नई दिल्ली:
भारत के मुक्केबाजी स्टार विजेंदर सिंह ने अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए आज यहां तंजानिया के फ्रांसिस चेका को दस मिनट के अंदर ही नॉकआउट करके पेशेवर मुक्केबाज के रूप में अपना अजेय अभियान जारी रखने के साथ ही डब्ल्यूबीओ एशिया पैसेफिक का अपना खिताब बरकरार रखा. विजेंदर ने त्यागराज स्टेडियम में पूर्व विश्व चैंपियन चेका के खिलाफ दस राउंड के मुकाबले के तीसरे राउंड में ही जीत दर्ज की.
उन्होंने बाद में कहा, 'मैंने इस मुकाबले के लिए मैनचेस्टर में दो महीने तक कड़ा अभ्यास किया था. मैं अपने सभी कोचों का आभार व्यक्त करता हूं. चेका ने बहुत बातें की थी, लेकिन मैं अपने मुक्कों की ताकत में विश्वास रखता हूं और मैंने वही किया'.

मैच के दौरान रिंग के इर्द-गिर्द कई हस्तियां मौजूद थीं. पांच बार की विश्व चैंपियन एमसी मेरीकोम से लेकर गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू तथा पहलवान सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त भी विजेंदर का हौसला बढ़ा रहे थे. आगे की पंक्ति में हालांकि जिस व्यक्ति ने सभी ध्यान अपनी तरफ खींचा वह योग गुरू बाबा रामदेव थे. उन्होंने सुशील के साथ स्टेडियम में कदम रखा और तालियों के साथ उनका स्वागत किया गया.

'सिंह इज किंग' की आवाजों के बीच विजेंदर के आने से पहले ही दर्शक उत्साहित दिखे. जब मुकाबला शुरू हुआ तो चेका ने थोड़ी तेजी दिखाई, लेकिन भारतीय मुक्केबाज ने जल्द ही लय हासिल कर ली और चेका को करारे अपरकट से हिलाकर रख दिया. चेका दूसरे राउंड में बैकफुट पर पहुंच गए, क्योंकि विजेंदर के करारे मुक्कों का उनके पास कोई जवाब नहीं दिख रहा था. विजेंदर ने अपनी पहुंच का भी फायदा उठाया. अपनी छोटी पहुंच के कारण जहां चेका को संतुलन बनाने में दिक्कत हो रही थी, वहीं विजेंदर ने अपने हाथों की लंबाई का अच्छा उपयोग किया.

उल्लेखनीय है कि दस राउंड के इस मुकाबले में विजेंदर का सामना अब तक के सबसे अनुभवी प्रतिद्वंद्वी से था. मुकाबले से पहले शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर वजन नापने की प्रक्रिया में विजेंदर और चेका आमने-सामने थे. विजेंदर का वजन ठीक 76 किग्रा मापा गया. इस दौरान भारतीय मुक्केबाज जहां हमेशा की तरह शांतचित था, वहीं चेका अति उत्साह में. उन्होंने घोषणा भी की, ‘‘मैं अब रिंग में ही बात करूंगा.’’ उधर, विजेंदर ने मुस्कराते हुए जवाब दिया था, ‘‘मेरा काम मुक्के जड़ना है और मैं कल (शनिवार) इसे करूंगा. यह खिताब कहीं नहीं जा रहा है.’’ (इनपुट भाषा से भी)
उन्होंने बाद में कहा, 'मैंने इस मुकाबले के लिए मैनचेस्टर में दो महीने तक कड़ा अभ्यास किया था. मैं अपने सभी कोचों का आभार व्यक्त करता हूं. चेका ने बहुत बातें की थी, लेकिन मैं अपने मुक्कों की ताकत में विश्वास रखता हूं और मैंने वही किया'.

मैच के दौरान रिंग के इर्द-गिर्द कई हस्तियां मौजूद थीं. पांच बार की विश्व चैंपियन एमसी मेरीकोम से लेकर गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू तथा पहलवान सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त भी विजेंदर का हौसला बढ़ा रहे थे. आगे की पंक्ति में हालांकि जिस व्यक्ति ने सभी ध्यान अपनी तरफ खींचा वह योग गुरू बाबा रामदेव थे. उन्होंने सुशील के साथ स्टेडियम में कदम रखा और तालियों के साथ उनका स्वागत किया गया.

'सिंह इज किंग' की आवाजों के बीच विजेंदर के आने से पहले ही दर्शक उत्साहित दिखे. जब मुकाबला शुरू हुआ तो चेका ने थोड़ी तेजी दिखाई, लेकिन भारतीय मुक्केबाज ने जल्द ही लय हासिल कर ली और चेका को करारे अपरकट से हिलाकर रख दिया. चेका दूसरे राउंड में बैकफुट पर पहुंच गए, क्योंकि विजेंदर के करारे मुक्कों का उनके पास कोई जवाब नहीं दिख रहा था. विजेंदर ने अपनी पहुंच का भी फायदा उठाया. अपनी छोटी पहुंच के कारण जहां चेका को संतुलन बनाने में दिक्कत हो रही थी, वहीं विजेंदर ने अपने हाथों की लंबाई का अच्छा उपयोग किया.

उल्लेखनीय है कि दस राउंड के इस मुकाबले में विजेंदर का सामना अब तक के सबसे अनुभवी प्रतिद्वंद्वी से था. मुकाबले से पहले शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर वजन नापने की प्रक्रिया में विजेंदर और चेका आमने-सामने थे. विजेंदर का वजन ठीक 76 किग्रा मापा गया. इस दौरान भारतीय मुक्केबाज जहां हमेशा की तरह शांतचित था, वहीं चेका अति उत्साह में. उन्होंने घोषणा भी की, ‘‘मैं अब रिंग में ही बात करूंगा.’’ उधर, विजेंदर ने मुस्कराते हुए जवाब दिया था, ‘‘मेरा काम मुक्के जड़ना है और मैं कल (शनिवार) इसे करूंगा. यह खिताब कहीं नहीं जा रहा है.’’ (इनपुट भाषा से भी)
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