भारत के सर्वोच्च वरीय पुरुष स्क्वॉश खिलाड़ी सौरव घोषाल को मंगलवार को 17वें एशियाई खेलों के एकल मुकाबलों के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही सौरव स्वर्ण पदक के बेहद पास पहुंच कर भी उससे दूर रह गए। सौरव को रजत से संतोष करना पड़ा।
विश्व के 16वें वरीय सौरव को कुवैत के अल्मेजायेन अब्दुल्लाह ने एक घंटे 15 मिनट में 10-12, 2-11, 14-12, 11-8, 11-9 से हराया। अब्दुल्लाह विश्व रैंकिंग में 46वें स्थान पर हैं।
फाइनल मुकाबले में पहले दो मैच जीतने के बाद ऐसा लग रहा था कि 28 वर्षीय सौरव आसानी से स्वर्ण पर कब्जा जमा लेंगे। कुवैत ने हालांकि इसके बाद शानदार वापसी करते हुए अगले तीनों गेम जीत कर भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। सौरव 2006 और 2010 के एशियाई खेलों के विजेता रहे मलेशिया के ओंग बेंग को हराकर फाइनल में पहुंचे थे।
फाइनल में कुवैत के अब्दुल्लाह से पहला गेम सौरभ ने 21 मिनट में 12-10 से जीता। इसके बाद भारतीय खिलाड़ी ने दूसरे गेम में शानदार प्रदर्शन करते हुए केवल छह मिनट में 11-2 की जीत हासिल की।
इसके बाद हालांकि अब्दुल्लहा ने वापसी की और अगला गेम 14-12 से जीत लिया। चौथे गेम में भी सौरव को 12 मिनट नें 8-11 से हार का सामना करना पड़ा।
आखिरी गेम में घोषाल ने एक समय 6-4 की बढ़त बनाई। अब्दुल्लाह ने हालांकि एक बार फिर वापसी करते हुए 10-7 की बढ़त हासिल कर ली और मैच 11-9 से जीतने में कामयाब हुए।
एशियाई खेलों में सौरभ का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, और एशियाई खेलों के स्क्वॉश स्पर्धा के इतिहास में भी भारत ने पहली बार रजत पदक जीता है।
सौरव इससे पहले दो बार 2006 और 2010 के एशियाई खेलों में एकल कांस्य जीत चुके हैं। साथ ही 2010 की टीम स्पर्धा में भी सौरव ने एक कांस्य जीता था।
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