पूर्व फीफा अध्यक्ष सेप ब्लाटर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
फ़ीफ़ा के पूर्व अध्यक्ष सेप ब्लाटर ने नए अध्यक्ष गियानि इनफेंटिनो को बधाई दी है। शुक्रवार को फ़ीफ़ा के नए अध्यक्ष का चुनाव इनफेंटिनो ने 115 वोट हासिल कर जीता है। इसी के साथ फ़ीफ़ा में ब्लाटर के 18 साल का राज ख़त्म हो गया।
ब्लाटर की ओर से एक न्यूज़ एजेंसी को दिए गए बयान में कहा, 'मैंने गियानी को जीत के लिए अपने दिल के कोने से बधाई दिया है।' पांच बार फ़ीफ़ा के अध्यक्ष रह चुके ब्लाटर को फ़ीफ़ा की आचरण समिति ने पैसों में गड़बड़ी के आरोप में बर्खास्त कर दिया था।
79 साल के ब्लाटर ने कहा, 'बदलाव के उपाय शुरू हुए हैं उसकी वजह से गियानी पर दबाव ज़रूर होगा लेकिन मुझे भरोसा है कि वो सभी की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे। गियानी के अनुभव, काबिलियत और रणनीति को देखते हुए लगता है कि वो मेरे द्वारा शुरू किए गए कामों को पूरा करेंगे और फ़ीफ़ा को आगे लें जाएंगे।'
वहीं चुनाव के तुरंत बाद ब्लाटर को फ़ीफ़ा द्वारा दिया गया मकान खाली करने का नोटिस जारी कर दिया गया। फ़ीफ़ा के मुताबिक अगर वो मकान खाली नहीं करते हैं तो उन्हें किराया देना पड़ेगा। फिलहाल ब्लाटर की ओर से इस बारे में कोई फ़ैसला नहीं आया है।
ब्लाटर ने 1975 में डेवलपमेंट डॉयरेक्टर के तौर पर फ़ीफ़ा में काम शुरू किया और 1998 में पहली बार फ़ुटबॉल को चलाने वाली संस्था के अध्यक्ष बने।
ब्लाटर की ओर से एक न्यूज़ एजेंसी को दिए गए बयान में कहा, 'मैंने गियानी को जीत के लिए अपने दिल के कोने से बधाई दिया है।' पांच बार फ़ीफ़ा के अध्यक्ष रह चुके ब्लाटर को फ़ीफ़ा की आचरण समिति ने पैसों में गड़बड़ी के आरोप में बर्खास्त कर दिया था।
79 साल के ब्लाटर ने कहा, 'बदलाव के उपाय शुरू हुए हैं उसकी वजह से गियानी पर दबाव ज़रूर होगा लेकिन मुझे भरोसा है कि वो सभी की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे। गियानी के अनुभव, काबिलियत और रणनीति को देखते हुए लगता है कि वो मेरे द्वारा शुरू किए गए कामों को पूरा करेंगे और फ़ीफ़ा को आगे लें जाएंगे।'
वहीं चुनाव के तुरंत बाद ब्लाटर को फ़ीफ़ा द्वारा दिया गया मकान खाली करने का नोटिस जारी कर दिया गया। फ़ीफ़ा के मुताबिक अगर वो मकान खाली नहीं करते हैं तो उन्हें किराया देना पड़ेगा। फिलहाल ब्लाटर की ओर से इस बारे में कोई फ़ैसला नहीं आया है।
ब्लाटर ने 1975 में डेवलपमेंट डॉयरेक्टर के तौर पर फ़ीफ़ा में काम शुरू किया और 1998 में पहली बार फ़ुटबॉल को चलाने वाली संस्था के अध्यक्ष बने।
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