Agricultural Laws Disputes
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कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद किसानों का आंदोलन समझ से परे : केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का बयान
- Wednesday November 24, 2021
उन्होंने दावा किया कि भाजपा के शासनकाल में जितने विकास कार्य हुए हैं, उतने पहले कभी नहीं हुए.सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर किसानों का सम्मान रखा है .
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BSF के क्षेत्राधिकार विस्तार और कृषि कानूनों का पंजाब में कार्यान्वयन नहीं चाहता है अकाली दल
- Sunday November 7, 2021
केंद्र सरकार ने हाल ही में सीमा सुरक्षा बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किमी के दायरे तक तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने के लिए अधिकृत करने के लिए बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया था.
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कृषि सुधार कानूनों की आलोचना विपक्ष की ‘बौद्धिक बेईमानी’, ‘राजनीतिक धोखाधड़ी’ : पीएम मोदी
- Sunday October 3, 2021
पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों का एक वर्ग इन कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने की मांग को लेकर लगभग 10 महीने से राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं व देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं.
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किसानों के साथ चर्चा उन्हें कृषि कानूनों के फायदों के बारे में बताने का अवसर : पीयूष गोयल
- Wednesday January 6, 2021
गोयल ने कहा, ‘‘चीजों को देखने का हमेशा अलग-अलग नजरिया होता है. कोई अच्छा काम आसान नहीं होता और मुश्किलें हमेशा आएंगी. हर काम में समस्या आती है, लेकिन सबकुछ इसपर निर्भर करता है कि हम चीजों को कैसे देखते हैं और उनसे किस तरीके से निपटते हैं. सबकुछ नजरिए पर निर्भर है.’’
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किसान आंदोलन: दिल्ली सीमा से सटे कई मार्ग बंद, ट्रैफिक पुलिस ने जारी किया अलर्ट
- Thursday December 31, 2020
सरकार और किसान संगठनों के बीच बुधवार को हुई छठे दौर की वार्ता में बिजली संशोधन विधेयक 2020 और एनसीआर एवं इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के संबंध में जारी अध्यादेश संबंधी आशंकाओं को दूर करने को लेकर सहमति बन गई. प्रदर्शन कर रहे किसानों के 41 सदस्यी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि चार विषयों में से दो मुद्दों पर पारस्परिक सहमति के बाद 50 प्रतिशत समाधान हो गया है और शेष दो मुद्दों पर चार जनवरी को चर्चा होगी.
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केरल विधानसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित, केंद्र से की तीनों कानून रद्द करने की मांग
- Thursday December 31, 2020
विजयन ने प्रस्ताव पेश करते हुए नए कानूनों को तत्काल वापस लिए जाने की मांग की और कहा कि देश किसानों द्वारा किए इतिहास के अब तक के सबसे प्रभावशाली प्रदर्शनों में से एक को देख रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र के कृषि कानून ‘‘ किसान-विरोधी’’ और ‘‘कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने वाले’’ हैं. विजयन ने कहा कि प्रदर्शन के अंतिम 35 दिन में कम से कम 32 किसानों की जान गई है.
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तीनों ‘काले कानून’ खत्म कर किसानों को नए साल की सौगात दे सरकार: कांग्रेस
- Wednesday December 30, 2020
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम मांग कर रहे हैं कि सरकार अपना हठ छोड़े. तीनों काले कानून खत्म करें और इसके बाद नए सिरे से किसान मजदूर को नए साल की सौगात दें. सरकार के पास नयी शुरुआत का मौका है.’’ उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र और हरियाणा प्रदेश की भाजपा सरकारें जनता के बीच विश्वास खो चुकी है.
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किसान आंदोलन पर बोले BJP सांसद साक्षी महाराज - असली किसान तो खेतों में काम कर रहा है
- Wednesday December 30, 2020
आंदोलन कर रहे किसान वास्तव में किसान हैं कि नहीं इस बात का सर्वेक्षण होना चाहिए. साक्षी महाराज ने कहा कि असली किसान तो खेतों में काम कर रहा है. हरिद्वार में कुंभ मेले की तैयारियों का निरीक्षण कर दिल्ली जा रहे उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज ने यहां सदर स्थित शनि पीठाधीश्वर महेंद्र दास जी के आवास पर मीडिया से बातचीत में कहा कि देश में उत्पात सिर्फ सिंघू बॉर्डर पर हो रहा है. किसान आंदोलन में शामिल नहीं हैं.
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नए कृषि कानूनों के विरोध में नोएडा में कई स्थानों पर जारी है किसानों का धरना-प्रदर्शन
- Tuesday December 29, 2020
जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया, ‘‘अपर जिलाधिकारी दिवाकर सिंह ने किसानों को भूमि संबंधित कानूनों के बारे में जानकारी दी और भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया.’’ ग्रेटर नोएडा में किसान संघर्ष समिति का विभिन्न मांगों को लेकर शुरू किया गया धरना भी आज जारी रहा.
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अन्ना हजारे की मोदी सरकार को चेतावनी, किसानों के मुद्दों को लेकर जनवरी में आंदोलन शुरू करेंगे
- Tuesday December 29, 2020
उन्होंने कहा, ‘‘किसानों से संबंधित विभिन्न मांगों को लेकर मैं पहली बार 21 मार्च, 2018 को दिल्ली के रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठा था.’’ हजारे ने कहा, ‘‘सातवें दिन, तत्कालीन कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस मुझसे मिलने आए. उस समय उन्होंने मांगों को स्वीकार करते हुए लिखित आश्वासन दिया, लेकिन वे कभी पूरे नहीं हुए.’’
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अन्ना हजारे ने केन्द्र के किसानों की मांग पूरी ना करने पर ‘अंतिम प्रदर्शन’ की दी धमकी
- Monday December 28, 2020
अन्ना हजारे ने 14 दिसम्बर को केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि एम. एस. स्वामीनाथन समिति की अनुशंसाओं को लागू करने और कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) को स्वायत्तता प्रदान करने संबंधी उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो वह भूख हड़ताल करेंगे.
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कांग्रेस स्थापना दिवस पर बोलीं प्रियंका गांधी- किसानों की आवाज सुनें और तीनों कानूनों को वापस ले सरकार
- Monday December 28, 2020
प्रियंका ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार को किसानों की आवाज सुननी चाहिए. यह कहना एकदम गलत है कि यह (आंदोलन) राजनीतिक साजिश है. जिस तरह के शब्द ये किसानों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, वो पाप है. किसान का बेटा सीमा पर खड़ा है. किसान देश का अन्नदाता है.’’
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किसानों के मुद्दे को लेकर सरकार के रवैये पर शिवसेना का निशाना, कहा- ‘किसान देश की रीढ़ हैं’
- Wednesday December 23, 2020
राउत ने कहा, “किसान हमारे देश की रीढ़ हैं लेकिन कुछ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए उन्हें कमजोर किया जा रहा है.” राउत ने दावा किया कि आंदोलन के दौरान अब तक 12 किसानों की मौत हो चुकी है. उन्होंने केंद्र सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा, “अपना अहंकार त्याग कर किसानों से बात कीजिए. मैं हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं.”
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शीतकालीन सत्र रद्द होने पर भड़के शिवसेना MP, बोले- किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने से कतरा रही सरकार
- Sunday December 20, 2020
शिवसेना के मुखपत्र ''सामना'' में अपने साप्ताहिक लेख “रोकटोक” में राउत ने ऐसे समय में सेंट्रल विस्टा परियोजना पर एक हजार करोड़ रुपये खर्च करने की जरूरत पर भी सवाल उठाए जब नरेन्द्र मोदी सरकार चचा कराने और संसद सत्र बुलाने की इच्छुक नहीं दिख रही है.
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कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद किसानों का आंदोलन समझ से परे : केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का बयान
- Wednesday November 24, 2021
उन्होंने दावा किया कि भाजपा के शासनकाल में जितने विकास कार्य हुए हैं, उतने पहले कभी नहीं हुए.सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर किसानों का सम्मान रखा है .
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BSF के क्षेत्राधिकार विस्तार और कृषि कानूनों का पंजाब में कार्यान्वयन नहीं चाहता है अकाली दल
- Sunday November 7, 2021
केंद्र सरकार ने हाल ही में सीमा सुरक्षा बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किमी के दायरे तक तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने के लिए अधिकृत करने के लिए बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया था.
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कृषि सुधार कानूनों की आलोचना विपक्ष की ‘बौद्धिक बेईमानी’, ‘राजनीतिक धोखाधड़ी’ : पीएम मोदी
- Sunday October 3, 2021
पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों का एक वर्ग इन कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने की मांग को लेकर लगभग 10 महीने से राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं व देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं.
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किसानों के साथ चर्चा उन्हें कृषि कानूनों के फायदों के बारे में बताने का अवसर : पीयूष गोयल
- Wednesday January 6, 2021
गोयल ने कहा, ‘‘चीजों को देखने का हमेशा अलग-अलग नजरिया होता है. कोई अच्छा काम आसान नहीं होता और मुश्किलें हमेशा आएंगी. हर काम में समस्या आती है, लेकिन सबकुछ इसपर निर्भर करता है कि हम चीजों को कैसे देखते हैं और उनसे किस तरीके से निपटते हैं. सबकुछ नजरिए पर निर्भर है.’’
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किसान आंदोलन: दिल्ली सीमा से सटे कई मार्ग बंद, ट्रैफिक पुलिस ने जारी किया अलर्ट
- Thursday December 31, 2020
सरकार और किसान संगठनों के बीच बुधवार को हुई छठे दौर की वार्ता में बिजली संशोधन विधेयक 2020 और एनसीआर एवं इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के संबंध में जारी अध्यादेश संबंधी आशंकाओं को दूर करने को लेकर सहमति बन गई. प्रदर्शन कर रहे किसानों के 41 सदस्यी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि चार विषयों में से दो मुद्दों पर पारस्परिक सहमति के बाद 50 प्रतिशत समाधान हो गया है और शेष दो मुद्दों पर चार जनवरी को चर्चा होगी.
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केरल विधानसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित, केंद्र से की तीनों कानून रद्द करने की मांग
- Thursday December 31, 2020
विजयन ने प्रस्ताव पेश करते हुए नए कानूनों को तत्काल वापस लिए जाने की मांग की और कहा कि देश किसानों द्वारा किए इतिहास के अब तक के सबसे प्रभावशाली प्रदर्शनों में से एक को देख रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र के कृषि कानून ‘‘ किसान-विरोधी’’ और ‘‘कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने वाले’’ हैं. विजयन ने कहा कि प्रदर्शन के अंतिम 35 दिन में कम से कम 32 किसानों की जान गई है.
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तीनों ‘काले कानून’ खत्म कर किसानों को नए साल की सौगात दे सरकार: कांग्रेस
- Wednesday December 30, 2020
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम मांग कर रहे हैं कि सरकार अपना हठ छोड़े. तीनों काले कानून खत्म करें और इसके बाद नए सिरे से किसान मजदूर को नए साल की सौगात दें. सरकार के पास नयी शुरुआत का मौका है.’’ उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र और हरियाणा प्रदेश की भाजपा सरकारें जनता के बीच विश्वास खो चुकी है.
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किसान आंदोलन पर बोले BJP सांसद साक्षी महाराज - असली किसान तो खेतों में काम कर रहा है
- Wednesday December 30, 2020
आंदोलन कर रहे किसान वास्तव में किसान हैं कि नहीं इस बात का सर्वेक्षण होना चाहिए. साक्षी महाराज ने कहा कि असली किसान तो खेतों में काम कर रहा है. हरिद्वार में कुंभ मेले की तैयारियों का निरीक्षण कर दिल्ली जा रहे उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज ने यहां सदर स्थित शनि पीठाधीश्वर महेंद्र दास जी के आवास पर मीडिया से बातचीत में कहा कि देश में उत्पात सिर्फ सिंघू बॉर्डर पर हो रहा है. किसान आंदोलन में शामिल नहीं हैं.
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नए कृषि कानूनों के विरोध में नोएडा में कई स्थानों पर जारी है किसानों का धरना-प्रदर्शन
- Tuesday December 29, 2020
जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया, ‘‘अपर जिलाधिकारी दिवाकर सिंह ने किसानों को भूमि संबंधित कानूनों के बारे में जानकारी दी और भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया.’’ ग्रेटर नोएडा में किसान संघर्ष समिति का विभिन्न मांगों को लेकर शुरू किया गया धरना भी आज जारी रहा.
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अन्ना हजारे की मोदी सरकार को चेतावनी, किसानों के मुद्दों को लेकर जनवरी में आंदोलन शुरू करेंगे
- Tuesday December 29, 2020
उन्होंने कहा, ‘‘किसानों से संबंधित विभिन्न मांगों को लेकर मैं पहली बार 21 मार्च, 2018 को दिल्ली के रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठा था.’’ हजारे ने कहा, ‘‘सातवें दिन, तत्कालीन कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस मुझसे मिलने आए. उस समय उन्होंने मांगों को स्वीकार करते हुए लिखित आश्वासन दिया, लेकिन वे कभी पूरे नहीं हुए.’’
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अन्ना हजारे ने केन्द्र के किसानों की मांग पूरी ना करने पर ‘अंतिम प्रदर्शन’ की दी धमकी
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अन्ना हजारे ने 14 दिसम्बर को केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि एम. एस. स्वामीनाथन समिति की अनुशंसाओं को लागू करने और कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) को स्वायत्तता प्रदान करने संबंधी उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो वह भूख हड़ताल करेंगे.
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कांग्रेस स्थापना दिवस पर बोलीं प्रियंका गांधी- किसानों की आवाज सुनें और तीनों कानूनों को वापस ले सरकार
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प्रियंका ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार को किसानों की आवाज सुननी चाहिए. यह कहना एकदम गलत है कि यह (आंदोलन) राजनीतिक साजिश है. जिस तरह के शब्द ये किसानों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, वो पाप है. किसान का बेटा सीमा पर खड़ा है. किसान देश का अन्नदाता है.’’
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किसानों के मुद्दे को लेकर सरकार के रवैये पर शिवसेना का निशाना, कहा- ‘किसान देश की रीढ़ हैं’
- Wednesday December 23, 2020
राउत ने कहा, “किसान हमारे देश की रीढ़ हैं लेकिन कुछ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए उन्हें कमजोर किया जा रहा है.” राउत ने दावा किया कि आंदोलन के दौरान अब तक 12 किसानों की मौत हो चुकी है. उन्होंने केंद्र सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा, “अपना अहंकार त्याग कर किसानों से बात कीजिए. मैं हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं.”
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शीतकालीन सत्र रद्द होने पर भड़के शिवसेना MP, बोले- किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने से कतरा रही सरकार
- Sunday December 20, 2020
शिवसेना के मुखपत्र ''सामना'' में अपने साप्ताहिक लेख “रोकटोक” में राउत ने ऐसे समय में सेंट्रल विस्टा परियोजना पर एक हजार करोड़ रुपये खर्च करने की जरूरत पर भी सवाल उठाए जब नरेन्द्र मोदी सरकार चचा कराने और संसद सत्र बुलाने की इच्छुक नहीं दिख रही है.
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