भारत के शिव थापा (56 किग्रा) और सुमित सांगवान (81 किग्रा) ने एशियाई ओलिंपिक क्वालीफायर के फाइनल में पहुंचने के साथ ओलिंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने में सफल रहे।
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नई दिल्ली:
युवा शिव थापा (56 किग्रा) और सुमित सांगवान (81 किग्रा) ने एशियाई ओलिंपिक क्वालीफायर के फाइनल में पहुंचने के साथ ओलिंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने में सफल रहे जिससे भारत लंदन खेलों में अभूतपूर्व सात मुक्केबाजों के साथ उतरेगा।
दो अन्य भारतीय मुक्केबाज मनप्रीत सिंह (91 किग्रा) और परमजीत समोटा (91 किग्रा से अधिक) लंदन का टिकट कटाने से चूक गए जबकि पहले ही ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके विजेंदर सिंह (75 किग्रा) को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
अट्ठारह वर्षीय शिव आज ओलंपिक में जगह बनाने वाले सबसे युवा भारतीय मुक्केबाज बने। उन्होंने क्षेत्र के अंतिम क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में जापान के सातोशी सिमिजु को 31.17 से हराकर फाइनल में पहुंचने के साथ ही लंदन ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया। राष्ट्रीय कोच गुरबख्श सिंह संधू ने कहा, ‘‘उसने बेहतरीन प्रदर्शन किया। वह पहले राउंड में अधिक आक्रामक होने के कारण एक अंक से पिछड़ रहा था लेकिन उसने धैर्य बनाये रखा और अगले दो राउंड में बेहतरीन प्रदर्शन करके बड़े अंतर से जीत दर्ज की। उसने अधिकतर अंक दायें हाथ के सीधे पंच से बनाए।’’
पिछले साल 19 वर्षीय एल देवेंद्रो सिंह ने विश्व चैंपियनशिप के जरिए लंदन के लिए क्वालीफाई किया था। उनके अलावा देबेंद्र सिंह ने 1996 में 19 साल की उम्र में अटलांटा ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। वे अब तक सबसे कम उम्र में ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले मुक्केबाज थे लेकिन 1993 में जन्में शिव थापा ने उनका रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
दो अन्य भारतीय मुक्केबाज मनप्रीत सिंह (91 किग्रा) और परमजीत समोटा (91 किग्रा से अधिक) लंदन का टिकट कटाने से चूक गए जबकि पहले ही ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके विजेंदर सिंह (75 किग्रा) को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
अट्ठारह वर्षीय शिव आज ओलंपिक में जगह बनाने वाले सबसे युवा भारतीय मुक्केबाज बने। उन्होंने क्षेत्र के अंतिम क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में जापान के सातोशी सिमिजु को 31.17 से हराकर फाइनल में पहुंचने के साथ ही लंदन ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया। राष्ट्रीय कोच गुरबख्श सिंह संधू ने कहा, ‘‘उसने बेहतरीन प्रदर्शन किया। वह पहले राउंड में अधिक आक्रामक होने के कारण एक अंक से पिछड़ रहा था लेकिन उसने धैर्य बनाये रखा और अगले दो राउंड में बेहतरीन प्रदर्शन करके बड़े अंतर से जीत दर्ज की। उसने अधिकतर अंक दायें हाथ के सीधे पंच से बनाए।’’
पिछले साल 19 वर्षीय एल देवेंद्रो सिंह ने विश्व चैंपियनशिप के जरिए लंदन के लिए क्वालीफाई किया था। उनके अलावा देबेंद्र सिंह ने 1996 में 19 साल की उम्र में अटलांटा ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। वे अब तक सबसे कम उम्र में ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले मुक्केबाज थे लेकिन 1993 में जन्में शिव थापा ने उनका रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
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