संजीता चानू
- राष्ट्रमंडल खेलों में 53 किलोग्राम भार में स्वर्ण जीता था
- कुल 192 किग्रा वजन उठाया था चानू ने
- अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ ने अस्थायी रूप से निलंबित किया
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नई दिल्ली:
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर ध्रुव बत्रा ने कहा है कि भारतीय महिला भारोत्तोलक संजीता चानू के डोप मामले पर भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) से रिपोर्ट मांगी गई है. संजीता को एनाबॉलिक स्टेरॉइड टेस्टोस्टेरॉन के सेवन का दोषी पाए जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ ने अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया है. संजीता ने इस साल ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित हुए राष्ट्रमंडल खेलों में 53 किलोग्राम भार वर्ग में कुल 192 किलो वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता था और नया रिकॉर्ड बनाया था. चार साल पहले भी उन्होंने ग्लास्गो में 48 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था.
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आईओए के महासचिव राजीव मेहता ने संजीता के मामले पर कहा कि पिछले साल 27 नवम्बर को चानू का डोप टेस्ट हुआ था और राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान भी उनका डोप टेस्ट हुआ था. ऐसे में देखा जाए, तो 27 नवम्बर का संजीता का डोप टेस्ट समय सीमा से बाहर है. आईडब्ल्यूएलएफ अगर इस मामले में हमें स्पष्ट करती है, तभी हम कुछ कह सकते हैं. संजीता ने हालांकि, किसी भी प्रकार की प्रतिबंधित दवा के सेवन से इनकार किया है.
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वैसे संजीता अगर इस मामले में अपना बचाव नहीं कर पाती है तो गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में जीता गया स्वर्ण पदक उनसे छीन लिया जाएगा.
बत्रा ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संजीता के मामले में हमने महासंघ से रिपोर्ट मांगी है, लेकिन अभी तक हमारे पास कुछ नहीं आया है. हमें सारी जानकारी मीडिया से ही मिल रही है. हमारी अपनी सीमाएं हैं और इसीलिए, रिपोर्ट को देखे बिना हम कुछ नहीं कह सकते.Commonwealth Games | Good news to start off the day guys as Sanchita Chanu wins Gold for India in Women's Weightlifting (53 kg) #CWG2018 pic.twitter.com/lnkW2Ryawy
— India@Sports (@India_AllSports) April 6, 2018
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आईओए के महासचिव राजीव मेहता ने संजीता के मामले पर कहा कि पिछले साल 27 नवम्बर को चानू का डोप टेस्ट हुआ था और राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान भी उनका डोप टेस्ट हुआ था. ऐसे में देखा जाए, तो 27 नवम्बर का संजीता का डोप टेस्ट समय सीमा से बाहर है. आईडब्ल्यूएलएफ अगर इस मामले में हमें स्पष्ट करती है, तभी हम कुछ कह सकते हैं. संजीता ने हालांकि, किसी भी प्रकार की प्रतिबंधित दवा के सेवन से इनकार किया है.
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वैसे संजीता अगर इस मामले में अपना बचाव नहीं कर पाती है तो गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में जीता गया स्वर्ण पदक उनसे छीन लिया जाएगा.
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