 27, 2019
- Reported by: कमाल खान, Edited by: सूर्यकांत पाठक
अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को बातचीत से हल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मध्यस्थता के लिए पहली मीटिंग आज शुरू हो गई. सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और निर्वाणी अखाड़े ने मध्यस्थता करने वाली पुरानी कमेटी से इसे दुबारा शुरू करने का अनुरोध किया था. यही नहीं देश के तमाम मुस्लिम समाजसेवी और बुद्धिजीवी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को एक ज्ञापन देने की तैयारी कर रहे हैं. उसमें उनसे मांग की जाएगी कि वे इस पर लचीला रुख अपनाकर मसले को सुलह से निपटाने में मदद करें.
- ndtv.in
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अयोध्या: धन्नीपुर में मस्जिद बनाने के लिए नहीं है पैसा, IICF को अब खाड़ी देशों से है उम्मीद
- Friday December 6, 2024
- Written by: राजेश कुमार आर्य
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मस्जिद बनाने के लिए मुस्लिम पक्ष को अयोध्या के धन्नीपुर में 5 एकड़ जमीन दी गई. इसके लिए इंडो इस्लामिक कल्चरण फाउंडेशन का गठन 5 साल पहले किया गया. वहां मस्जिद के साथ अस्पताल, संग्रहालय और कम्युनिटी किचन भी बनाया जाना है.
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अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में बरी किए जाने के खिलाफ उच्च न्यायालय में सुनवाई आज
- Wednesday January 13, 2021
- Reported by: भाषा
इलाहाबाद उच्च न्यायालय अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत सभी 32 दोषियों को बरी किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा.
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SC के वकील ने राम मंदिर ट्रस्ट को लिखा खत: बाबरी मस्जिद के पास कब्रिस्तान की जमीन छोड़ दी जाए
- Tuesday February 18, 2020
- Reported by: भाषा
मुस्लिमों के मुताबिक बाबरी मस्जिद वाले इलाके में ‘गंज शहीदान’नाम का एक कब्रिस्तान है जहां अयोध्या में 1885 में हुए दंगों में जान गंवाने वाले 75 मुस्लिमों को दफनाया गया था
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Ayodhya Case: हिंदू महासभा भी SC में दाखिल करेगी रिव्यू पिटिशन, कोर्ट के इस फैसले को देगी चुनौती
- Monday December 9, 2019
- Edited by: आरिफ खान मंसूरी
वहीं, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने मांग की कि सुन्नी वक्फ बोर्ड (Sunni Waqf Board) को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या (Ayodhya) की नगर पालिका की सीमा से बाहर जमीन आवंटित की जाए.
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21 नवंबर को अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के लिए निकलेगी राम बारात
- Wednesday November 20, 2019
- Reported by: IANS
राम बारात इस साल 21 नवंबर को अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के लिए रवाना होगी. इस साल सुप्रीम कोर्ट से राममंदिर के पक्ष में आए फैसले के बाद बारात और धूमधाम से निकाली जाएगी.
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Ayodhya Case: असदुद्दीन ओवैसी बोले- सुप्रीम कोर्ट का फैसला किसी भी तरह से ‘पूरा न्याय’ नहीं
- Wednesday November 20, 2019
- Reported by: भाषा
गत नौ नवम्बर को उच्चतम न्यायालय ने सर्वसम्मति के फैसले में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम लला को सौंपने के निर्देश दिये थे.
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राम जन्मभूमि मामला: गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को चौकन्ना रहने के लिए कहा
- Thursday November 7, 2019
- Reported by: भाषा
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के मद्देनजर सभी राज्यों से चौकन्ना रहने के लिए कहा है. एक अधिकारी के हवाले से यह जानकारी मिली है. बता दें कि इससे पहले जानकारी मिली थी कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर फैसला आने से पहले फैजाबाद पुलिस ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पर नजर रखने के लिए 16 हजार स्वयंसेवियों को तैनात किया है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी थी.
- ndtv.in
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अयोध्या केस में फैसले से पहले RSS ने बनाई अग्रिम रणनीति, BJP के संगठन मंत्री बीएल संतोष भी बैठक में पहुंचे
- Friday November 1, 2019
- आईएएनएस
अयोध्या जमीन विवाद पर 17 नवंबर से पहले सुप्रीम कोर्ट के संभावित फैसले के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अग्रिम रणनीति बनाने में जुटा है.
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Ayodhya Case : सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा 16 अक्टूबर को खत्म हो सकती है सुनवाई
- Wednesday October 16, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सोमवार को अयोध्या केस (Ayodhya Case) की सुनवाई करते हुए कहा है कि इस केस की सुनवाई बुधवार को भी खत्म हो सकती है. यानी कि 17 अक्टूबर की जगह 16 अक्टूबर को ही अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले की सुनवाई पूरी हो सकती है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने चार अक्टूबर को अयोध्या केस (Ayodhya Case) में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के मामले की 37 वें दिन की सुनवाई के दौरान कहा था कि 17 अक्टूबर तक इस मामले की सुनवाई पूरी होगी.
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Ayodhya Case: मुस्लिम पक्ष का सवाल- कुछ अंश दूसरे धर्म के मिलें तो क्या 450 साल पुरानी मस्जिद अवैध हो जाएगी?
- Wednesday October 16, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में 38वें दिन की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले में जस्टिस खान और जस्टिस शर्मा की राय एक-दूसरे से अलग थी. जस्टिस खान ने कहा था कि मस्जिद बनाने के लिए किसी स्ट्रक्चर को ध्वस्त नहीं किया गया था. जबकि जस्टिस शर्मा की राय इससे अलग थी. धवन ने कहा जिलानी ने सही कहा था कि 1885 से पहले के किसी भी दस्तावेज़ को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. सन 1885 से पहले के जो दस्तावेज़ हिन्दू पक्ष के पास हैं वह सिर्फ विदेशी यात्रियों की किताब, स्कंद पुराण और दूसरी किताबें हैं.
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Ayodhya Case : सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की मियाद घटाई, अब सिर्फ चार दिन और होगी बहस
- Wednesday October 16, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने शुक्रवार को अयोध्या केस (Ayodhya Case) में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के मामले की 37 वें दिन की सुनवाई करते हुए कहा कि 17 अक्टूबर तक इस मामले की सुनवाई पूरी होगी. उन्होंने अयोध्या के इस मामले से संबंधित ने सभी पक्षों से कहा कि 17 अक्टूबर तक बहस पूरी करें. पहले सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी पक्षों को 18 अक्टूबर तक बहस पूरी करने के लिए कहा था. इस केस में 14 अक्टूबर को मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन बहस जारी रखेंगे. बाकी सब पक्षकार 15-16 को दलीलें देंगे और 17 अक्टूबर को सुनवाई पूरी होगी. यानी अब सिर्फ चार दिन ही सुनवाई होनी है.
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Ayodhya Case : निर्मोही अखाड़े ने कहा- अब सुनवाई 'टी-20' जैसी हो गई, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई लताड़
- Wednesday October 16, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
अयोध्या केस (Ayodhya Case) में सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर गुरुवार को 36वें दिन सुनवाई हुई. कोर्ट में निर्मोही अखाड़े की ओर से सुशील जैन ने कहा कि अब यह सुनवाई 20-20 जैसी हो गई है. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आपको हमने साढ़े चार दिन दिए. यहां आपको जवाब देना है तो अब आप इसे 20-20 कह रहे हैं? तो क्या आपकी पिछली बहस टेस्ट मैच थी? सुशील जैन ने कहा कि हमारा दावा आंतरिक अहाते को लेकर है, क्योंकि बाहर तो हमारा अधिकार और कब्ज़ा था ही. हमने बाहर के पजेशन के लिए अर्ज़ी नहीं लगाई है क्योंकि वह तो पहले से ही हमारे पास था.
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Ayodhya Case: मुस्लिम पक्ष से रामलला विराजमान का सवाल, मुगलों ने क्या मस्जिद बनाने के लिए ईदगाह गिराई थी?
- Wednesday October 16, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
अयोध्या केस (Ayodhya Case) में मंगलवार को 35 वें दिन की सुनवाई हुई. अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में संविधान पीठ के समक्ष हिन्दू पक्ष की ओर से परासरण ने भगवद्गीता का श्लोक उद्धृत करते हुए कहा कि पापकर्म की बदनामी मृत्यु से भी निकृष्ट है. लोगों का अगर किसी भूमि स्थान पर अलौकिक शक्तिशाली और ऊर्जा होने का विश्वास और श्रद्धा है तो वह भी कानूनी व्यक्ति हो जाता है. यानी उसे संकट के समय अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए अदालत जाने का हक है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन गुणों की घोषणा स्वयंभू है या किसी ने की है. हिन्दू सनातन दर्शन में तो पांच तत्व धरती, गगन, अग्नि, वायु और जल के साथ दसों दिशाओं की पूजा होती है. श्री देवी भू देवी भी पूजित हैं. परासरण की दलीलें पूरी होने के बाद रामलला की ओर से सी वैद्यनाथन ने दलीलें शुरू कीं. उन्होंने मुस्लिम पक्षकारों की दलील को खारिज किया कि विवादित स्थल पर कोई मंदिर नहीं था.
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Ayodhya Case : मुस्लिम पक्ष ने कहा- मस्जिद में कहीं मूर्ति हो, तस्वीरें बनी हों तो भी नमाज जायज
- Wednesday October 16, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
अयोध्या केस (Ayodhya Cace) में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को 34 वें दिन की सुनवाई हुई. अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में मुस्लिम पक्षकारों की दलील पूरी होने के बाद हिंदू पक्षकारों की ओर से परासरण ने जवाब शुरू किया. परासरण ने कहा कि हिन्दू मान्यताओं में परम ईश्वर तो एक ही है लेकिन लोग अलग-अलग रूप, आकार और मंदिरों में उसकी अलग-अलग तरह से पूजा-उपासना करते हैं. हिन्दू उपासना स्थलों के आकार-प्रकार और वास्तु विन्यास अलग-अलग हैं, कहीं मूर्तियों के साथ तो कहीं बिना मूर्तियों के. कहीं साकार तो कहीं निराकार रूप में उपासना की पद्धति प्रचलित है. बस इन विविधताओं के बीच समानता यही है कि लोग दिव्यता या देवता की पूजा करते हैं. मंदिरों के वास्तु और पूजा पद्धति भी अलग-अलग है. आप एक खांचे या फ्रेम में हिन्दू मंदिरों को नहीं बांध सकते.
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अयोध्या विवाद को बातचीत से सुलझाने के लिए मध्यस्थता की कोशिश फिर शुरू, मीटिंग हुई
- Friday September 27, 2019
- Reported by: कमाल खान, Edited by: सूर्यकांत पाठक
अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को बातचीत से हल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मध्यस्थता के लिए पहली मीटिंग आज शुरू हो गई. सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और निर्वाणी अखाड़े ने मध्यस्थता करने वाली पुरानी कमेटी से इसे दुबारा शुरू करने का अनुरोध किया था. यही नहीं देश के तमाम मुस्लिम समाजसेवी और बुद्धिजीवी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को एक ज्ञापन देने की तैयारी कर रहे हैं. उसमें उनसे मांग की जाएगी कि वे इस पर लचीला रुख अपनाकर मसले को सुलह से निपटाने में मदद करें.
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