किसानों के साथ चर्चा उन्हें कृषि कानूनों के फायदों के बारे में बताने का अवसर : पीयूष गोयल

मंत्री ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के साथ बातचीत को वह ऐसे अवसर के रूप में देखते हैं जिसमें किसानों, उनके परिवार और पूरे देश को इन कानूनों के फायदे के बारे में बताया जा सकता है.

किसानों के साथ चर्चा उन्हें कृषि कानूनों के फायदों के बारे में बताने का अवसर : पीयूष गोयल

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर 40 किसान संगठनों के साथ बातचीत कर रहे हैं. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने बुधवार को कहा कि किसान संगठनों (Farmer Organizations) के साथ चल रही बातचीत को वह उन्हें (किसानों को) केन्द्र के नए कृषि कानूनों (Agricultural laws) के फायदे बताने के अवसर के रूप में देख रहे हैं. गौरतलब है कि कृषि कानूनों के विरोध (Opposition to agricultural laws) में पिछले करीब एक महीने से जारी किसानों के प्रदर्शन (Farmers' demonstrations) से उत्पन्न गतिरोध को समाप्त करने के लिए पीयूष गोयल, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य राज्य मंत्री सोमप्रकाश के साथ करीब 40 किसान संगठनों के साथ बातचीत कर रहे हैं.

किसान प्रदर्शन पर SC ने जताई चिंता, कहा- हम हालात समझते हैं, बातचीत से मामला सुलझे

ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्डस के 74वें स्थापना दिवस पर खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसी भी चीज को देखने का अलग-अलग नजरिया होता है और उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि किसान संगठनों के साथ बातचीत को समस्या या अवसर किसी भी रूप में देखा जा सकता है. गोयल ने कहा, ‘‘चीजों को देखने का हमेशा अलग-अलग नजरिया होता है. कोई अच्छा काम आसान नहीं होता और मुश्किलें हमेशा आएंगी. हर काम में समस्या आती है, लेकिन सबकुछ इसपर निर्भर करता है कि हम चीजों को कैसे देखते हैं और उनसे किस तरीके से निपटते हैं. सबकुछ नजरिए पर निर्भर है.'' मंत्री ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के साथ बातचीत को वह ऐसे अवसर के रूप में देखते हैं जिसमें किसानों, उनके परिवार और पूरे देश को इन कानूनों के फायदे के बारे में बताया जा सकता है.

Video: किसानों को भड़काया जा रहा है : संजय नाथ सिंह

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)