Assam Bjp Election Strategy
- सब
- ख़बरें
-
'मिशन-2026' में फतह का BJP का पूरा प्लान तैयार, अमित शाह बंगाल से करेंगे शुरुआत
- Tuesday December 2, 2025
अमित शाह पश्चिम बंगाल से दौरों की शुरुआत करेंगे. इसके बाद जनवरी से लेकर आचार संहिता लागू होने तक वह हर महीने कम से कम दो दिन पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में बिताएंगे.
-
ndtv.in
-
हिमंत सरकार ने दंगों की जो फाइलें खोली हैं, उससे 2026 में क्या हो सकता है? संभावित चुनावी तस्वीर समझें
- Friday November 28, 2025
हिमंत सरकार का 1983 के दंगों की रिपोर्टें विधानसभा में रखना एक सीधा संदेश है कि 'असम की पहचान पर खतरा पहले भी था, आज भी है.' अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में इन रिपोर्ट्स से बांग्लादेशी मुसलमानों के खिलाफ भावनाएं फिर जा सकती हैं.
-
ndtv.in
-
असम में हिमंत सरकार पुराने दंगों के रिपोर्ट क्यों निकाल रही है? इसका 2026 के विधानसभा चुनाव पर क्या असर होगा?
- Friday November 28, 2025
असम आंदोलन के दौरान अवैध प्रवासियों, खासकर बांग्लादेशी मुसलमानों के खिलाफ राज्य में व्यापक विरोध था. दंगे से जुड़े इन रिपोर्ट्स को सार्वजनिक कर हिमंत सरकार ने 2026 में होने वाले असम विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में राजनीतिक माहौल को गरम कर दिया है.
-
ndtv.in
-
126 में से 100+ सीटें जीतने की रणनीति, बिहार के बाद अब असम के लिए BJP ने बनाया यह प्लान
- Sunday November 23, 2025
2026 में असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होना है. इसमें सबसे पहले असम में चुनाव होगा. BJP इसकी तैयारी में जुट चुकी है.
-
ndtv.in
-
रंजन गोगोई को राज्यसभा भेजने के पीछे क्या है असली मकसद, आखिर क्यों जोखिम लिया मोदी सरकार ने
- Tuesday March 17, 2020
पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा में नामित करने के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं. इन सवालों के पीछे उनके अयोध्या और राफेल मामलों पर सुनाए गए फैसले हैं. आपको बता दें कि रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के उन चार जजों में शामिल रहे हैं जिन्होंने उस समय के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उनके पर पक्षपात के आरोप लगाए थे. इसके बाद रंजन गोगोई एक तरह से नायक बनकर सामने आए क्योंकि माना जा रहा था कि इसके बाद वह देश का प्रधान न्यायाधीश बनने का मौका खो सकते हैं. इन चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस एक तरह से मोदी सरकार को भी लपेट रही थी और यह पीएम मोदी के आलोचकों के लिए एक तरह से हथियार साबित हुई.
-
ndtv.in
-
'मिशन-2026' में फतह का BJP का पूरा प्लान तैयार, अमित शाह बंगाल से करेंगे शुरुआत
- Tuesday December 2, 2025
अमित शाह पश्चिम बंगाल से दौरों की शुरुआत करेंगे. इसके बाद जनवरी से लेकर आचार संहिता लागू होने तक वह हर महीने कम से कम दो दिन पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में बिताएंगे.
-
ndtv.in
-
हिमंत सरकार ने दंगों की जो फाइलें खोली हैं, उससे 2026 में क्या हो सकता है? संभावित चुनावी तस्वीर समझें
- Friday November 28, 2025
हिमंत सरकार का 1983 के दंगों की रिपोर्टें विधानसभा में रखना एक सीधा संदेश है कि 'असम की पहचान पर खतरा पहले भी था, आज भी है.' अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में इन रिपोर्ट्स से बांग्लादेशी मुसलमानों के खिलाफ भावनाएं फिर जा सकती हैं.
-
ndtv.in
-
असम में हिमंत सरकार पुराने दंगों के रिपोर्ट क्यों निकाल रही है? इसका 2026 के विधानसभा चुनाव पर क्या असर होगा?
- Friday November 28, 2025
असम आंदोलन के दौरान अवैध प्रवासियों, खासकर बांग्लादेशी मुसलमानों के खिलाफ राज्य में व्यापक विरोध था. दंगे से जुड़े इन रिपोर्ट्स को सार्वजनिक कर हिमंत सरकार ने 2026 में होने वाले असम विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में राजनीतिक माहौल को गरम कर दिया है.
-
ndtv.in
-
126 में से 100+ सीटें जीतने की रणनीति, बिहार के बाद अब असम के लिए BJP ने बनाया यह प्लान
- Sunday November 23, 2025
2026 में असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होना है. इसमें सबसे पहले असम में चुनाव होगा. BJP इसकी तैयारी में जुट चुकी है.
-
ndtv.in
-
रंजन गोगोई को राज्यसभा भेजने के पीछे क्या है असली मकसद, आखिर क्यों जोखिम लिया मोदी सरकार ने
- Tuesday March 17, 2020
पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा में नामित करने के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं. इन सवालों के पीछे उनके अयोध्या और राफेल मामलों पर सुनाए गए फैसले हैं. आपको बता दें कि रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के उन चार जजों में शामिल रहे हैं जिन्होंने उस समय के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उनके पर पक्षपात के आरोप लगाए थे. इसके बाद रंजन गोगोई एक तरह से नायक बनकर सामने आए क्योंकि माना जा रहा था कि इसके बाद वह देश का प्रधान न्यायाधीश बनने का मौका खो सकते हैं. इन चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस एक तरह से मोदी सरकार को भी लपेट रही थी और यह पीएम मोदी के आलोचकों के लिए एक तरह से हथियार साबित हुई.
-
ndtv.in