विज्ञापन
This Article is From Aug 25, 2017

सात क्षेत्र, जिनमें हिन्दुस्तान ने लिखी विकास की नई इबारत...

आज हम जानें कि विभिन्न क्षेत्रों में हमने क्या और कैसा विकास किया. आइए जानें विभिन्न क्षेत्रों में हासिल किए कुछ माइलस्टोन्स...

सात क्षेत्र, जिनमें हिन्दुस्तान ने लिखी विकास की नई इबारत...
देश से पूरी तरह से पोलियो का उन्मूलन किया गया .. (प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली: 15 अगस्त 1947 के बाद देश ने विकास की अपनी नई इबारत लिखनी शुरू की. देश को आजादी के बाद अपने लिए एकदम नए रास्ते खोजने थे और नए तरीके से देश का समुचित विकास करना था. ऐसे में देश को सही राजनीतिक, सामाजिक दिशा देने के अलावा देश की अर्थव्यवस्था को भी सही दिशा दिए जाने की जरूरत थी. हालांकि कुछ लोग मानते हैं कि विकास की गति धीमी रही लेकिन कुछ मानते हैं कि यह गति संतोषजनक रही. चलिए आज हम जानें कि विभिन्न क्षेत्रों में हमने क्या और कैसा विकास किया. आइए जानें विभिन्न क्षेत्रों में हासिल किए कुछ माइलस्टोन्स:

एशिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी भारत की अर्थव्यवस्था 2.7 लाख करोड़ रुपये थी जोकि 57 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार गई. किसी देश  की इकॉनमी में उस देश का विदेश मुद्रा भंडार मायने रखता है और बता दें कि देश का विदेशी मुद्रा  भंडार 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आंकड़ा पार कर चुका है. भारत चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है और कपास का तीसरा जबकि दालों के मामले में हम सबसे बड़े उत्पादक और उपभोक्ता बन चुका है.

पढ़ें : आजादी के 70 साल : इन 7 राजनेताओं की हत्याओं से सहमा देश

भारत आजादी के वक्त शिक्षा के क्षेत्र में बेहद पिछड़ा था और इसे रफ्तार देने के लिए मजबूत रणनीति, रोडमैप और इसे तरीके से लागू करने की जरूरत थी. इस मामले में हमने लंबा सफर तय किया है. स्वतंत्रता के समय जो साक्षरता दर 12 फीसदी थी वह 74 फीसदी की दर पार कर चुकी है. 2011 की जनगणना के मुताबिक, पुरुषों की साक्षरता दर 82.14 फीसदी है जबकि महिलाओं की 65.46 फीसदी है. देश ने हरित क्रांति और श्वेत क्रांति जैसी महत्वपूर्ण क्रांतियां देखी जिससे भारत अनाज और दुग्ध उत्पादन में काफी आगे निकल गया.

भारतीय परिवहन नेटवर्क की बात करें तो आप हैरान रह जाएंगे. आज की तारीख में यह दुनिया के सबसे बड़े परिवहन नेटवर्कों में से एक है. इसकी सड़कों की कुल लंबाई 1951 ई0 में 0.399 मिलियन किलोमीटर थी जो जुलाई 2014 में बढ़कर 4.24 मिलियन किलोमीटर हो गई. राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 24,000 किलोमीटर (1947-69) थी, सरकारी प्रयासों से (2014) राज्य राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों के नेटवर्क का 92851 किलोमीटर विस्तार हो गया है. किसी देश के लिए उसकी सड़कें उसके औद्योगिक ही नहीं  बल्कि चहुमुखी विकास में योगदान देती है. 

पढ़ें- आजादी के 70 साल : वे सात कंपनियां जिन्होंने सफलता के परचम फहराए...

आपको याद होगा कुछ साल पहले सरकार द्वारा शुरू की गई पोलिया मुक्त भारत की पहल. एक लंबे संघर्ष के बाद भारत को आखिरकार एक पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया गया. इसके अलावा बच्चों में कुपोषण 1979 में 67% से घटकर 2006 में 44% हो गया. वहीं, तमाम कोशिशों के बाद 2009 में टीबी के मामलों की संख्या घटकर 185 पर पहुंच गई. एक अनुमान के मुताबिक, देश में एचआईवी संक्रमित लोगों के मामलों में भी कमी देखी गई है.

रोशन देश और रोशन गांव शहर के पीछे देश के नीति निर्माताओं और जमीनी स्तर पर कार्यों को अंजाम देने वाले प्रशासन की मेहनत है. आजादी के बाद के हालात से आप वाकिफ होंगे और ऐसे में आज की तारीख में जबकि भारत एशिया में बिजली का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश बन गया है, हमने इस मुकाम तक आने में लंबा रास्ता तय किया. 1947 में 1,362 मेगावॉट से बिजली की उत्पादन क्षमता 2004 तक बढ़कर 1,13,506 मेगावॉट हो चुकी है. वहीं, सरकार गांवों तक बिजली पहुंचाने में भी कामयाब रही है. इस सिलसिले को जारी रखा गया है और अभी और दूर दराज के इलाकों तक जारी रखा गया है. भारत सरकार के 2013 के आंकड़ों के मुताबिक, सरकार 5,93,732 गांवों में बिजली उपलब्ध कराने में कामयाब रही थी.

पढ़ें : आजादी के 70 साल : भयावह त्रासदियां, जिनसे दहल उठा था देश...

आजादी के बाद देश में मौजूद विकराल गरीबी से लड़ने वाले भारत देश ने इन 70 सालों में मिसाइल कार्यक्रमों में अपना लोहा मनवाया. दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को रक्षा प्रणाली में शामिल किया. देश ने 1975 में अपने पहले उपग्रह आर्यभट्ट को स्थापित किया. इसके बाद एक के बाद एक कई सफलतापूर्वक विदेशी उपग्रहों का शुभारंभ किया. मंगल ग्रह का पहला मिशन नवंबर 2013 में लॉन्च किया गया था, जो सफलतापूर्वक 24 सितंबर 2014 को ग्रह की कक्षा में पहुंचा. 

आज देश सूचना प्रौद्योगिकी के मामले में बेहद आगे बढ़ चुका है बल्कि इस देश के दिग्गज विदेशों में भी परचम फहरा चुके हैं. आजादी के बाद सर्वाधिक तेजी से विकास सूचना प्रौद्योगिकी में हुआ है. कई मल्टीनेशनल कंपनियां भारत में अपनी टेली सेवाओं और आईटी सेवाओं को आउटसोर्स करती हैं. आईटी फील्ड में हजारों की संख्या में नौकरियां पैदा हुईं जिससे रोजगार बढ़ा. टीसीएस से लेकर इंफोसिस जैसी कंपनियां आज आईटी के क्षेत्र में छाई हुई हैं. 

इनपुट : एजेंसियां

क्लिक करें: आजादी@70 पर हमारी खास पेशकश

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com