सेरेना विलियम्स (फाइल फोटो)
मास्को:
रूस के एक हैकिंग ग्रुप ने आरोप लगाया है कि वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी (वाडा) ने अमेरिकी टेनिस स्टार सेरेना, वीनस विलियम्स और रियो ओलंपिक की स्वर्ण पदकधारी जिम्नास्ट सिमोन बाइल्स को प्रतिबंधित पदार्थ लेने की अनुमति दी थी. उनका कहना है कि उन्होंने वाडा का डेटाबेस हैक किया है, जिसमें उन्हें इसकी जानकारी मिली है. हालांकि रूस ने इसमें संलिप्तता से इंकार किया है.
वाडा ने इस खुलासे पर एक ऑनलाइन बयान में साइबर हमले की पुष्टि करते हुए कहा है कि इस हैकिंग के पीछे रूसी साइबर जासूसी समूह का हाथ है और इसे 'गैरकानूनी' तरीके से अंजाम दिया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फैंसी बीयर्स की हैकिंग टीम ने दावा किया है कि उन्होंने इंटरनेट पर कथित रूप से अमेरिकी एथलीटों से संबंधित दर्जनों फाइल लीक की हैं.
दर्जनों अमेरिकी एथलीटों को मिला लाभ
फैंसी बीयर्स के ग्रुप ने अपनी वेबसाइट पर दावा किया, ‘‘वाडा के हैक किए गए डेटाबेस की छानबीन के बाद हमें पता चला कि दर्जनों अमेरिकी एथलीट प्रतिबंधित पदार्थ के पॉजिटिव पाए गए थे.’’ इसके अनुसार, ‘‘रियो ओलिंपिक पदकधारी नियमित रूप से अवैध दवाओं का इस्तेमाल करती थीं, जिन्हें चिकित्सीय उपयोग का मंजूरी प्रमाण पत्र मिला हुआ था.’’ इसके अनुसार, ‘‘दूसरे शब्दों में उन्हें डोपिंग का लाइसेंस मिल गया था.’’
वहीं रूस की ओर से क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोल ने संवाददाताओं को बताया, "यह निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि इस मामले में रूस, यहां की सरकार और कोई भी रूसी सेवा शामिल नहीं है."
सेरेना, बाइ्ल्स को प्रतिबंधित दवाएं लेने की मिली छूट
हैकिंग साइट ने यह भी दावा किया है कि विश्व की पूर्व नंबर-1 महिला टेनिस स्टार सेरेना को 2010, 2014 और 2015 में ऑक्सीकोडोन, हाइड्रोमोफरेन, प्रेडनीसोन और मिथाइलप्रेडनिसोलोन के सेवन की इजाजत थी. सेरेना की बहन वीनस को 2010, 2012 और 2013 में प्रेडनिसोन, प्रेडनिसोलोन और ट्रायेमसिलोन जैसे दवाओं के सेवन की इजाजत थी.
साइट ने यह भी दावा किया है कि सिमोन बाइल्स तो एक बार डोप टेस्ट में नाकाम हुई थीं लेकिन इसके बाद भी उन्हें अयोग्य नहीं करार दिया गया. इस साल अगस्त में बाइल्स को मेथिलफेंडिनेट के सेवन का दोषी पाया गया था लेकिन वह अयोग्य नहीं करार दी गईं. साल 2013 और 2014 में उन्हें डेक्ट्रोएम्फेटामीन के सेवन की इजाजत थी.
वाडा ने इस खुलासे पर एक ऑनलाइन बयान में साइबर हमले की पुष्टि करते हुए कहा है कि इस हैकिंग के पीछे रूसी साइबर जासूसी समूह का हाथ है और इसे 'गैरकानूनी' तरीके से अंजाम दिया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फैंसी बीयर्स की हैकिंग टीम ने दावा किया है कि उन्होंने इंटरनेट पर कथित रूप से अमेरिकी एथलीटों से संबंधित दर्जनों फाइल लीक की हैं.
दर्जनों अमेरिकी एथलीटों को मिला लाभ
फैंसी बीयर्स के ग्रुप ने अपनी वेबसाइट पर दावा किया, ‘‘वाडा के हैक किए गए डेटाबेस की छानबीन के बाद हमें पता चला कि दर्जनों अमेरिकी एथलीट प्रतिबंधित पदार्थ के पॉजिटिव पाए गए थे.’’ इसके अनुसार, ‘‘रियो ओलिंपिक पदकधारी नियमित रूप से अवैध दवाओं का इस्तेमाल करती थीं, जिन्हें चिकित्सीय उपयोग का मंजूरी प्रमाण पत्र मिला हुआ था.’’ इसके अनुसार, ‘‘दूसरे शब्दों में उन्हें डोपिंग का लाइसेंस मिल गया था.’’
वहीं रूस की ओर से क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोल ने संवाददाताओं को बताया, "यह निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि इस मामले में रूस, यहां की सरकार और कोई भी रूसी सेवा शामिल नहीं है."
सेरेना, बाइ्ल्स को प्रतिबंधित दवाएं लेने की मिली छूट
हैकिंग साइट ने यह भी दावा किया है कि विश्व की पूर्व नंबर-1 महिला टेनिस स्टार सेरेना को 2010, 2014 और 2015 में ऑक्सीकोडोन, हाइड्रोमोफरेन, प्रेडनीसोन और मिथाइलप्रेडनिसोलोन के सेवन की इजाजत थी. सेरेना की बहन वीनस को 2010, 2012 और 2013 में प्रेडनिसोन, प्रेडनिसोलोन और ट्रायेमसिलोन जैसे दवाओं के सेवन की इजाजत थी.
साइट ने यह भी दावा किया है कि सिमोन बाइल्स तो एक बार डोप टेस्ट में नाकाम हुई थीं लेकिन इसके बाद भी उन्हें अयोग्य नहीं करार दिया गया. इस साल अगस्त में बाइल्स को मेथिलफेंडिनेट के सेवन का दोषी पाया गया था लेकिन वह अयोग्य नहीं करार दी गईं. साल 2013 और 2014 में उन्हें डेक्ट्रोएम्फेटामीन के सेवन की इजाजत थी.
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