शीर्ष भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने फाइनल में स्पेन की कैरोलिना मारिन को हराकर 7,50,000 डालर ईनामी राशि की स्टार ऑस्ट्रेलियन सुपर सीरीज ट्रॉफी अपने नाम की।
छठी वरीयता प्राप्त भारतीय खिलाड़ी ने इस साल के शुरू में इंडिया ओपन ग्रां प्री गोल्ड खिताब जीता था। उन्होंने 43 मिनट तक चले फाइनल मुकाबले में दबदबे भरा प्रदर्शन करते हुए 21-18, 21-11 से जीत दर्ज की, जिससे उन्हें 56,000 डॉलर की ईनामी राशि मिली। साइना ने पिछली सुपर सीरीज ट्रॉफी जून, 2012 में इंडोनेशिया ओपन में जीती थी।
खिताबी जीत से खुश इस खिलाड़ी ने कहा, मैं इस जीत से बहुत खुश हूं। मेरी मेहनत का मुझे फल मिला। मेरे कोचों ने मुझे चोटों से दूर रखने के लिए सचमुच काफी कड़ी मेहनत की। यह जीत इससे बेहतर समय में नहीं आ सकती थी।
इस 24-वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, यह मेरे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण वर्ष है, क्योंकि मैं अपने राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक का बचाव करूंगी और एशियाई खेल भी इसी साल आयोजित होंगे। इसलिए इससे मेरे आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी।
साइना का मारिन के खिलाफ रिकॉर्ड 1-0 था, उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ कुछ शानदार शॉट और बेहतरीन वॉली खेलकर शुरुआती गेम में 5-2 की बढ़त हासिल की। लेकिन 21-वर्षीय मारिन भी आसानी से पिछड़ने वाली नहीं थी और उन्होंने इस अंतर को कम कर 6-8 कर दिया।
मारिन ने हालांकि सर्विस की गलती कर साइना को एक आसान अंक भेंट स्वरूप दे दिया, जिससे इस भारतीय ने 11-7 की बढ़त हासिल की। मारिन ने फिर अपने खेल में सुधार किया, लेकिन साइना भी जवाबी हमले के लिए तैयार थीं और उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी के स्मैश का तेजी से जवाब दिया।
इस बीच, मारिन ने कुछ बेहतरीन स्ट्रोक्स खेले, लेकिन ये निरंतर नहीं थे और साइना ने बढ़त 17-12 की कर ली। मारिन की प्रतिबद्धता हर अंक के लिए देखी जा सकती थी, लेकिन संयमित साइना को पछाड़ने के लिए यह काफी नहीं थी। मारिन की आक्रामक भावनाओं से साइना जरा भी प्रभावित नहीं हुईं और इस हैदराबादी खिलाड़ी ने 23 मिनट में 21-18 से पहला गेम अपने नाम कर लिया।
दूसरे गेम में मारिन के दृढ़ संकल्प ने उन्हें 3-1 से बढ़त हासिल करने में मदद की, लेकिन साइना ने जल्द ही वापसी की। उन्होंने बेसलाइन पर कुछ बेहतरीन स्ट्रोक्स से वापसी की। लेकिन शायद मारिन से प्रेरित होकर साइना ने भी कुछ भावनायें दिखाईं, वह प्रत्येक अंक हासिल करने के बाद अपनी कलाई भींचकर 'कम ऑन' चिल्लाते हुए दिखीं। लेकिन एक बार उनकी चीख रैली के बीच में आई, जिसे मारिन ने चेयर अंपायर से शिकायत की, जिन्होंने उन्हें खेलना जारी रखने के लिए कहा।
मारिन को इस ध्यान भंग होने से कोई फायदा नहीं हुआ और साइना ने इस स्पेनिश खिलाड़ी पर 11-4 की बढ़त बना ली। ब्रेक के बाद साइना ने दबदबा जारी रखा और नियमित रूप से मारिन को गलतियां करने के लिए उकसाया, जो शुरुआती गेम जैसा जज्बा दिखाने में जूझ रही थीं। साइना ने इसके बाद अपने कुछ पारंपरिक स्मैश लगाकर प्रतिद्वंद्वी का मनोबल गिरा दिया, जिससे उसके कंधे झुके हुए दिख रहे थे।
लेकिन जीत से पहले कुछ नाटकीय क्षण देखने को मिले। साइना 19 -9 से बढ़त बनाए थीं, लेकिन उन्होंने एक 'लाइन कॉल' को चुनौती दी, जो उनके खिलाफ रही। लेकिन रिप्ले में दिख रहा था कि शटल वाइड गई थी। इस भारतीय ने एक और गलती की, अगला अंक खेलते हुए उन्होंने नेट में स्मैश किया। साइना ने हालांकि इसकी जल्दी भरपाई की और मारिन के वाइड शॉट खेलने से खिताब अपने नाम किया।
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